Friday, November 22, 2024
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विश्व की सबसे लंबी राजमार्गीय टनल होगी अटल टनल,3 को लोकार्पण

by Newz Dex
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अटल टनल का उद्घाटन सुबह 10 बजे रोहतांग में करेंगे

सालभर मनाली को लाहौल स्पीति से जोड़कर रखेगी अटल टनल

समय की बचत कराएगी 9.02 किमी लंबी अटल टनल,चार से पांच घंटे का सफर होगा कम

न्यूज डेक्स इंडिया

दिल्ली,1 अक्तूबर। दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग टनल (अटल टनल) का उद्घाटन 3 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोहतांग में सुबह 10 बजे करेंगे। अटल टनल की लंबाई 9.02 किलोमीटर है। यह पूरे साल मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़कर रखेगी। इससे पहले यह घाटी भारी बर्फबारी के कारण लगभग 6 महीने तक अलग-थलग रहती थी।

अटल टनल हिमालय की पीर पंजाल श्रृंखला में औसत समुद्र तल (एमएसएल) से 3000 मीटर (10,000 फीट) की ऊंचाई पर अति-आधुनिक विनिर्देशों के साथ बनाई गई है। अटल टनल मनाली और लेह के बीच में सड़क की दूरी 46 किलोमीटर कम करेगी। इन दोनों स्‍थानों के बीच लगने वाले समय में भी लगभग 4 से 5 घंटे के सफर में बचत होगी।

अटल टनल का दक्षिण पोर्टल (एसपी) मनाली से 25 किलोमीटर दूर 3060 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि इसका उत्तर पोर्टल (एनपी) लाहौल घाटी में तेलिंगसिस्सुगांव के पास 3071 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह घोड़े की नाल के आकार में 8 मीटर सड़क मार्ग के साथ सिंगल ट्यूब और डबल लेन वाली टनल है। इसकी ओवरहेड निकासी 5.525 मीटर है।

यह 10.5 मीटर चौड़ी है और इसमें 3.6x 2.25 मीटर फायर प्रूफ आपातकालीन निकास टनल भी है, जिसे मुख्य टनल में ही बनाया गया है। अटल टनल को अधिकतम 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के साथ प्रतिदिन 3000 कारों और 1500 ट्रकों के यातायात घनत्‍व के लिए डिजाइन किया गया है।

अटल टनल सेमी ट्रांसवर्स वेंटिलेशन सिस्टम,एससीएडीएनियंत्रित अग्निशमन, रोशनी और निगरानी प्रणाली सहित अति-आधुनिक इलेक्‍ट्रो-मैकेनिकल प्रणाली से युक्‍त है।

इस टनल में पर्याप्त सुरक्षा सुविधाएं उपलब्‍ध हैं। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:-

(ए) दोनों पोर्टल पर टनल प्रवेश बैरियर।

(बी) आपातकालीन संचार के लिए प्रत्येक 150 मीटर दूरी पर टेलीफोन कनेक्शन।

(सी) प्रत्येक 60 मीटर दूरी पर फायर हाइड्रेंट तंत्र।

(डी) प्रत्येक 250 मीटर दूरी पर सीसीटीवी कैमरों से युक्‍त स्‍वत: किसी घटना का पता लगाने वाली प्रणाली लगी है।

(ई) प्रत्येककिलोमीटर दूरी पर वायु गुणवत्ता निगरानी।

(एफ) प्रत्येक 25 मीटर परनिकासी प्रकाश/निकासी संकेत।

(जी) पूरीटनल में प्रसारण प्रणाली।

(एच) प्रत्‍येक 50 मीटर दूरी पर फायर रेटिड डैम्पर्स।

(आई) प्रत्येक 60 मीटर दूरी पर कैमरे लगे हैं।

जब स्‍वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तब 03 जून, 2000 को रोहतांग दर्रे के नीचे एक रणनीतिक टनल का निर्माण करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया था। टनल के दक्षिण पोर्टल की पहुंच रोड़ की आधारशिला 26 मई, 2002 रखी गई थी।

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने प्रमुख भूवैज्ञानिक, भूभाग और मौसम की चुनौतियों पर काबू पाने के लिए अथक परिश्रम किया।इन चुनौतियों मे सबसे कठिन प्रखंड587 मीटर लंबा सेरी नाला फॉल्ट जोन शामिल है, दोनों छोर परसफलता 15 अक्टूबर, 2017 को प्राप्‍तहुईथी।

प्रधानमंत्री के नेतृत्‍व में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडलकी बैठक24 दिसम्‍बर 2019 को आयोजित हुई थी,जिसमें भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा दिए गए योगदान को सम्‍मान प्रदान करने के लिए रोहतांग टनल का नाम अटल टनल रखने का निर्णय लिया गया था।

प्रधानमंत्री मोदी मनाली में अटल टनल केदक्षिण पोर्टल केउद्घाटन समारोह में शामिल होने के बाद लाहौल स्‍पीति के सिस्‍सु गांव तथा सोलंग घाटी में आयोजित होने वाले सार्वजनिक समारोहों में भी शामिल होंगे।

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