विश्व कल्याण की कामना के लिए पूजा अर्चना की
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। प्राचीन एवं ऐतिहासिक श्रीकालेश्वर महादेव मंदिर में श्रावण मास के अंतिम सोमवार की रात्रि को विशेष आरती हुई, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर नगर पालिका पिहोवा के प्रधान आशीष चक्रपाणि पहुंचे। इस आरती में मुख्य यजमान के रूप में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के सदस्य एवं प्रसिद्ध समाजसेवी महेंद्र सिंगला ने भाग लिया जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में नगर के प्रमुख समाजसेवी धीरज गुलाटी उपस्थित रहे। सभी ने भगवान कालेश्वर की विशेष आरती की और विश्व कल्याण की कामना के लिए पूजा अर्चना की। मंदिर परिसर में पहुंचने पर सभा के मुख्य सलाहाकार जयनारायण शर्मा के नेतृत्व में सभा के पदाधिकारियों ने सभी अतिथियों का पुष्प गुच्छ भेंट कर वेद मंत्रोच्चारण के बीच अभिनंदन किया।
सभा द्वारा संचालित कुरुक्षेत्र संस्कृत वेद विद्यालय के आचार्य नरेश कौशिक के नेतृत्व में वेदपाठी ब्रह्मचारियों ने अतिथियों को आशीर्वाद दिया। अतिथियों ने 51 जोत के साथ कालेश्वर महादेव की विशेष आरती की। मंदिर के पुजारी सुनंदन मिश्रा द्वारा भगवान कालेश्वर महादेव का फूलों से भव्य श्रृंगार किया गया। भगवान कालेश्वर महादेव की श्रृंगार सेवा में भगत विनोद आहुजा का विशेष सहयोग रहा, जबकि प्रसाद वितरण की सेवा कुलविंद्र सलूजा की ओर से की गई। अतिथियों ने आरती के पश्चात साईं मंदिर में दर्शन किए। इस अवसर पर शिरडी साईं मंदिर के प्रधान डा. विजय शर्मा ने उनका स्वागत किया। सभा की ओर से आशीष चक्रपाणि, महेंद्र सिंगला व धीरज गुलाटी को मुख्य सलाहकार जयनारायण शर्मा, प्रधान श्याम सुंदर तिवारी,प्रधान महासचिव रामपाल शर्मा ने पटका भेंटकर सम्मानित किया और प्रसाद भेंट किया।
श्रीब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा के प्रधान महासचिव रामपाल शर्मा ने नगर पालिका पिहोवा के नवनिर्वाचित प्रधान आशीष चक्रपाणि व अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आशीष चक्रपाणि ब्राह्मण समाज का गौरव हैं और पिहोवा के प्रमुख तीर्थ पुरोहित हैं। इनका कुरुक्षेत्र से बाल्यकाल से ही रिश्ता रहा है। चक्रपाणि का बाल्य जीवन कुरुक्षेत्र में ही बिता। चक्रपाणि का पालिका अध्यक्ष निर्वाचित होना पूरे समाज के लिए गौरव की बात है। रामपाल शर्मा ने भगवान कालेश्वर की महिमा बताते हुए कहा कि कालेश्वर तीर्थ के पूर्वी तट पर स्थापित इस शिव मंदिर में नंदी नही है। यहां पर श्रावण मास में पूजा व आरती करने का विशेष महत्व है। उन्होने बताया कि महाप्रतापी राजा रावण की भक्ति से प्रसन्न होकर उसे काल पर विजय का वरदान यहीं दिया था। रावण के कहने पर भगवान शिव नंदी को छोड़कर यहां प्रकट हुए थे।
इस विशेष आरती में श्रीब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा के मुख्य सलाहकार जयनारायण शर्मा, प्रधान श्याम सुंदर तिवारी, प्रधान महासचिव रामपाल शर्मा, इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन जलेश शर्मा, पूर्व प्रधान पंडित पवन शर्मा पौनी, यशेंद्र शर्मा, निवर्तमान पार्षद नितिन भारद्वाज लाली, सरंक्षक डा. सत्यदेव, राजेश शांडिल्य, मनोज कौशिक, राममेहर अत्री, नसीब सैनी, प्रथ्वी नाथ गौत्तम एडवोकेट, मुकेश जोशी, विश्वकांत जोशी, अभिषेक, बालकिशन शिखोले, विजय अत्री, अशोक शर्मा, राजीव अच्चू स्वामी, राजकुमार शर्मा काला, पवन शर्मा, प्रवीण शर्मा, दीपक मिश्रा, हरीश गोंदिया, यशपाल शर्मा, प. शक्तिमान गौड़, विमल गौड़, सुशील शर्मा, राजकुमार अत्री, राजेश्वर कौशिक, मीरां गौत्तम, मधुमति, कुसुम, मुकेश जोशी, अनिता आहुजा, निशा वत्स, जगदीप मैहता, शशीकांत शर्मा, विशाल मिश्रा, नीरज शर्मा, रवि शर्मा, पूर्णचंद, माईचंद सैनी, विजय सैनी, नरेश भारद्वाज व रवि शंकर व अश्वनी गौत्तम सहित अनेक श्रद्धालुओं ने आरती में भाग लिया।