Friday, November 22, 2024
Home haryana घर फूंक थियेटर फेस्टिवल : समाज की नकारात्मक सोच पर प्रहार किया नाटक ‘तफ़्तीश’ ने

घर फूंक थियेटर फेस्टिवल : समाज की नकारात्मक सोच पर प्रहार किया नाटक ‘तफ़्तीश’ ने

by Newz Dex
0 comment

न्यूज डेक्स संवाददाता

रोहतक। ‘आम लोगों को न्याय दिलाने के लिए ज़िम्मेदार सुरक्षाकर्मी जब पूर्वाग्रह से ग्रस्त हो जाते हैं, तो किस तरह किसी मासूम को आतंकवादी तक साबित कर देते हैं’ यही कहानी थी सप्तक रंगमंडल और पठानिया वर्ल्ड कैंपस के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे ‘घरफूंक थियेटर फेस्टिवल’ में मंचित इस बार के नाटक ‘तफ़्तीश’ की। ड्रामाटर्जी आर्ट्स एंड कल्चर सोसायटी, दिल्ली के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत तफ़्तीश में दिखाया गया कि वर्तमान में एक खास समुदाय के प्रति हो रहे नकारात्मक प्रचार से समाज किस कदर कुंठित हो सकता है और उस समाज के आम नागरिकों को भी इसके क्या दुष्परिणाम भुगतने पड़ते हैं। रंगकर्मी सुनील चौहान के निर्देशन में ड्रामाटर्जी के कलाकारों की रौंगटे खड़े कर देने वाली तफ़्तीश की प्रस्तुति ने करीब एक घंटे तक दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। 

राजेश कुमार द्वारा लिखित नाटक “तफ्तीश” समाज पर गहरी चोट करता है। एक विशेष समुदाय को किसी आतंकी गिरोह से जोड़कर किस प्रकार उसका शोषण किया जाता है, पूरा नाटक इसी के इर्द गिर्द घूमता है। नाटक में रेहान (जिस किरदार को हैरी निशांत सिंह ने निभाया) इसी विशेष समुदाय का हिस्सा है जो अपने दोस्त गुलशाद (जिसे विनोद ने निभाया) से मिलने पुलिस स्टेशन आता है। लेकिन वहां एक ग़लतफ़हमी की वजह से एटीएस के अफ़सर राघवेंद्र (अमन शर्मा), असदुल्लाह (अंकुर भारद्वाज), भरत (मोहम्मद अकीब), भाटी (कुलदीप कसाना) आदि द्वारा उसे आतंकी ठहरा दिया जाता है।

यह नाटक हर किसी को सोचने पर मजबूर करता है कि किसी भी दुर्घटना को इस विशेष समुदाय के साथ जोड़ना कहां तक जायज़ है। नाटक मे अजय मिस्त्री, अंकुर भरद्वाज, अमन शर्मा, मो.अकीब, कुलदीप कसाना, निशांत सिंह ने मुख्य भूमिकाएं निभाई। विनोद कुमार, धीरज, नितेश व प्रतीक ने भी अपने-अपने किरदारों से न्याय किया। नाटक मे संगीत सागर भटराइ ने दिया, जबकि प्रकाश व्यवस्था सुनील चौहान व बैक स्टेज रंजीत राणा द्वारा किया गया।

इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय जेवलिन कोच गुलशन शर्मा, पीएनबी के चीफ़ मैनेजर वाई पी छाबड़ा, सप्तक के अध्यक्ष विश्वदीपक त्रिखा, संगीतकार सुभाष नगाड़ा, श्रीभगवान शर्मा, शक्ति सरोवर त्रिखा, अजहरुद्दीन, महक कथूरिया, सुरेन्द्र शर्मा, रिंकी बतरा, यतिन वाधवा, अमित शर्मा और मनोज कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संयोजन महक ने किया। समापन करते हुए वाई पी छाबड़ा ने कहा कि रंगमंच का यही उद्देश्य है कि वह पूरी निर्भीकता से अपने समय की सच्चाई को सबके सामने लाए। अगर रंगकर्मी ऐसा नहीं करते, तो वे अपने समाज से ही नहीं, खुद से भी धोखा करते हैं। प्रस्तुत नाटक इस उद्देश्य में पूर्णतः सफल रहा है।

You may also like

Leave a Comment

NewZdex is an online platform to read new , National and international news will be avavible at news portal

Edtior's Picks

Latest Articles

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00