न्यूज डेक्स संवाददाता
रोहतक। ‘नाटक का काम सम्पूर्ण व्यक्तित्व के विकास का काम है। नाटक करते हुए हम न केवल एक दूसरे पर भरोसा करना, मिलकर काम करना, चीज़ों व परिस्थितियों को ऑब्ज़र्व करना, तुरन्त फैसला करना, समय और स्थान का बेहतर उपयोग करना सीखते हैं, बल्कि यह हमें रचनात्मक, संवेदनशील, ज़िम्मेदार व आत्मविश्वासी भी बनाता है। इसीलिए नाटक से जुड़े लोग अधिक प्रभावशाली तथा बेहतर इंसान होते हैं।’ यह बात बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव एडवोकेट दीपक भारद्वाज ने यहां चल रही नाटक कार्यशाला के समापन अवसर पर प्रतिभागियों से बात करते हुए कही।उन्होंने कार्यशाला के आयोजन हेतु रंगकर्मी विश्वदीपक त्रिखा, सुजाता, अजहरुद्दीन तथा जगदीप जुगनू को बधाई दी तथा प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र देकर उनका हौसला बढ़ाया।
गौरतलब है कि इस सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कला और सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा द्वारा वरिष्ठ रंगकर्मी विश्व दीपक त्रिखा के निर्देशन में स्थानीय पथ सोसाइटी के प्रांगण में किया गया था। कार्यशाला का संचालन करते हुए सुजाता रोहिल्ला ने बाल एवं युवा रंगकर्मियों को इम्प्रोवाइजेशन, ट्रस्ट बिल्डिंग,ऑब्जरवेशन, आपसी समन्वय, डिक्शन और स्थिति परक नाट्य मॉड्यूलेशन से जुड़े अभ्यास करवाते हुए उन्हें नतकव जीवन में इनके महत्व पर प्रकाश डाला। और वॉयस मॉड्यूलेशन पर काम किया। उन्होंने बच्चों के अंदर आत्मविश्वास व एक-दूसरे पर भरोसा जगाने के लिए ऐसी एक्सरसाइज करवाई जिसमें अभिनेता दूसरे व्यक्ति पर पूर्ण विश्वास कर के खुद को हर स्थिति के लिए तैयार कर सके। इस दौरान स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स के फाइनल ईयर के छात्र अजहर ने वाइस मीटर पर बच्चों को सिखाया कि सात सुरों के साथ मिल कर किस तरह आवाज़ को बुलंद किया जा सकता है। डिक्शन में बच्चों को स्वर और व्यंजन की बारीकियां सिखाई गई। उन्होंने बताया कि नाटक में साफ बोलना कितना जरूरी है। इसके लिए प्रतिभागियों को उच्चारणपरक अभ्यास कार्य भी करवाया।
कार्यशाला में बच्चों को अलग-अलग घटनाओं व कहानियों पर नाटक बनाने का अभ्यास भी करवाया गया। बच्चों के समूह बना कर उन्हें कहानी या सिचुएशन दी गई, जिस पर बच्चों ने खुद ही नाटक तैयार करके सबके सामने प्रस्तुत किए। बाद में स्रोत व्यक्तियों ने उनकी कमियों व खूबियों पर चर्चा की। इस दौरान प्रतिभागियों ने नृत्य और खेलों का भी आनंद लिया। बीच-बीच में कपिल सहगल, तरुण पुष्प त्रिखा, सिद्धार्थ भारद्वाज, सुभाष नगाड़ा, शक्ति सरोवर त्रिखा, अविनाश सैनी, रिंकी बतरा, महक कथूरिया, यतिन वधवा, विकास रोहिल्ला और जगदीप जुगनू ने भी प्रतिभागियों के साथ अपने अनुभव सांझा किए। इस दौरान ललित, वंशिका, तुषार, दीपक, राहुल, निशा, पावनी, गर्व, सोनदीप, शालिनी, अनुष्का आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।