Friday, November 22, 2024
Home haryana विभाजन के शहीदों की याद में कुरुक्षेत्र में बनाया जाएगा शहीदी स्मारक: मनोहर लाल

विभाजन के शहीदों की याद में कुरुक्षेत्र में बनाया जाएगा शहीदी स्मारक: मनोहर लाल

by Newz Dex
0 comment

शहीदी स्मारक का ट्रस्ट बनाने के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने दिए पचनंद स्मारक ट्रस्ट को निर्देश

न्यूज डेक्स संवाददाता

चंडीगढ़, 14 अगस्त – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि देश के विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले शहीदों की याद में कुरुक्षेत्र जिले के पिपली के नजदीक इनकी याद में शहीदी स्मारक बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने पंचनद स्मारक ट्रस्ट को शहीदी स्मारक ट्रस्ट बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि यह ट्रस्ट अर्ध सरकारी हो। उन्होंने कहा कि ऐसा स्मारक बनाया जाएगा जो राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाएगा। समाज का हर व्यक्ति अपने सामथ्र्य अनुसार इसमें योगदान देगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि वे भी इस ट्रस्ट के सदस्य होने के नाते इसमें भरपूर सहयोग देंगे। मुख्यमंत्री रविवार को कुरुक्षेत्र की थानेसर अनाज मंडी में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में बोल रहे थे।कार्यक्रम स्थल पर पहुंचते ही मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने सर्व प्रथम सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग व हरियाणा इतिहास एवं संस्कृति अकादमी द्वारा लगाई गई दो प्रदर्शनियों का उद्घाटन व अवलोकन किया। इन प्रदर्शनियों में विभाजन के दौरान की यादों को तस्वीरों, कार्टून व खबरों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने मुख्य मंच से नीचे आकर विभाजन विभीषिका को झेलने वाले बुजुर्गों से मुलाकात की और उन्हें सम्मानित किया। मुख्यमंत्री के मंच से नीचे आकर सम्मानित करने पर कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने जोरदार तालियां बजाकर उनका अभिवादन किया और बुजुर्ग भी भावविभोर हुए।इसके बाद मंच से संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 अगस्त को आजादी के 75 वर्ष पूरे हो जाएंगे, यह खुशी का दिन है लेकिन 14 अगस्त खुशी का दिन नहीं हो सकता क्योंकि इस दिन देश के बंटवारे की लकीर हमारे अरमानों पर खींची गई थी। यह भूमि का बंटवारा नहीं बल्कि हमारी भावनाओं का बंटवारा था। आज देश इस दिन को विभाजन विभीषिका दिवस के रूप में मना रहा है। इस बंटवारे में पंजाब, बंगाल और सिंध प्रांत अलग हो गए। इससे पहले देशों के बंटवारे तो बहुत हुए लेकिन यह पहला बंटवारा था जिसमें लाखों लोगों का विस्थापन हुआ और लोग शहीद हुए।मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को आजादी से पहले विभाजन का दंश झेलना पड़ा। अपना-अपना क्षेत्र छोडक़र हजारों किलोमीटर दूर बसना पड़ा। मुख्यमंत्री ने एक शेर सुनाकर इस त्रासदी को बताया कि ‘वहां से चले तो पता नही था, बेबसी सी जिंदगी ने देखा था हमें, हम सफर पर थे पर मंजिल कहां है पता न था’। उन्होंने कहा कि विभाजन के समय कुछ लोग 15 अगस्त को तो कुछ 16 व कुछ 17 अगस्त को चले थे। कुछ पैदल, कुछ ट्रेन व कुछ बैलगाडिय़ों में यहां तक आए। मजहबी उन्माद, हिंसा, नफरत की वजह से विभाजन में लाखों लोग शहीद हो गए। कुछ लोगों ने अपनी इज्जत बचाने के लिए बहू-बेटियों को तलवार से काट डाला। विभाजन के समय इज्जत बचाने के लिए बहू-बेटियों ने कुएं में छलांग लगा दी थी। इन घटनाओं को कुछ पुराने लोग आज भी याद करते हैं तो उनके रौंगटे खड़े हो जाते हैं। दादी-नानी सुनाती थी विभाजन की कहानियांमुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि 1975 से पहले देश को आजाद हुए जब 25 वर्ष हुए थे तब दादी व नानी विभाजन के समय की कहानियां सुनाया करती थी। मुख्यमंत्री ने अपना खुद का अनुभव सांझा करते हुए बताया कि वे जब कॉलेज में पढ़ते थे तो उन्हें भी उनकी दादी कहानी सुनाती थी। जब उनके ताया और पिता विभाजन में पीछे रह गए थे और पूरा परिवार भारत पहुंच गया था। इन्हीं कहानियों से उनके जीवन में बदलाव आया और देश व समाज के लिए संकल्प लेने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके बाद एक संस्था से जुड़े और राष्ट्र प्रेम को अपनाते हुए देश और प्रदेश को ही अपना परिवार माना।शरणार्थी नहीं बल्कि पुरुषार्थी है समाजमुख्यमंत्री ने कहा कि विस्थापन के समय जब लोग यहां आए तो उनके समक्ष खाने तक के लाले पड़े हुए थे लेकिन उन्होंने किसी के सामने हाथ नहीं फैलाया। लोग मेहनत, परिश्रम और कौशल के दम पर अपने पैरों पर खड़े हुए और पुरुषार्थ कर देश की तरक्की में मील के पत्थर बने। इसलिए यह समाज शरणार्थी नहीं बल्कि पुरुषार्थी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अपने पूर्वजों के ऋणी हैं जिन्होंने आरक्षण की मांग नहीं माना बल्कि काम को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद 70 सालों में बहुत से प्रधानमंत्री आए लेकिन किसी ने भी विभाजन विभीषिका के शहीदों को याद नहीं किया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने गत वर्ष लाल किले से 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने की घोषणा की। 20वीं सदी की यह सबसे बड़ी त्रासदी है। 75 साल से खेती कर रहे किसानों को मिलेगा अधिकारमुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि जो लोग विभाजन के बाद यहां आकर विस्थापित हुए उन्हें खेती के लिए बंजर भूमि मिली। मेहनतकश लोगों ने इस भूमि को ऊपजाऊ बनाया लेकिन 75 साल के बाद भी उन्हें इस भूमि का अधिकार नहीं मिला है। वह अभी भी इस जमीन को जोत रहे हैं। ऐसे लोगों को उनका अधिकार मिले, इस व्यवस्था में सुधार के लिए कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को विभाजन की घटनाओं का पता लगना चाहिए। समाज में आज भी विभाजनकारी ताकतें हैं। यह ताकतें दोबारा खड़ी न हों इसलिए युवाओं को जागरूक करना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इसी विजन के तहत यह दिवस मनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि जो भी समाज अपनी संस्कृति, भाषा, खान-पान को भूला देता है वह आगे नहीं बढ़ सकता। हमें अपनी संस्कृति को याद रखना चाहिए।इस अवसर पर पंचनद स्मारक ट्रस्ट के प्रदेश अध्यक्ष व थानेसर विधायक श्री सुभाष सुधा, ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामण्डलेश्वर श्री स्वामी धर्मदेव जी महाराज, विधायक घनश्याम दास अरोड़ा, पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर, श्रीमती किरण चोपड़ा व गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर सांसद श्री संजय भाटिया, सांसद श्री नायब सैनी, सांसद श्री रतनलाल कटारिया, सांसद श्री अरविंद शर्मा, विधायक श्रीमती सीमा त्रिखा, विधायक श्री कृष्ण मिड्ढा, विधायक विनोद भ्याणा, विधायक श्री प्रमोद विज, विधायक लक्ष्मण नापा, विधायक श्री हरविंद्र कल्याण, पूर्व मंत्री श्री कर्णदेव काम्बोज, पूर्व विधायक श्री भगवानदास कबीरपंथी मौजूद रहे।

You may also like

Leave a Comment

NewZdex is an online platform to read new , National and international news will be avavible at news portal

Edtior's Picks

Latest Articles

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00