पिपली विश्रामगृह में सीएम ने किया फिल्म 48 कोस के प्रोमो और पोस्टर का अनावरण
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र।धर्मनगरी कुरुक्षेत्र प्राचीन काल से ही धर्म और अध्यात्म की नगरी रही है। धर्म और अध्यात्म की इस नगरी ने न केवल ऋषि-मुनियों, संतों और इतिहासकारों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है, बल्कि अब फिल्मकार भी धर्मनगरी कुरुक्षेत्र और ‘48 कोस’ की परिक्रमा को ध्यान में रखकर फिल्मों का निर्माण करने लगे हैं। हिन्दी फीचर फिल्म ‘48 कोस’ भी धर्मनगरी कुरुक्षेत्र को विश्वभर में धर्म और अध्यात्म का संदेश देगी, इस बात में कोई संशय नहीं है। यह कहना है प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का। आज पिपली विश्रामगृह में हिन्दी फीचर फिल्म ‘48 कोस’ का पोस्टर और प्रोमो का अनावरण करने के उपरांत फिल्म के पोस्टर और प्रोमो को देखकर मुख्यमंत्री गदगद हो गए।
उन्होंने उत्सुक्ता पूर्वक फिल्म के निर्माता और निर्देशक राजिन्द्र वर्मा ‘यशबाबू’ से फिल्म की कहानी भी जानी और फिल्म की कहानी सुनने के उपरांत उन्होंने कहा कि ये बेहद अच्छी बात है कि जहां केन्द्र और प्रदेश सरकार धर्मनगरी कुरुक्षेत्र को विश्व पटल पर प्रचारित करने के लिए लगातार प्रयासरत है, वहीं धर्म और अध्यात्म से लोगों को जोड़ती फिल्म ‘48 कोस’ भी कुरुक्षेत्र की ख्याति को विशेषकर 48 कोस परिक्रमा की ख्याति को विश्वभर में प्रचारित करने का काम करेगी। इस मौके पर विधायक सुभाष सुधा ने यशबाबू एंटरटेनमैंट के बैनर तले निर्मित इस फिल्म की सराहना की। फिल्म के निर्माता, निर्देशक राजिन्द्र वर्मा यशबाबू ने बताया कि फिल्म ‘48 कोस’ आगामी 8 जुलाई को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज होगी।
फिल्म की पृष्ठभूमि में कुरुक्षेत्र के प्राचीन इतिहास और संदेश को दुनियाभर में प्रचारित करने का प्रयास किया गया है। मनोरंजन और संदेशप्रदान इस फिल्म में प्रख्यात बॉलीवुड अभिनेता अरुण बक्शी, पंकज बेरी, अनिल धवन, अनिल वर्मा, पारूल कौशिक, जागृति ठाकुर, योगिता पॉल, नलिनी खत्री, रमन नासा, जे.डी. बल्लू, शिव खुराना सहित कई रंगमंच से जुड़े कलाकारों ने अहम भूमिका निभाई है। इस फिल्म में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज जी भी धर्म और अध्यात्म का संदेश देते दिखाई देंगे। इस मौके पर भाजयुमो प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य साहिल सुधा, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के सदस्य सौरभ चौधरी, मुलतान सभा के प्रधान प्रदीप झांब, लायंस क्लब के पूर्व प्रधान संजीव सेठ, कृष्ण धमीजा, डॉ. राजेश वधवा आदि भी मौजूद थे।