डॉ. प्रदीप गोयल/न्यूज डेक्स संवाददाता
शाहाबाद। स्थानीय सहकारी चीनी मिल क्षेत्र के 7100 एकड़ गन्ने की फसल में कीटों का जैविक नियंत्रण करके किसानों का लगभग 1.14 करोड रूपये बचाया गया। बायोलैब द्वारा जारी किये गये ट्राईको कार्ड से कीटों का जैविक नियंत्रण होने से पर्यावरण, जीवों और मानव जाति को कीटनाशकों के दुष्प्रभाव से बचाने में भी मदद मिली है। मिल के एमडी राजीव प्रसाद ने बताया कि मिल में जैविक कीट नियंत्रण प्रयोगशाला की स्थापना वर्ष 2004-05 में की गई थी। जिसमें वर्ष 2005-06 में बॉयोलैब से 1300 एकड़ गन्ने की फसल में हानिकारक कीटों का नियंत्रण जैविक विधि से किया गया था। जिससे अनुमानित 15 लाख रूपये कीटनाशकों का खर्च किसानों का बचाया गया। बायोलैब द्वारा गन्ने की फसल के विभिन्न कीटों जैसे टोप बोरर, स्टाक बोरर व पायरिला से जैविक नियंत्रण किया जा रहा है। वर्ष 2020-21 मे 7000 एकड़ गन्ने की फसल का जैविक कीट नियंत्रण किया गया था और इससे किसानों का लगभग 1.12 करोड़ रूपये कीटनाशकों पर खर्च होने से बचाया गया था। इस तरह से बायो लैब में तैयार परजीवीयों से किसानों को करोड़ों रुपए के पेस्टिसाइड की बचत हुई वहीं पर्यावरण को भी नुकसान होने से बचाया गया।
गन्ने का शत प्रतिशत भुगतान करने पर किसानों ने एमडी का किया आभार व्यक्त। शाहाबाद सहकारी चीनी मिल द्वारा समय पर पिराई सत्र 2021-22 के लिए देय गन्ने का भुगतान करने के चलते मिल क्षेत्र के किसानों राम कुमार बुहावी, जयपाल चढुनी, सतबीर सिंह, हाकम सिंह एवं जसबीर त्योडी ने मिल प्रबन्ध निदेशक राजीव प्रसाद का आभार व्यक्त किया। किसानों ने बताया कि पिराई सत्र 2021-22 के लिये देय गन्ना भुगतान को समय पर करवाने के लिए प्रबंध निदेशक द्वारा किए गए सार्थक प्रयास प्रशंसनीय है। मिल के प्रबन्ध निदेशक राजीव प्रसाद ने मिल में आए सभी किसानों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि आने वाले समय में मिल क्षेत्र के किसानों एवं कर्मचारियों के साथ बेहतर तालमेल स्थापित करते हुए अक्तूूबर माह के अन्तिम सप्ताह में मिल को ट्रायल के लिये तैयार कर लिया जायेगा । ताकि समय रहते आगामी पिराई सत्र को सुचारू रूप से चलाया जा सके। इसके अतिरिक्त प्रबन्ध निदेशक ने किसानों को अवगत करवाया कि किसानों की सुविधा के लिए मिल के जैविक कीट नियन्त्रण प्रयोगशाला में तैयार किए जाने वाले परजीवी किसानों को मुफ्त उपलब्ध करवाये जा रहें है ताकि गन्ने को बीमारियों से बचाया जा सके । इस मौके पर मिल के चीफ इंजीनियर सुभाष चन्द, सीएओ दीपक खटोड़, गन्ना प्रबंधक अजैब सिंह,सुशील कुमार, मुनीश अग्रवाल, सतबीर सिंह, राजीव धीमान, यशवीर दलाल, बाल किशन मौजूद थे।