न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। हरियाणा के एकमात्र शक्तिपीठ ,श्री देवीकूप भद्रकाली मंदिर, कुरुक्षेत्र में रक्षा बंधन का त्योहार इस बार भव्य स्तर पर मनाया गया । यह त्योहार शक्तिपीठ में सैंकड़ो हजारों सालों से परम्परा के तौर पर मनाया जाता रहा है । आजादी के अमृत महोत्सव के इस पावन वर्ष में इस बार भारत देश की, कुरुक्षेत्र वासियों की भाईचारा व एकता बनाए रखने के लिए इस कार्यक्रम को सार्वजनिक रूप से, धार्मिक मान्यताओं को सम्मान देते हुए , लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करके रक्षा बंधन मंदिर परिसर में मनाया गया । मां भद्रकाली जी की पालकी को तिरंगे रंग से सजाया गया और तिरंगा रूपी वस्त्र माँ को पहनाई गयी । मंदिर परिसर को पुष्प सज्जा व तिरंगे गुब्बारों से सुसज्जित किया गया । प्रातः कालीन से ही मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ दिखाई दी। इसलिए माँ के चांदी चरण प्रतिरूप को आज भवन से बाहर स्थापित किया गया , जिस पर सभी भक्त माँ भद्रकाली जी को रक्षा सूत्र बांध कर अपनी व परिवार की रक्षा का दायित्व माँ भद्रकाली जी को सौपते दिखाई दिए ।
पीठाध्यक्ष पंडित सतपाल शर्मा भी आज इस कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से जुड़े थे । सर्वप्रथम 10 बजे मंदिर में महिला मंडल द्वारा संकीर्तन शुरू किया गया । ततपश्चात प्रातः 11:00 बजे मंदिर की मुख्य पुजारिन श्रीमती शिमला देवी द्वारा मुख्यातिथि नगर विधायक श्री सुभाष सुधा जी को माँ की शक्ति चुनरी से सम्मानित किया गया । इसके बाद माँ भद्रकाली सेवक मंडल के अध्यक्ष नरेन्द्र वालिया ने माँ भद्रकाली जी को हरियाणा की पहचान 3 फुट की तिरंगा राखिनुमा फिरनी भेंट की । इस मौके पर विशेषतौर पर रक्षाबन्धन के महत्व को दर्शाती श्री कृष्ण व द्रौपदी की मनमोहक झांकी प्रस्तुत की गई । फिर दोपहर 12:00 बजे आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में 75 विशेष थालियों से बहनों द्वारा भाइयों की आरती उतारी गई, राखी के पारंपरिक गीतों के साथ, हल्दी कुमकुम चावल का भाइयों को तिलक कर व सार्वजनिक रक्षाबंधन किया गया व उनसे उनके समर्पण भावना का संकल्प करवाया गया , उनके जीवन की मंगल कामना की गयी । 1-1 थाली आजादी के बाद के प्रत्येक वर्ष को समर्पित की गई थी ।
भाइयों द्वारा बहनों की, बेटियों की ,उनके गर्भावस्था से जीवन पर्यन्त रक्षा का संकल्प लिया गया । तत्पश्चात मंदिर की मुख्य पुजारिन श्रीमती शिमला देवी ने नगर विधायक सुभाष सुधा को राखी बांधी । पीठाध्यक्ष जी के सुपुत्र श्री स्नेहिल शर्मा जी को भी उनकी बहन मीना जोशी ने रक्षासूत्र बांधा । इसके बाद मुख्यातिथि द्वारा शक्ति त्रिशूल पर मौली बन्धन किया गया और राखी पर स्वास्तिक बनाया । विधायक सुभाष सुधा ने , मुख्य पुजारिन शिमला देवी के आशीर्वाद से व अध्यक्ष नरेंद्र वालिया की अगुवाई में नगर देवी माँ भद्रकाली जी को नगर की सुरक्षा के लिए समस्त सेवक मंडल के सदस्यों की उपस्थिति में 40 फुट की राखी माँ भद्रकाली जी को समर्पित की । पीठाध्यक्ष ने यह भी बताया कि पहले 21 फुट की राखी की योजना थी, परंतु इसमें देश सेवा का संदेश समाज को देने के उद्देश्य से राखी की कुल लम्बाई 40 फुट कर दी गयी । उन्होंने आगे बताया कि यह राखी विशेष तौर पर भारत देश को ध्यान में रखकर तैयार करवाई गई है । इस विशेष राखी का डाया मीटर 5 फुट , राखी के मुख्य हिस्से की लंबाई 10 फुट व तिरंगे रुपी डोरियों की लंबाई 15 – 15 फुट है। दोनों तरफ की डोरियों पर 1.5 फुट के धागों पर 12-12 प्लेकार्ड लगाए गए हैं जिन पर एक तरफ संविधान में उल्लेखित 11 मौलिक कर्तव्यों व मंदिर के स्लोगन को दर्शाया गया । और इन्हीं कर्तव्यों का मंच से भी प्रण दिलवाया गया ।
