न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र,30 सितंबर। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी )कुरुक्षेत्र के कंप्यूटर एप्लिकेशन्स विभाग द्वारा ‘सिमेंटिक इंटेलिजेंस एप्लिकेशन्स एंड पर्सपेक्टिवस’ विषय पर आयोजित संकाय विकास कार्यक्रम का समापन बुधवार को संस्थान में ऑनलाइन किया गया।
पांच दिनों तक चले इस संकाय विकास कार्यक्रम में आईआईआईटी दिल्ली से डॉ राघव मुथराजु, आईबीएम रिसर्च लैब से डॉ सुमित भाटिया,टीसीएस रिसर्च लैब से डॉ हिरण्मय घोष व डॉ सी.अनंतराम, आईआईटी दिल्ली से डॉ माया रामनाथ, आईआईटी मद्रास से डॉ पी. श्रीनिवास कुमार व डॉ गंधम फणिकुमार, सिमेंटिक वेब इंडिया से डॉ आशा सुब्रमण्यम, विप्रो लिमिटेड से डॉ अरिंदम चटर्जी, इसरो केरला से डॉ उमा संकरी एस.एस. तथा एनआईटी कुरूक्षेत्र के पूर्व प्रोफेसर डॉ पी.जे. फिलिप अपने विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किए।
इस संकाय विकास कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को गुगल, सिमेंटिक खोज, लिंक्इडन इकोनॉमिक ग्राफ, आईबीएम वाटसन, एप्पलस सिरी, अमेज़्ॉन रिकमेन्डेशन सिस्टम, फेसबुक एंटिटी ग्राफ से सम्बंधित वास्तविक जीवन से जुड़े कई तरह के परिदृश्य प्रतिभागियों के समक्ष प्रस्तुत किए गए। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम के दौरान यह भी विस्तार से बताया गया कि इस तरह के अनुप्रयोगों पर स्वयं कैसे काम कर सकते है और इन्हें किस प्रकार से और अधिक विकसित किया जा सकता है।
कार्यक्रम की समन्वयक डॉ सारिका जैन ने बताया कि इस कार्यक्रम में अनुसंधान के क्षेत्र में कार्य करने वाले वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, शोद्यार्थियों और चिकित्सकों को वास्तविक दुनिया में आने वाली समस्याओं को हल करने में अर्थ तकनीकों और ज्ञान पर आधारित प्रणालियों के बारे में बताया गया। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम ऑल इंडिया कौंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) द्वारा प्रायोजित किया गया था और इस कार्यक्रम में देशभर से करीब 3000 से अधिक आवेदन इस कार्यक्रम के लिए प्राप्त हुए थे जिनमें से 200 प्रतिभागियों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर संकाय विकास कार्यक्रम में भाग लेने की अनुमति प्रदान की गई थी। इसके पश्चात उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के अंतिम चरण में कार्यक्रम से प्राप्त ज्ञान के परीक्षण के लिए एक ऑनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जिसमें सफल होने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।