पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा के नेतृत्व में पूर्व पार्षदों का शिष्टमंडल मिला उपायुक्त से
समाधान न हुआ तो अदालत का दरवाजा खटखटाने से नही हटेंगें पीछे
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा के नेतृत्व में नगर परिषद थानेसर के पूर्व पार्षदों ने उपायुक्त मुकुल कुमार से भेंट करके परिषद की वार्डबंदी बिना आपत्ति और दावे सुने फाईनल करने पर अपना विरोध जताया और उपायुक्त कार्यालय पर जमकर नारेबाजी की। शिष्टमंड़ल का आरोप था कि बिना आपत्ति व दावे के वार्डबंदी फाईनल की गई है। अशोक अरोड़ा ने कहा कि इसकी शिकायत को लेकर एक शिष्टमंडल उपायुक्त से मिलने गया था लेकिन उपायुक्त से कोई संतोषजनक जवाब नही मिला। ऐसे में वे एसीएस को इस बारे में मिलेंगें यदि वहां से भी कोई समाधान न हुआ तो वे अदालत का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होंगें। पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने आरोप लगाया कि स्थानीय विधायक के कहने पर उनके निवास पर वार्डऱ्बंदी फाईनल की गई है। विधायक चाहते हैं कि उनके परिवार के अलावा नगर परिषद का चेयरमैन कोई न बने। इसलिए विधायक की शह पर प्रशासन द्वारा लोकतंत्र की हत्या की गई है।
अशोक अरोड़ा ने बताया कि उन्हे समाचार पत्रों के माध्यम से सूचना मिली थी कि वार्डबंदी पर आपत्ति व दावे करने की निर्धारित अवधी 17 अगस्त को समाप्त हो चुकी है। जबकि प्रमुख समाचार पत्रों में इस प्रकार का कोई विज्ञापन देखने को नही मिला। पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताते हुए वार्ड़बंदी पर आपत्ति और दावे करने की अवधी देने की मांग की। उन्होने कहा कि उपायुक्त व नगर परिषद के ईओ द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 9 अगस्त को उनके पास लैटर आया और 17 अगस्त को वार्ड़बंदी फाईनल कर दी गई। इस बीच 13 अगस्त को दो समाचार पत्रों में इस सुंबंध में विज्ञापन प्रकाशित हुआ। अरोड़ा ने कहा कि अखबार में प्रकाशन की नियमानुसार औपचारिता इसलिए निभाई जाती है ताकि समाचार पत्रों से जानकारी लेकर वे अपने दावे और आपत्तियां प्रशासन के समक्ष दर्ज करवा सकें लेकिन आश्चर्यजनक बात यह है कि यह विज्ञापन दो ऐसे समाचार पत्रों में दिया गया है जिनकी प्रसार संख्या नगर परिषद सीमा में न के बराबर है। यह नगर परिषद के सवा लाख से अधिक मतदाताओं के साथ धोखा है। अरोड़ा ने कहा कि उपायुक्त के पास इस बात का कोई संतोषजनक जवाब नही था। इस बारे में केवल औपचारिकता निभाई गई है। शिष्टमंडल के सभी सदस्य उपायुक्त द्वारा दिए गए जवाब से संतुष्ट नही हुए और अशोक अरोड़ा के नेतृत्व में जमकर नारेबाजी की। शिष्टमंड़ल में पूर्व पार्षद एवं इंप्रुवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन जलेश शर्मा, पूर्व पार्षद नरेंद्र शर्मा निंदी, विवेक मेहता विक्की, मनु जैन, संदीप टेका, अमित गर्ग शैंकी, पवन चौधरी, गौरव शर्मा गौरी, ओम प्रकाश, अशोक शर्मा पहलवान, नरेंद्र चौहान, सुमित कुमार, गोपाल गौड़, विवेक भारद्वाज, रोहित सैनी, राजेश बंसल व सतबीर घराड़सी सहित अन्य मौजूद थे।
लोकतंत्र की हत्या की जा रही : अरोड़ा
पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने कहा कि सरकार द्वारा लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास किया जा रहा है। पिछले माह 46 नगर परिषद व नगर पालिकाओं का चुनाव हुआ लेकिन थानेसर नगर परिषद के चुनाव को यह कहकर टाल दिया गया कि पिपली सहित अन्य एरिया को नगर परिषद में जोड़ा जाएगा, जबकि वार्ड़बंदी की दी गई थी। अब फिर से वार्डबंदी बिना आपत्ति व दावे के फाईनल कर दी गई। थानेसर की जनता को वार्डबंदी की सूचना उस वक्त मिली जब दो दिन पूर्व अखबारों में यह खबर प्रकाशित हुई। जबकि वार्डबंदी के बारे में थानेसर के किसी भी वोटर को पता नही था। ऐसे में थानेसर के विधायक लोकतंत्र का गला घोटने का काम कर रहे हैं। विधायक को यह नजर आ रहा है कि नगर परिषद में चुनाव में उनकी करारी हार होगी ऐसे में बार बार चुनाव को टालने का प्रयास किया जा रहा है।