शैक्षणिक संस्थानों को उद्योग से आगे की सोचने की आवश्यकता-प्रो. बीके कुठियाला
भारतीय दृटिकोण से प्रदेश के विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक व्यवस्था को देखने की आवश्यकता-डा.कैलाश चंद्र शर्मा
न्यूज डेक्स संवाददाता
पंचकूला। अकादमिक संस्थानों को प्रोफेशनल संस्थानों से एक कदम आगे होना चाहिए। विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में भविषय के लिए अवसर पर कार्य करने करने यह बेहतर समय है। उच्च शिक्षा से जुड़े विद्यार्थी आने वाले कल को समाज में नेतृत्व देने के लिए तैयार हो रहे है। उन्हें सही दिशा में ले जाने का कार्य विश्ववि़द्यालय का है। उक्त बातें हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष परिषद् कार्यालय सभागार में बुधवार को आयोजित ब्रेन स्टॉर्मिंग सत्र में कुलपतियों, प्राध्यापकों और उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि र्टेडिशनल नॉजेल सिस्टम के साथ विकसित हो रहे क्षेत्रों के लिए भी कौशलयुक्त संसाधन का प्रबंधन करना विश्वविद्यालयों का कार्य है।
विश्वविद्यालयों को राजनीति और समाज को केन्द्र बनाकर सामाजिक विकास के लिए इको सिस्टम बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के विश्वविद्यालय इस दिशा में बेहतर कार्य करना शुरू कर दिये है। प्रो. बीके कुठियाला ने गुरूग्राम विश्वविद्यालय के विजन प्रेजेंटेशन पर कहा कि प्रदेश में दो तरह के विश्वविद्यालयों की संकल्पना की गई है। पहले तरह के विश्वविद्यालय में प्रदेश की आवश्यकता अनुसार लोगों का तैयार किया जाएगा। उनके कार्य करने की क्षमता को प्रशिक्षण के माध्यम से कौशलयुक्त किया जाएगा। दूसरे तरह के विश्वविद्यालय में भविष्य के 20 वर्षों को ध्यान रखते हुए शोध, मानव संसाधन का प्रशिक्षण, सोशल सिस्टम में नवाचार, निजी और शासकीय क्षेत्रों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए कार्य करने की योजना है। प्रो. कुठियाला ने कुलपतियों को कहा कि क्वांटम कम्प्यूटर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, क्लाउड की ओर भारत के शैक्षणिक संस्थानों का भविष्य अग्रसर हो रहा है।
ब्रेन स्टॉर्मिंग सत्र में परिषद् के उपाध्यक्ष डॉ. कैलाशचंद्र शर्मा ने कहा कि भारतीय दृटिकोण से प्रदेश के विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक व्यवस्था को देखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विजन डाक्यूमेंट किसी भी संस्थान के लिए भविष्य की कार्य योजना होती है। बुधवार को गुरूग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कूमार ने हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद् द्वारा आयोजित ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन में विश्वविद्यालय के बेहतरी के लिए विश्वविद्यालयों के कुलपति, प्रोफेसर, औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधियों एवं वैज्ञानिकों के समक्ष विश्वविद्यालय का विजन डाक्यूमेंट प्रस्तुत की। प्रो. कुमार ने परिषद् द्वारा आयोजित ब्रेन स्टॉर्मिंग सत्र में विद्वानों से प्राप्त सुझावों को स्वीकार करते हुए विश्वविद्यालय के विकास को ध्यान मेंरखने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इस सत्र से विश्वविद्यालय के लिए नया विजन प्राप्त हुआ है और इसको लागू कर विश्वविद्यालय के विकास को सुनिश्चित किया जाएगा। सत्र के अंत में परिषद् के परामर्शदाता केके अग्निहोत्री ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया।