कुरुक्षेत्र में 24 जुलाई को पिपली रोड पर स्थित एक निजी प्रतिष्ठान में होगी प्रदेश स्तरीय बैठक
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। पंचनद स्मारक ट्रस्ट के प्रदेशाध्यक्ष एवं विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि पंचनद स्मारक ट्रस्ट की तरफ से 14 अगस्त 2022 को विभाजन विभीषिका दिवस पर देश के हर कोने से हजारों की संख्या में लोग शिरकत करेंगे। इस विभाजन विभीषिका दिवस को यादगार बनाने के लिए 24 जुलाई 2022 को सुबह 11 बजे महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव महाराज की अध्यक्षता में अंतिम रूपरेखा तैयार की जाएगी। इस बैठक में प्रदेश भर से पंचनद स्मारक ट्रस्ट के पदाधिकारी और जिलों के अध्यक्ष शिरकत करेंगे।
विधायक सुभाष सुधा ने वीरवार को बातचीत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आदेशानुसार और महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव महाराज के नेतृत्व में 14 अगस्त 2022 को कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर मनाए जाने वाले विभाजन विभीषिका दिवस की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। इस कार्यक्रम को लेकर रोहतक में भी पदाधिकारियों के साथ बैठक की जा चुकी है और पंजाबी समुदाय से जुड़े विधायकों के साथ भी मंथन किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल स्वयं विभाजन विभीषिका दिवस को लेकर लगातार फीडबैक ले रहे है। इस कार्यक्रम को यादगार और ऐतिहासिक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
उन्होंने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के ऐतिहासिक पन्नों में हिन्दुस्तान-पाकिस्तान विभाजन के समय करीब 10 लाख लोगों की शहादत की याद में बनने वाला स्मारक भी स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। इन ऐतिहासिक पन्नों में एक नया अध्याय जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अगुवाई में स्मारक निर्माण का कार्य पंचनद स्मारक ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। अहम पहलू यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली लाल किले से 14 अगस्त के दिन को विभाजन विभीषिका दिन के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इस घोषणा के अनुसार ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से 14 अगस्त 2022 को पंचनद स्मारक ट्रस्ट की तरफ से विभाजन विभीषिका दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि हिंदुस्तान और पाकिस्तान के विभाजन के समय में अनुमान लगाया कि पंजाबी समुदाय के साथ-साथ अन्य समाज के करीब 10 लाख लोग शहीद हुए थे। इन लोगों के बलिदान को पंजाबी समुदाय कभी भुला नहीं पाया है और ना ही इनकी स्मृति में देश में कहीं भी स्मारक नहीं बनाया गया। गांव मसाना में शहीदी स्मारक बनाने के लिए करीब 25 एकड़ जमीन उपलब्ध है। यह जमीन सरकार को दान में दी जाएगी और सरकार द्वारा इस जमीन पर शहीदी स्मारक व संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा। यह स्मारक एवं संग्रहालय में अपने-आप में एक अनोखा स्मारक बनेगा, जिसे देखने के लिए देश के कोने-कोने से लोग आएंगे। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया जाएगा और मुख्यमंत्री मनोहर लाल स्वयं प्रधानमंत्री को निमंत्रण देंगेे। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के पहुंचने की पूरी संभावना है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री निश्चित रूप से किसी न किसी मोड में जरुर जुड़े रहेंगे।