Friday, November 22, 2024
Home Kurukshetra News माखन का कटोरा, मिश्री की थाल, मिट्टी की खुशबू, बारिश की फुहार, राधा की उम्मीद, कन्हैया का प्यार के साथ नन्हे बाल कृष्ण बने बच्चे मां यशोदा बाल गोपाल वाटिका में झूमे 

माखन का कटोरा, मिश्री की थाल, मिट्टी की खुशबू, बारिश की फुहार, राधा की उम्मीद, कन्हैया का प्यार के साथ नन्हे बाल कृष्ण बने बच्चे मां यशोदा बाल गोपाल वाटिका में झूमे 

by Newz Dex
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नन्हे कृष्ण राधा ए बी सी डी पढ़ते हुए भी नजर आए तो बच्चों ने मस्ती के साथ इकट्ठे बैठ कर लंच का भी आनंद लिया

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में चारों ओर उत्साह और प्रसन्नता का वातावरण बना हुआ है। बच्चे और बड़े सभी भगवान श्री कृष्ण के रंग में रंगे हुए हैं। ऐसा ही माहौल कुरुक्षेत्र की मां यशोदा बाल गोपाल वाटिका में देखने को मिला। नन्हे बच्चे भगवान श्री कृष्ण, राधिका, गोपी और ग्वालों के स्वरूप में झूमते नजर आए। कहीं राधा कृष्ण झूले में झूलते, खिलौनों से खेलते तो कहीं लड़ते भी नजर आए। नन्हे कृष्ण राधा ए बी सी डी पढ़ते हुए भी नजर आए। बच्चों में मस्ती के साथ इकट्ठे बैठ कर लंच का भी आनंद लिया। जन्माष्टमी अवसर पर प्रेरणा वृद्धाश्रम के संस्थापक जय भगवान सिंगला अपनी धर्मपत्नी आशा सिंगला के साथ पहुंचे। उन्होंने नन्हे बच्चों के संग भगवान श्री कृष्ण के समक्ष दीप जला कर पूजा अर्चना की और झूले में बैठे नन्हे कन्हैया को भोग लगाया ।

नन्हे बच्चे भगवान श्री कृष्ण की जय जयकार करते नजर आए। जय भगवान सिंगला अपनी धर्मपत्नी आशा सिंगला के साथ नन्हे भगवान श्री कृष्ण और गोपियों के बीच भी बैठे। मुख्य अतिथि जय भगवान सिंगला ने कहा कि आजकल पूरे देश में जन्माष्टमी की धूम मची हुई है। नन्हे बच्चे बाल गोपाल के रूप में सजकर घूम रहे हैं। यह बच्चे कोई ग्वाला तो कोई कृष्ण और कोई राधिका बना हुआ है। बहुत ही उत्साह भरा खुशियों का माहौल बना हुआ है। लोग काफी उल्लास एवं उत्साह से भरे हुए हैं। बच्चों को नन्हे स्वरूप में सजे देखकर लोगों को ऐसा लगता है कि नन्हा बाल गोपाल भगवान श्री कृष्ण उनके घर आ गया है। आज मां यशोदा बाल वाटिका में आकर काफी प्रसन्नता मिली है।

यहां आयोजित कार्यक्रम में भी ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जैसे भगवान श्री कृष्ण विराजमान हों। बच्चों के भगवान श्री कृष्ण स्वरूप में सजने पर भी चेहरे में तेज देखने को मिल रहा है। प्रिंसिपल राज पवार ने कहा कि माखन का कटोरा, मिश्री की थाल, मिट्टी की खुशबू, बारिश की फुहार, राधा की उम्मीद, कन्हैया का प्यार यही कुछ जन्माष्टमी का अवसर है। मां यशोदा बाल वाटिका में बच्चों को ऐसा वातावरण देने का प्रयास है कि बच्चे अपने आप को मां के पास महसूस करें। इसी लिए संस्थान का नाम भी मां यशोदा बाल वाटिका रखा गया। यही भावना टीचरों में है कि मां यशोदा की भांति बच्चों को यहां प्यार दिया जाए। संस्थान में भगवान श्री कृष्ण एवं राधा की पूजा उपरांत मिश्री एवं माखन का भोग लगाया गया। साथ ही हांड़ी को तोडा गया। अभिभावक लवलीन कौर ने कहा कि बच्चों के साथ जिस प्रकार उत्सव मनाए जाते हैं। बच्चों को पढ़ाई के साथ संस्कार भी मिलते हैं।     

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