और इन प्लेकार्डो के दूसरी तरफ पर प्राचीन भारत के 12 महान ऋषि मुनियों के नाम व उनके द्वारा किए गए काम लिखे गए हैं जिनमें महर्षि कणाद, बौधायन, वराह मिहिर, चाणक्य, सुश्रुत, चरक, नागार्जुन, भास्कराचार्य, पाणिनी, आर्यभट्ट, भारद्वाज व ऋषि पतंजलि जी शामिल किए गए । हर घर तिरंगा महोत्सव के मद्देनजर यह राखी भारतीय तिरंगे को भी समर्पित है जिसमें अशोक चक्र, सारनाथ से लिया गया राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ और भारत का नक्शा भी बनाया गया है । दूसरी तरफ मंदिर का नाम भी लिखा गया है । यह राखी सिर्फ भाई बहन के पवित्र संबंध को ही नहीं बल्कि भारत की अखंडता को भी दर्शाती है और सभी भक्त यह राखी समर्पित करते हुए माँ भद्रकाली जी से प्रार्थना करते दिखाई दिए कि वह हमारे भारत को सुरक्षित रखें । पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा ने सभी भक्तों को रक्षा बंधन के त्यौहार के महत्त्व को दर्शाती धार्मिक कहानियां सुनाई जिसमें महाभारत में वर्णित श्री कृष्ण – द्रौपदी की कथा, देवासुर संग्राम की माँ पार्वती की कथा प्रमुख थी । उन्होंने कहा कि जिस प्रकार भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी की व माँ पार्वती जी ने देवताओं की रक्षा की, इसी प्रकार माँ भद्रकाली जी भी आप सभी भक्तों की रक्षा करेगी ।
उन्होंने आगे कहा कि सार्वजनिक रूप से मनाए गए इस त्योहार से इस पवित्र बंधन को भक्ति और प्रेम की मजबूती भी मिली है । उन्होंने ये भी कहा कि जरुरी हैं कि व्यवहारिक ज्ञान एवम परम्परा बढे तब ही समाज का विकास सम्भव होगा । पीठाध्यक्ष ने यह भी कहा की मौलिक अधिकार हमारे लिए है, लेकिन मौलिक कर्तव्य देश के प्रति है । विधायक सुभाष सुधा ने भी कहा कि धार्मिक व सामाजिक त्योहारों का महत्त्व तब और भी बढ़ जाता है, जब उससे संदेश दिया जाता है । शक्तिपीठ से आज संविधान में मौजूद मौलिक कर्तव्यों को धारण करने का संदेश देना, एक सराहनीय प्रशंसनीय कदम है । मंदिर में आने वाले सभी भक्त इसका लाभ लेंगे और अपने गर्वित इतिहास व महानतम ऋषि मुनियों को भी जानेंगे । सुधा ने ये भी कहा कि मैंने अपनी जीवन में इतनी बड़ी राखी नहीं देखी, मेरा सौभाग्य की मैं बार बार यहाँ आता हूँ । आज सुनील धीमान की तरफ से भी लड्डू का प्रसाद वितरित किया गया ।दोपहर 1:00 बजे भंडारे का भी आयोजन किया गया , जिसमें मुख्य यजमान संजय गोयल आढ़ती थे ।
मंच संचालन मीना जोशी ने किया । यह विशेष राखी माँ के अनन्य भक्त राजेन्द्र कश्यप ने तैयार की है । मंदिर में भक्तों द्वारा पोस्ट माध्यम से भेजी गयी सैंकड़ो राखियां भी प्राप्त हुई । अध्यक्ष नरेन्द्र वालिया ने बताया कि इस बार मंदिर में सोमवार 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण कार्यक्रम व 18 अगस्त, वीरवार को रात्रि 9 से 12 बजे श्री कृष्ण जन्माष्टमी का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा । बीजेपी के मीडिया प्रमुख डॉ संजय शर्मा भी इस मौके पर मौजूद रहे ।मंदिर में उपस्थित महिला मंडल ने विधायक सुभाष सुधा और पीठाध्यक्ष के सुपुत्र स्नेहिल शर्मा को राखी बांधी । इस मौके पर शिमला देवी, नरेंद्र वालिया, हेमराज शर्मा, देवेंद्र गर्ग , सुनील शर्मा, हाकम चौधरी, एम के मौदगिल, अनिल मास्टर, रामपाल लाठर, आशीष दीक्षित, संजीव मित्तल, सतीश शर्मा, विशु संधू, डॉ पवन के दीवान, लाल राम सिंगला, दिनेश कंसल, दिनेश वर्मा, कुलदीप मान, संजीव पुनेनी, विजय रत्न अग्रवाल, विकास बंसल, वी पी वर्मा, नीरज गुप्ता, सुरभि अदलखा इत्यादि सेवक अपनी बहनों के साथ उपस्थित थे ।