आर्यन/न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 28 जुलाई। राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए होने वाली पूजा अर्चना में गीता स्थली पवित्र भूमि ज्योतिसर की मिट्टी की महक भी आएगी। इस भूमि पूजन कार्यक्रम में ब्रहमसरोवर, सन्निहित सरोवर, सरस्वती नदी का जल और सरस्वती तीर्थ पिहोवा की मिट्टी को शामिल किया जाएगा। यह धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के लिए एक सौभाग्य की बात है कि विश्व प्रसिद्घ धरोहर राम जन्मभूमि मंदिर के पूजन में कुरुक्षेत्र के तीर्थों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। अहम पहलू यह है कि अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने जा रहे है। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने कुरुक्षेत्र के विभाग संयोजक धर्मचार्या प्रमुख स्वामी वासुदेवानंद को ब्रहमसरोवर, सरस्वती नदी, सन्निहित सरोवर का जल और गीता स्थली ज्योतिसर व सरस्वती तीर्थ पिहोवा की मिट्टी को पूजन कार्यक्रम के लिए सौंपा है। मानद सचिव ने कहा कि 4 और 5 अगस्त को सभी अपने घरों में पांच-पांच दिए जलाकर इस खुशी के अवसर पर राम लला के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करें। इसके अलावा मंदिर और धर्म स्थलों पर पूजा अर्चना एवं सत्संग कर राम लला को याद कर विश्व को इस महामारी से बचाने की प्रार्थना भी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सैंकडों सालों से राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए लोगों ने बलिदान दिए और लम्बा संघर्ष किया। अब भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने राम जन्मभूमि मंदिर विवाद को सुलझाने का काम किया, अदालत के इस निर्णय से किसी भी समुदाय की भावना को ठेस नहीं पहुंची और ना ही कोई घटना घटी अपितू पूरे देश में शांति और सद्भावना का माहौल बना रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से ही अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थल पर मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। यह कुरुक्षेत्र का सौभाग्य है कि 5 अगस्त के मंदिर पूजन कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र के तीर्थो के जल और मिट्टी को भी शामिल किया जाएगा। विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष योगेश दत्ता, बजरंग दल हरियाणा के संयोजक सुशील चौधरी व कुरुक्षेत्र के संयोजक धर्मवीर ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि 493 वर्ष बाद हिंदू समाज के संघर्ष की जीत हुई है। हिंदुओं का बरसों पुराना सपना पूरा हुआ है। भव्य राम मंदिर निर्माण होने से केवल हिंदू समाज का ही नहीं, पूरी मानवता का उद्धार होगा। भगवान श्री राम किसी एक धर्म के नहीं अपितु पूरी मानवता के स्वामी हैं। इस असवर पर सुरेश जोशी, कमलव्रत, अतुल शास्त्री, योगेश दत्त, प्रेम नारायण अवस्थी, राकेश मेहता, अमन शर्मा, राकेश शर्मा, प्रो. विवेक शर्मा, अजय गुप्ता, एवं अन्य गण्यमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।