गठबंधन सरकार को प्रदेश के लाखों बेरोजगारों की कोई चिंता नहीं
सेंट्रल फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी के मुताबिक 30.06 प्रतिशत बेरोजगारी दर के साथ हरियाणा फिर नम्बर वन
न्यूज डेक्स संवाददाता
महम।जन सेवक मंच के संयोजक एवं महम से आजाद विधायक बलराज कुंडू ने राज्य की बेरोजगारी दर को लेकर एक बार फिर से प्रदेश की गठबंधन सरकार की नीयत और नीतियों पर गंभीर सवाल उठाए हैं।आज यहां हलके में विभिन्न कार्यक्रमों में लोगों से रूबरू हुए विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि सत्ता पक्ष के जो लोग आज रोजगार के बड़े-बड़े दावे और प्रचार करते हुए अग्निवीरों को नौकरी की गारंटी देते नहीं थक रहे उनकी गलत नीतियों ने हरियाणा में बेरोजगारों की नई फौज़ तैयार कर दी है। बेरोजगारी के मामले में हरियाणा लगातार कई महीने से देश भर में टॉप पॉजिशन पर बना हुआ है और सेंट्रल फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी (सीएमआईई) के नवीनतम आंकड़ों में फिर से हरियाणा को 30.06 प्रतिशत बेरोजगारी दर के साथ नम्बर 1 पॉजिशन पर कायम रखा है जबकि देश में यह दर 7.8 फीसदी है।
बलराज कुंडू ने कहा कि हरियाणा की इस बदहाल तस्वीर के लिये पूरी तरह भाजपा जजपा गठबंधन सरकार की गलत नीतियां जिम्मेदार हैं। साल 2022 के 6 महीने बीत चुके लेकिन अभी तक एक भी भर्ती नहीं निकालना सरकार की इन्हीं गलत नीतियों को उजागर कर रहा है। सरकार युवाओं के लिए नौकरियां निकाल नहीं रही और प्राइवेट सेक्टर लगातार छंटनी करता जा रहा है ऐसे में बेरोजगार युवा आखिर कहां जाएं, क्या करें ? यह एक ऐसा सवाल बन गया है जिसका जवाब देने के लिये सरकार सीएमआईई के आंकड़ों को ही हर बार गलत ठहरा देती है। एक प्रतिष्ठित एजेंसी के विश्लेषण को गलत ठहरा कर सरकार अपनी जिम्मेदारी से आखिर कब तक भागती रहेगी ?
महम विधायक बलराज कुंडू ने सीएमआईई के नवीनतम आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 19 वर्ष की आयु में आज प्रदेश का प्रत्येक दूसरा युवक बेरोजगारी का शिकार है तो 20 से 24 साल की आयु वर्ग में 41 प्रतिशत बेरोजगारी दर है। यह ऐसी उम्र होती है जब किसी भी नौजवान को जॉब की लगन सबसे अधिक होती है लेकिन हालात देखकर लगता है कि वर्तमान सरकार किसी को रोजगार देना ही नहीं चाहती जबकि सरकार का यह नैतिक कर्तव्य होता है कि वह अपने प्रदेश की खुशहाली के लिए योजनाएं बनाए और रोजगार सृजन करते हुए युवाओं को अपने पैरों पर खड़े होने में मदद करे।
जन सेवक मंच संयोजक बलराज कुंडू ने कहा कि बेरोजगारी में अर्बन एरिया से भी बुरे हालात रूरल यानी ग्रामीण क्षेत्रों के हो चले हैं जहां 34.01 फीसदी की बेरोजगारी दर है परन्तु सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है। ऐसी सूरत में नौजवान पीढ़ी निराश होकर रास्ते से भटक कर अपराध की दलदल में धँसती जा रही है जो चिंता का बड़ा विषय है और सरकार को इसके बारे में सोचना चाहिए।