आर्यन/न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 29 सितंबर। डॉ. हार्बर्ट बीरोसलासना, बीकोन विश्वविद्यालय, अलबे फिलीपींस ने कहा कि विश्व शान्ति के लिए नैतिक कल्पना, शान्ति निर्माण की आत्मा एक कला है। उन्होंने विश्व शान्ति में विवाद रूपांतरण के बारे में प्रतिभागियों को अवगत करवाया। वे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पंचवर्षीय विधि संस्थान व यूजीसी मानव संसाधन विकास केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में चल रहे द्विसाप्ताहिक आनलाईन रिफ्रेशर कोर्स में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि हर मनुष्य को नैतिक कल्पना करनी चाहिए ताकि वह एक नैतिक व शान्तिपूर्ण समाज के निर्माण में सहयोग कर सके। उन्होंने भारतीय संस्कृति की सराहना की। उन्होंने महात्मा गांधी के अहिंसा परमो धर्मः के सिद्धान्त की सराहना की व उसे विश्व शान्ति का आधार बताया।
पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से प्रो. मनविंदर कौर ने कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन योषण व उत्पीड़न पर अभिभाषण देते हुए विभिन्न तरह के यौन उत्पीड़न व यौन उत्पीड़न से सम्बन्धित कानूनी प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की। यौन उत्पीड़न की वजह से महिलाओं में बढ़ रहे मानसिक तनाव पर भी अपने विचार प्रतिभागियों के साथ सांझा किए।
सायंकालीन सत्र में प्रो. आनंद पंवार राजीव गांधी नेशनल लॉ विश्वविद्यालय, पटियाला ने प्रतिभागियों के साथ सोशल मीडिया में बिचौलियों का दायित्व विषय पर चर्चा की। आज के इस आधुनिक युग में वार्तालाप व बातचीत के माध्यम में सबसे बड़ा रूपांतरण हुआ है। इस रूपांतरण का हमारे दैनिक जीवन में बहुत बड़ा महत्व है। परन्तु इस माध्यम के उपयोग करने के कुछ नियम है जिनके माध्यम से सोशल मीडिया के दुरूपयोग को रोका जा सकता है।
उन्होंने प्रतिभागियों के साथ सोशल मीडिया से सम्बन्धित कानून प्रावधानों के बारे में बताया। प्रो. सुनील यादव, अध्यक्ष, विधि विभाग ने प्रतिभागियों से श्रम कानून का सामाजिक रूपांतरण में महत्व पर अपने विचार सांझा किए। उन्होंने कहा कि श्रम कानून से जन-साधारण की जीवन शैली पर बहुत प्रभाव पड़ता है।
कोर्स संचालक डॉ. नीरज बातिश ने बताया कि सभी प्रतिभागियों ने बड़ी सक्रियता से सभी सत्रों में भाग लिया। प्रतिभागियों ने विदेशी विषय विशेषज्ञ के द्वारा भारतीय संस्कृति की सराहना करने पर आभार व्यक्त किया। डॉ. गगनदीप, डॉ. सुलोचना, सुरेन्द्र जागलान, डॉ. सरोज जैन, डॉ. कुलदीप पुनिया ने विषय विशेषज्ञों से प्रश्न पूछे। डॉ. रेखा व डॉ. हरीश कुमार ने कल के सत्रों की रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा डॉ. शिखा सैनी व डॉ. सुनील दत्त ने सत्रों का मंच संचालन किया।