न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। देश भर की विभिन्न जेलों में सजा काट चुके बंदी सिखों की रिहाई को लेकर अब सिखों की सर्वोच्च संस्था एसजीपीसी रोष प्रदर्शन करेगी। इसी निर्णय के तहत १३ अगस्त को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर के कर्मचारियों द्वारा रोष प्रदर्शन कर जिलाधीश को ज्ञापन दिया जाएगा। रोष प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पातशाही छठी में सिख जत्थेबंदियों की एक बैठक भी हुई, जिसमें विशेष तौर पर एसजीपीसी की धर्म प्रचार कमेटी के हरियाणा से मैंबर तजिंदरपाल सिंह लाडवा, शिअद के प्रदेश महासचिव सुखजिंदर सिंह मसाना, शिरोमणि अकाली दल हरियाणा के प्रदेश प्रवकता कवलजीत सिंह अजराना, सिश मिशन हरियाणा के प्रभारी ज्ञानी मंगप्रीत सिंह, सहायक प्रभारी जसबीर सिंह लौगोंवाल तथा गुरुद्वारा साहिब के मैनेजर अमरिंदर सिंह व शहरी प्रधान तजिंदर सिंह मक्कड़ ने जत्थेबंदियों के प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श किया।
धर्म प्रचार कमेटी के मैंबर तजिंदर सिंह लाडवा ने कहा कि पंजाब सहित देश की अलग-अलग जेलों में सजा पूरी होने के बावजूद बंद है, जिनकी रिहाई के लिए वर्तमान सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। इसलिए एसजीपीसी अब इसके खिलाफ आंदोलन करने पर विवश हुई है। उन्होंने बताया कि संस्था ने यह निर्णय लिया है कि हरियाणा में भी कर्मचारी प्रदर्शन प्रशासन को ज्ञापन देंगे, जिसमें बंदी सिखों की रिहाई की मांग की जाएगी। शिरोमणि अकाली दल हरियाणा के प्रदेश प्रवकता कवलजीत सिंह अजराना ने कहा कि देश को आजाद करवाने में सबसे अधिक कुर्बानी देने वाले सिखों को कभी भी न्याय नहीं मिला। समय-समय पर सरकारों ने सिखों को दबाने के लिए औछे हथकंडे अपनाए है। सिखों को हमेशा दूसरे दर्जे का शहरी माना गया है, जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण सजा काटने के बाद भी सिख कैदियों को रिहा न किया जाना है।
सिख मिशन हरियाणा कुरुक्षेत्र के प्रभारी ज्ञानी मंगप्रीत सिंह ने बताया कि १३ अगस्त को गुरुद्वारा साहिब से एसजीपीसी कर्मचारी व सिख संगत रोष मार्च निकालते हुए लघु सचिवालय पहुंचेगी और वहां डीसी को ज्ञापन दिया जाएगा। मैनेजर अमरिंदर सिंह ने जत्थेबंदियों और कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक एसजीपीसी के रोष प्रदर्शन निर्णय का प्रचार-प्रसार करें, ताकि बंदी सिखों की रिहाई के खिलाफ आवाज बुलंद की जा सकें। बैठक में हरियाणा सिख परिवार,ख्श्री गुरु तेग बहादुर सेवक जत्था, बाबा मकखन शाह सेवा सोसायटी, श्री गुरु ग्रंथ साहिब सेवक जत्था, श्री सुखमणि साहिब सेवा सोसायटी, बाबा बंदा सिंह सेवक जत्था सहित अन्य जत्थेबंदियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।