डॉ. प्रदीप गोयल/न्यूज डेक्स संवाददाता
शाहाबाद। आज अक्सर देखा जाता है कि लोगों की कथनी और करनी में बहुत अंतर होता है। लेकिन शाहबाद शुगर मिल के एमडी राजीव प्रसाद ने इस महीने की सैलरी ना लेकर एक उदाहरण प्रस्तुत किया और किसानों से गन्ने की बकाया पेमेंट क्लियर होने तक सैलरी ना लेने के अपने वायदे को निभाया। बता दें कि आज से लगभग 20 दिन पूर्व किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल रामकुमार बहावी और जयपाल चढूनी के नेतृत्व में शुगर मिल के एमडी राजीव प्रसाद से मिला था और गन्ने की बकाया पेमेंट शीघ्र करने की मांग की थी। किसानों ने धान की बिजाई एवं लेबर आदि अन्य खर्चे के लिए पेमेंट की जरूरत बताई थी। जिस पर एमडी ने कहा था कि वह इस समय इस्माइलाबाद के चुनावों में रिटर्निंग अधिकारी के तौर पर व्यस्त हैं और वहां से खाली होने के एकदम बाद वह किसानों की पेमेंट करवाने का प्रयास करेंगे। लेकिन साथ ही यह वादा भी किया था कि जब तक किसानों के गन्ने की बकाया पेमेंट नहीं होगी तब तक वह भी सैलरी नहीं लेंगे। ताकि उन्हें यह एहसास रहे कि जब धन की तंगी होती है तो क्या-क्या समस्याएं सामने आती हैं। मिल के सीएओ दीपक खटोड़ जब सैलरी स्लिप लेकर एमडी राजीव प्रसाद के साइन करवाने आए तो उन्होंने स्पष्ट मना कर दिया और कहा कि उन्होंने किसानों से वायदा किया था और जब तक किसानों के बकाया पेमेंट नहीं होगी वह सैलरी नहीं लेंगे। उन्होंने बताया कि उनकी शुगर फेडरेशन के फाइनेंसियल एडवाइजर वीरेंद्र ढुल और प्रदेश के वित्त विभाग के अन्य अधिकारियों से बातचीत हुई है और शीघ्र ही मिल को मिलने वाली सब्सिडी राशि मिल जाएगी जिससे किसानों के गन्ने की बकाया राशि अदा कर दी जाएगी।