न्यूज डेक्स संवाददाता
रोहतक। आज आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन संबंधित एआईयूटीयूसी ने मानसरोवर पार्क में इकट्ठा होकर जनसभा की और लघु सचिवालय तक जुलूस निकालकर अपना मांग पत्र सौंपा। जुलूस की अगुवाई एआईयूटीयूसी के प्रदेश सचिव हरिप्रकाश आंगनबाड़ी प्रदेश महासचिव पुष्पा दलाल जिला प्रधान रोशनी चौधरी, जिला सचिव सुनीता वर्मा ने की। आंगनवाड़ी नेत्री पुष्पा दलाल ने बताया कि 4 अप्रैल को हड़ताल वापस लेने के समय विभाग व सरकार द्वारा जिन मुद्दों को लेकर आश्वस्त किया गया था उसके आधार पर तालमेल कमेटी ने संयुक्त रूप से 5 अप्रैल को हड़ताल वापस ले ली थी। सरकार व विभाग द्वारा स्वीकार किया गया था कि सभी बर्खास्त कार्यकर्ता व सहायिकाओं को जल्द बहाल करके ड्यूटी ज्वाइन करवाई जाएगी। हड़ताल के दौरान बने पुलिस केस वापस लिए जाएंगे हड़ताल का मानदेय 100 रूपये माह कटौती के साथ जारी होगा। लेकिन करीब डेढ़ महीना गुजर जाने के बाद भी उन्हें लागू नहीं किया गया है। जिसे लेकर राज्य भर के आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं रोष है।
ट्रेड यूनियन नेता हरिप्रकाश ने कहा कि यूनियन ने सरकार को कई बार लिखकर इसे लागू करने के लिए कहा है। विभाग अधिकारियो से मिले हैं। अभी भी शीर्ष अधिकारियों से वार्ता के लिए पत्र भेजे गए है। लेकिन विभाग व सरकार द्वारा इन मामलों के निपटारे में देरी की जा रही है। इसलिए हरियाणा सरकार की ओर से की जा रही घोर उपेक्षा के खिलाफ आज यह प्रदर्शन किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि जो एडिशनल चार्ज दिया गया है उसका 250 रुपये की बजाय महीने का आधा मानदेय दिया जाए। जितने भी खाली पड़े पड़ हैं उनको तुरंत भरा जाए।
जिला प्रधान रोशनी चौधरी ने बताया कि राज्य में 975 आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को बर्खास्त किया गया है जिनमे से अधिकतर गरीब परिवारों से हैं और विधवा हैं। सरकार द्वारा इनके साथ भारी ज्यादती की जा रही है। इसी प्रकार से 4 महीने का मानदेय जारी नहीं किया गया है। हजारों आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स भारी आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रही हैं। पुलिस केस वापस नहीं लिए हैं। हमारी सरकार से मांग है कि तुरंत इन मुद्दों को हल करे। सरकार हमारे धैर्य की परीक्षा न ले। हमें दोबारा से अनिश्चितकालीन धरना टेकने पर मजबूर न करे। आज प्रदर्शन में पुष्पा दलाल, रोशनी चौधरी, सुनीता वर्मा, रोजी, कौशल्या चहल, संतोष सरोहा, दर्शना, मुनेश, एआईडीएसओ छात्र नेता एचएस राजेश, हरीश कुमार, कमर्चारी नेता जोगेन्दर करौंथा ने भी अपने विचार रखे।