न्यूज डेक्स संवाददाता
पिहोवा।मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पिहोवा के स्योंसर वन में मोलसरी का पौधा लगाकर 73वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव का किया आगाज, वन मंत्री कंवर पाल, खेल मंत्री संदीप सिंह, सांसद नायब सिंह सैनी व विधायक सुभाष सुधा ने भी किया पौधा रोपण, मुख्यमंत्री ने सराहनीय कार्य करने वाले वन विभाग के कर्मचारियों को किया सम्मानित, भविष्य में पर्यावरण अवॉर्ड का ओर किया जाएगा विस्तार, खेल मंत्री संदीप सिंह ने मुख्यमंत्री को स्योंसर सरस्वती वन में चिडिय़ा घर बनाने का दिया मांग पत्र, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्योंसर से ईशाक सडक़ को चौड़ा करने तथा गांव नीमवाला में औपचारिकताएं पूरी करने के बाद किया जाएगा मंडी का निर्माण।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल मंगलवार को पिहोवा के गांव स्योंसर में सरस्वती वन में हरियाणा वन विभाग की तरफ से आयोजित 73वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव में बोल रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वन विभाग के विश्राम गृह में मोलसरी का पौधा लगाकर विधिवत रूप से 73वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव का शुभारंभ किया। इस वन महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर हरियाणा के वन मंत्री कंवर पाल, खेल मंत्री संदीप सिंह, सांसद नायब सिंह सैनी, विधायक सुभाष सुधा ने भी मोलसरी का पौधा लगाया। इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वन विभाग के सराहनीय कार्य करने वाले डा. अशोक खासा, राजबीर सिंह, विरेन्द्र सिंह, सुरेश कुमार, प्रदीप को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया। इस कार्यक्रम के बाद वन विभाग की तरफ से लोगों को फलदार व छायादार पौधे भी वितरित किए गए। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खेल मंत्री संदीप सिंह की तरफ से रखी गई मांग स्योंसर से ईशाक सडक़ को चौड़ा करने और गांव नीमवाला में फिजिब्लिटी चैक करने के बाद मंडी का निर्माण करने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सर्वप्रथम 1857 की क्रांति के महाननायक श्री मंगलपांडे की जयंती पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को वन महोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सावन का पावनमास चल रहा है। हर तरफ प्रकृति अपनी अनूठी छटा बिखेरी हुई है। इस हरियाली में वन तो हरा भरा है ही लेकिन मन भी हरा भरा रहता है। वन अपने आप में उत्सव है। वन में चले जाते हैं तो वृक्षों का उत्सव अनोखी छटा बिखेरता है। उन्होंने कहा कि वन महोत्सव की शुरूआत सबसे पहले 1950 में कन्हैयालाल माणिकलाल ने की थी। तभी आज हम 73वां वन महोत्सव मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि कालांतर में इस पृथ्वी पर सबसे पहले वन उगे होंगे, पृथ्वी की जितनी आयु है उतनी वनों की आयु होगी। अभी तक के शोध से पता चला है कि वन किसी और गृह पर नहीं है, यह सिर्फ पृथ्वी पर है। हमें ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने चाहिए और इनकी रक्षा व सुरक्षा करनी चाहिए।
वनों में होता है भगवान का वास: मनोहर
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वनों में भगवान का वास होता है। मुख्यमंत्री ने इसे समझाते हुए कहा कि भ से भूमि, ग से गगन, वा से वायु और न से नीर इसका अर्थ है। ये सभी तत्व वनों में मिलते हैं। उन्होंने कहा कि वनों में पंचत्त्व भी होते हैं। वन से वायु मिलती है, वनों की लकड़ी से आग जलती है, वन इस पृथ्वी पर उगते हैं और वनों की वजह से वर्षा होती है और हमें जल मिलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पेड़ों में जीव होते हैं। हमें जीवों को बचाना है तो वनों को बचाना होगा। आज हर व्यक्ति को दृढ़ संकल्प लेने की जरुरत है कि वह कम से कम एक पौधा जरुर लगाए और इसे पेड़ बनने तक सुरक्षित रखे।
पौधे लगाने का यह सबसे उपयुक्त समय: मनोहर
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पौधे लगाने का यह सबसे उपयुक्त समय है। जुलाई, अगस्त और सितंबर में बारिश होती है। ऐसे में हमें ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने चाहिए। सरकार हर वर्ष पौधे लगाती है। इस वर्ष भी 2 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। मौजूदा समय में हरियाणा का वन क्षेत्र 7.14 प्रतिशत है। इसे 20 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाना बड़ा जरूरी है और यह जिम्मेवारी हम सबकी बनती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने बागवानी करने वाले किसानों को 1 एकड़ में बाग लगाने पर 10 हजार रुपये प्रति एकड़ तीन साल तक मुआवाजा देने की योजना भी शुरू की है।
मोरनी में 50 हजार एकड़ में लगाए जाएंगे औषधीय पौधे
मुख्यमंत्री ने कहा कि पतंजलि योग पीठ के सहयोग से मोरनी क्षेत्र के 50 हजार एकड़ में औषधीय पौधे लगाए जाने की योजना बनाई गई है। इस योजना से वहां के किसानों को लाभ मिलेगा। औषधीय पौधे हमारे काम आते हैं और जीवन रक्षक का कार्य करते हैं। मुख्यमंत्री ने वनों के महत्व पर बोलते हुए कहा कि महात्मा बौद्ध को पेड़ के नीचे ही ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। भगवान श्री कृष्ण ने वट वृक्ष के नीचे ही गीता का ज्ञान दिया था। इसके अलावा संत और सन्यासियों ने वृक्षों के नीचे ही तपस्या की थी। वृक्षों का महत्व हम सभी के जीवन में है।
75 साल से ज्यादा आयु के वृक्षों के लिए शुरू की पेंशन
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने 75 साल से अधिक आयु के वृक्षों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए प्राणवायु देवता पेंशन स्कीम शुरू की है। इस योजना के तहत 75 साल से अधिक आयु के वृक्षों के रखरखाव के लिए 2500 रुपये प्रति वर्ष प्रति पेड़ पेंशन का प्रावधान किया है। इसमें बुढ़ापा सम्मान पेंशन के अनुसार हर वर्ष बढ़ोतरी भी की जाएगी। फोरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट से इनकी आयु की वेरिफिकेशन करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने आजादी के ’अमृत महोत्सव’ के अवसर पर ’अमृत सरोवर’ की एक महत्वपूर्ण योजना की शुरूआत की है। जोहड़ हरियाणा के गांववासियों की जीवन रेखा है और इनको पूजा जाता है। इन जोहड़ों पर अब छायादार वृक्ष नहीं हैं। अत: इसी कड़ी में आज राज्य के 22 जिलों के 2200 ग्रामीण जोहड़ों पर बड़, पीपल, नीम और पिलखन के पौधे गणमान्य व्यक्तियों द्वारा रोपित किए गए हैं।