पंजाबी भाषा पढ़ने के इच्छुक विद्यार्थियों के साथ नहीं होने देंगे बेइंसाफी : अजराना
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के कई सरकारी स्कूलों में पंजाबी अध्यापकों की पोस्ट खत्म करने पर शिरोमणि अकाली दल हरियाणा स्टेट ने कड़ा एतराज जताया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सिख परिवार हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष कवलजीत सिंह अजराना ने सरकार को सख्त शब्दों में चेतावनी दी है कि हरियाणा में पंजाबी भाषा को खत्म करने की सरकारी चाल को वे कामयाब नहीं होने देंगे। इससे पहले जिले के कई सरकारी स्कूलों में पंजाबी अध्यापक के पद खत्म करने से निराश अध्यापक गुरुद्वारा बैकुंठ धाम कुरुक्षेत्र में एकत्रित हुए और उन्होंने बैठक करके शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के स्थानीय मैंबरो को मिलने की बजाए शिरोमणि अकाली दल हरियाणा स्टेट के पदाधिकारियों को मिलने का निर्णय लिया। पंजाबी अध्यापकों के बीच पहुंचे कवलजीत सिंह अजराना ने बताया कि हरियाणा शिक्षा विभाग की ट्रांसफर पॉलिसी के चलते कई मिडिल स्कूलों में पंजाबी अध्यापकों की पोस्ट खत्म कर दी गई है। इसके विरोध में मंगलवार को जिलाभर के सरकारी स्कूलों से पंजाबी अध्यापक यहां अपनी व्यथा को लेकर आए हैं। उन्होंने बताया कि समूह सिख एवं पंजाबी जत्थेबंदियों ने विद्यालयों में पंजाबी अध्यापकों के पदों को खत्म करने के सरकार के इस फैसले के विरुद्ध पंजाबी अध्यापक संगठन के साथ खड़े होकर साथ देने का निर्णय लिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हरियाणा सरकार ने पंजाबी विषय को दोबारा से विद्यालयों में न रखा, तो हम समूह जत्थेबंदियों व पंजाबी संगठन के साथ मिल कर इस संघर्ष को और तेज करेंगे। अजराना ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर हमें बहुत गर्व है कि वे पंजाबी है और पंजाबी भाषा के उत्थान के बारे में अच्छा सोचेंगे। कवलजीत सिंह अजराना ने बताया कि जानकारी के अनुसार जिला के जिन स्कूलों में पंजाबी अध्यापक की पोस्ट खत्म की गई है, उनमें राजकीय माध्यमिक विद्यालय पिपली माजरा, सल्पानी कलां, सूरमी, भुस्थला, संभालखी, लोटनी, बोडली, गंगहेडी, दयालपुर व दबखेड़ी के स्कूल शामिल हैं।
स्कूलों में पंजाबी विषय के विद्यार्थी होने के बावजूद खत्म किए पद
कवलजीत सिंह अजराना ने बताया कि जिला के जिन स्कूलों में पंजाबी अध्यापक की पोस्ट को खत्म किया गया है, उनमें पिपली माजरा के स्कूल में कुल 31 बच्चे है, जिनमें 20 बच्चों के पास पंजाबी विषय है। सल्पानी कलां के स्कूल में 77 बच्चे है, जिनमें 47 बच्चों के पास 47 विषय है। भुस्थला के सरकारी स्कूल में 41 बच्चे है, जिनमें 27 बच्चों के पास पंजाबी विषय है। इसके अलावा सूरमी के सरकारी स्कूल में 45 बच्चों में से 26 के पास, संभालखी के सरकारी स्कूल में 63 बच्चों में से 35 के पास, लोटनी में 76 बच्चों में से 76 बच्चों के पास ही पंजाबी विषय है। वहीं बोडली के सरकारी स्कूल में 35 में से 19 बच्चों के पास, गंगहेड़ी में 35 में से 35 बच्चों के पास व दबखेड़ी में 41 बच्चों में से 35 बच्चों के पास पंजाबी विषय है।
महानिदेशक को लिखा पत्र
उधर, पंजाबी पोस्ट खत्म किए जाने को लेकर राजकीय मिडल स्कूल डेरा फतेह सिंह के प्रधान ने महानिदेशक आईटी सेल पंचकूला को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि विद्यालय में 35 छात्रों के पास पंजाबी विषय है। विद्यालय में पंजाबी भाषा पढ़ने वाले विद्यार्थी होने के बावजूद ट्रांसफर पोर्टल पर टीजीटी पंजाबी पोस्ट नही दिखाई जा रही है। पंजाबी की पोस्ट खत्म होने के कारण बच्चों के भविष्य के साथ न्याय नही होगा। पत्र के माध्यम से मांग की गई कि टीजीटी पंजाबी विषय की पोस्ट ट्रांसफर पोर्टल पर दिखाई जाए।
यह अध्यापक रहे मौजूद
पंजाबी अध्यापकों की पोस्ट खत्म करने के बाद गुरुद्वारा बैकुंठ धाम में बैठक करने पहुंचे अध्यापकों में गुरविंदर कौर टीजीटी पंजाबी गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल तिगरी खालसा, अनीता रानी गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल मंगोली जाटान, सीमा रानी गवर्नमेंट मिडिल स्कूल बोढी, उर्मिला देवी गवर्नमेंट मिडिल स्कूल भिवानी खेड़ा, हरजीत सिंह गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल तलहेड़ी, सोहन लाल गवर्नमेंट हाई स्कूल नेसी, जतिन्द्र सिंह गवर्नमेंट मिडिल स्कूल पिपली माजरा, गुरतेज सिंह गवर्नमेंट मिडिल स्कूल बिजड़पुर, सुखदीप सिंह गवर्नमेंट हाई स्कूल उदारसी, प्रितपाल सिंह गवर्नमेंट मिडिल स्कूल सलपानी कलां, गुरनाम सिंह गवर्नमेंट हाई स्कूल हसनपुर और परविंदर सिंह गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल संभालखी सहित दर्जनों स्कूलों के पंजाबी अध्यापक शामिल रहे।