ब्रिटेन वासी खुश,शौनक परिवार खुश,भारतीय खुश,ब्राह्मण समाज खुश,पंजाब खुश, 180 साल बाद आखिरी मुगल बहादुर शाह जफर के बोल सच हुए तो मुस्लिम समाज खुश
पांच सितंबर को होगी नए प्रधानमंत्री की घोषणा
न्यूज डेक्स इंडिया
दिल्ली।ब्रिटेन की जागरुक जनता ने ऋषि शौनक की कार्यक्षमता से प्रभावित होकर उन्हें अपने नए प्रधानमंत्री के रुप में पिछले चरणों में उन्हें आगे रखा हुआ है। ब्रिटेन की जनता शौनक के प्रति खुश और उत्साह में हैं। भारत की जनता इस लिए खुश है कि जिन अंग्रेजों ने भारत पर राज किया आज उन्हीं के देश में प्रधानमंत्री पद पर भारतीय मूल के एक व्यक्ति के काबिज होने के आसार बन रहे हैं। ऋषि शौनक ने पाकिस्तान मूल के एक ब्रिटिश राजनेता के साथ मिलकर ब्रिटिश मूल के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन का तख्ता पलट कर उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया और ब्रिटेन की जनता में अपने प्रति विश्वास पैदा कर इस महत्वपूर्ण पद के करीब पहुंचाने में मदद की है। अभी तक परिणाणों से शौनक के परिवार के सदस्य इस लिए बहुत खुश हैं। ब्राह्मण समाज इसलिए खुश है कि उनकी जाति के विद्वान ऋषि शौनक ने यह कारनामा किया।शौनक के ग्रेट ब्रिटेन का प्रधानमंत्री पद के लिए चल रही प्रक्रिया में अब तक आगे होने की घोषित के बाद सोशल मीडिया पर ब्राह्मण समाज के लोगों ने जय परशुराम के नारे लिखते हुए ब्रिटेन वासियों और ऋषि शौनक को बधाइयां प्रेषित कर दी।भारत का पंजाब प्रांत इस लिए खुश है कि ब्रिटेन के जो नए प्रधानमंत्री बन सकते हैं,उनकी जड़े पंजाब से जुड़ी हैं, मुस्लिम समाज इसलिए खुश दिख रहा है कि 180 साल पहले मुगल शासक और 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नायक बहादुर शाह जफर ने जो बोला था वह सच हो गया।अपनी गिरफ्तारी के समय बहादुर शाह जफर ने अंग्रेज आफिसर को अपनी राष्ट्र भक्ति भरे शब्दों में बोला था…
ब्रिटेन में चुनाव प्रक्रिया 12 जुलाई से शुरु हो चुकी है,13 जुलाई,पहले दौर का मतदान हो चुका है,30 से कम मतों वाले उम्मीदवार रेस से बाहर हो गए हैं, 14 जुलाई दूसरे दौर का मतदान हुआ,जिसमें सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार रेस से बाहर हुए हैं। अब 18-21 जुलाई को चुनाव प्रक्रिया चलेगी और दो उम्मीदवारों के रहने तक लगातार मतदान जुलाई अगस्त जारी रहेगा और देश भर में अंतिम दो उम्मीदवारों के लिए पार्टी के सदस्य वोट करेंगे तथा पांच सितंबर को नए पीएम की घोषणा हो जाएगी।
दम दमें में दम नहीं,अब खैर मांगों जान की
ए जफर,अब मयान हो चुकी है,शमशीर हिंदुस्तान की
हिंदीओं में बू रहेगी जब तलक ईमान की,
तख्ते लंदन तक चलेगी तेग हिंदुस्तान की
भारतीय धर्म ग्रंथ और ऋषि शौनक के बारे में यह उल्लेख
सनातन धर्म के ग्रंथों व पुराणों में काल को मन्वंतरों में विभाजित कर प्रत्येक मन्वंतर में हुए ऋषियों के ज्ञान और उनके योगदान को परिभाषित किया है। इसके अनुसार प्रत्येक मन्वंतर में प्रमुख रूप से 7 प्रमुख ऋषि हुए हैं। जिनमें से एक थे ऋषि शौनक।पुराणों में ऋषि शौनक एक वैदिक आचार्य थे, जो भृगुवंशी शुनक ऋषि के पुत्र थे। इनका पूरा नाम था इंद्रोतदैवाय शौनक। ऋषि शौनक ने कुल 10 हजार विद्यार्थियों का गुरुकुल चलाकर कुलपति का विलक्षण सम्मान हासिल किया था। उनसे पहले किसी भी अन्य ऋृषि को यह सम्मान प्राप्त नहीं था। इन्होंने यानी शौन राजा ने महाभारत काल में राजा जनमेजय का अश्वमेध और सर्पसत्र नामक यज्ञ संपन्न कराया था। ऋष्यानुक्रमणी ग्रंथानुसार, असल में शौन ऋषि अंगिरस्गोत्रीय शनुहोत्र ऋषि के पुत्र थे, परंतु बाद में भृगु-गोत्रीय शनुक ने इन्हें अपना पुत्र मान लिया था। जिस कारण इन्हें शौनक पैतृक नाम प्राप्त हुआ था। शौन राजा ने ऋक्प्रातिशाख्य, ऋग्वेद छंदानुक्रमणी, ऋग्वेद ऋष्यानुक्रमणी, ऋग्वेद अनुवाकानुक्रमणी, ऋग्वेद सूक्तानुक्रमणी, ऋग्वेद कथानुक्रमणी, ऋग्वेद पादविधान, बृहदेवता, शौनक स्मृति, चरणव्यूह, ऋग्विधान आदि अनेक ग्रंथ लिखे हैं। इसके अतिरिक्त इन्होंने ही शौनक गृह्सूत्र, शौनक गृह्यपरिशिष्ट, वास्तुशा्सत्र ग्रंथ की रचना भी की थी।