संंसद में है बहुमत, धर्मस्थान यथास्थिति कानून 1993 हो निरस्त-डा.तोगड़िया
तोगड़िया ने कहा काशी विश्वनाथ और कृष्ण जन्मभूमि के मूल स्थान पर बने भव्य मंदिर
न्यूज डेक्स इंडिया
दिल्ली/अहमदाबाद,30 सितंबर। अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद (एएचपी) के संस्थापक अध्यक्ष डा.प्रवीण भाई तोगड़िया ने अयोध्या में बाबरी ढांचा गिराने के मामले में बुधवार को सुनाये गये फैसले का स्वागत किया। इसी के साथ उन्होंने धर्मस्थान यथास्थिति कानून 1993 को भी निरस्त करने की मांग उठाई है।
उन्होंने कहा कि पिछले 28 वर्षों में कई सरकारें बदली, लेकिन जिन सम्मानित हिंदुओं पर झूठे केस दर्ज कराये गये थे,उनका यह मुकदमा किसी सरकार ने वापस नहीं लिया,जबकि इस फैसले के इंतजार में 49 में से 17 सम्मानित हिंदू स्वर्ग सिधार चुके हैं। डा. तोगड़िया ने कहा कि आज लखनऊ सीबीआई न्यायालय ने शेष सभी 32 हिंदुओं को निर्दोष घोषित किया इस निर्णय का अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और राष्ट्रीय बजरंग दल स्वागत करता हैं।
डा.तोगड़िया ने कहा कि पू. महंत रामचंद्र परमहंस दास जी, पू. महंत अवैद्यनाथ जी, मा. अशोकजी सिंघल, मा. विष्णु हरि दालमिया जी, मा. गिरिराज किशोर जी सहित 17 विभूतियां आज हमारे बीच नहीं है। अगर उन के होते यह निर्णय आता तो बहुत अच्छा होता। उन्होंने कहा कि देरी से ही सही, न्याय मिला।
डा.तोगड़िया ने सरकार से मांग की है कि अब धर्मस्थान यथास्थिति कानून 1993 निरस्त किया जाए। उन्होंने कहा कि भगवान काशी विश्वनाथ और मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि हिंदुओं की आस्था के प्रमुख केंद्र हैं और मूल जगह पर मंदिर बनना चाहिये। तोगड़िया ने कहा कि अब संसद में बहुमत है।