डॉ. प्रदीप गोयल/न्यूज डेक्स संवाददाता
शाहाबाद। क्षेत्र में पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मियां जोरों पर हैं और गांव में चौपालों पर हर जगह चुनावों के चर्चे चल रहे हैं। जिला परिषद चुनावों की भी बिसात बिछने लगी है।इन चुनावों में वार्ड नंबर 1 और 3 हॉट सीट बनने वाली है। क्योंकि इन दोनों सीटों से वर्तमान में विधायक रामकरण काला के पुत्र कुंवर पाल और सुकर पाल परिषद सदस्य हैं। आगामी चुनावों में भी दोनों सीटों पर विधायक के परिवार के सदस्यों के लड़ने की लगभग घोषणा हो गई है। इसी बाबत सोमवार सांय स्थानीय विश्राम गृह में विधायक रामकरण काला ने इन दोनों वार्डो के कार्यकर्ताओं की एक बैठक बुलाई थी। जिसमें सर्वसम्मति से वार्ड नंबर 1 से कुंवर पाल और वार्ड नंबर 3 से सुकरम पाल की धर्मपत्नी को चुनाव लड़ाने का फैसला किया गया।
इस बारे विधायक रामकरण काला ने बताया कि वह लगातार तीन बार वार्ड नंबर 3 से जिला परिषद के सदस्य रहे। पिछले 20 वर्षों से इस सीट पर उनका कब्जा रहा है। जबकि पिछले प्लान में वार्ड नंबर 1 से उनके छोटे पुत्र कुंवर पाल और वार्ड नंबर 3 से उनके बड़े पुत्र सुकरम पाल चुनाव लड़े थे और दोनों पुत्रों ने जीत दर्ज की थी। इस बार के चुनाव के लिए जनता की राय जानने के लिए उन्होंने यह बैठक बुलाई थी जिसमें सभी कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर इन दोनों को ही लड़ने का दबाव बनाया है। इस बार वार्ड नंबर 3 महिला आरक्षित हो गया है। इसलिए वह कार्यकर्ताओं के आग्रह को ठुकरा नहीं सकते और वार्ड नंबर 1 से अपने पुत्र कुंवर पाल और वार्ड नंबर 3 से पुत्रवधू पूजा को इन चुनावों में उतारने के लिए तैयार हैं। बाकी अंतिम फैसला उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला करेंगे। वहीं कांग्रेस की ओर से प्रेम हिंगाखेड़ी पिछले 2 वर्षों से डोर टू डोर जाकर प्रचार करने में व्यस्त हैं। वार्ड नंबर 1 से प्रेम हिंगाखेड़ी स्वयं और वार्ड नंबर 3 से उनकी धर्मपत्नी सविता हिंगाखेड़ी चुनाव लड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि उनकी तैयारी पूरी है और ग्रामीणों का पूरा समर्थन उन्हें मिल रहा है। जिस तरह की चर्चाएं नगर पालिका के उपप्रधान के चुनाव के बाद चल रही हैं कि जजपा को हराने के लिए कांग्रेस और भाजपा भी इन चुनावों में हाथ मिला सकती है। इस पर प्रेम हिंगाखेड़ी ने कहा कि फिलहाल इस बारे में उनकी कोई बात नहीं हुई है और भाजपा और जजपा के समझौते के तहत यह दोनों सीटे जजपा के कोटे में बताई जा रही हैं । जिससे लगता है कि इन दोनों वार्डो में भाजपा का कोई भी उम्मीदवार नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई लड़ना चाहे तो मैदान खुला है। कोई किसी को रोक नहीं सकता। बतौर उम्मीदवार उन्हें यदि किसी भी नेता का समर्थन मिलता है तो वह उसका स्वागत करेंगे।
उन्होंने कहा कि जनता ने पिछले 20 वर्षों में विधायक रामकरण काला की कार्यशैली को देख लिया है और जनता बदलाव के मूड में है। उन्होंने दावा किया कि इस बार जनता उनको ही विजय बनाएगी और जो इन वार्डों को अपना गढ़ समझ रहे हैं उनको चुनावों में पता चल जाएगा। बता दें कि जिला परिषद में शाहबाद विधानसभा क्षेत्र के 3 वार्ड पढ़ते हैं और चौथे वार्ड में पिहोवा के साथ-साथ थोड़ा सा हिस्सा ही शाहबाद विधानसभा क्षेत्र का आता है। जिला परिषद के वार्ड नंबर 1 में शाहाबाद के 29 गांव, वार्ड नंबर 2 में 30 गांव और वार्ड नंबर 3 में 26 गांव आते हैं। दोनों तरफ बराबर की टक्कर होने से इन दोनों सीटों पर मुकाबला रोचक होने की उम्मीद है।
बदला चुका सकते हैं कृष्ण बेदी। पूर्व राज्यमंत्री एवं सीएम के राजनीतिक सचिव कृष्ण बेदी इन चुनावों में नगर पालिका के वार्ड में उनके पुत्र की हुई हार का बदला चुका सकते हैं। क्योंकि कृष्ण बेदी के पुत्र गौरव बेदी ने वार्ड नंबर 9 से पार्षद का चुनाव लड़ा था। उस समय विधायक रामकरण काला ने उस का जमकर विरोध किया था और अपने प्रत्याशी जसबीर सैनी को वहां से चुनाव जिताने में कामयाब हुए थे। अब जबकि जिला परिषद चुनाव में उनके परिवार के दो सदस्य मैदान में होंगे तो कृष्ण बेदी के पास हार का बदला चुकाने का मौका होगा। उसके बाद हुए हाल ही में हुए नगर पालिका के उप प्रधान चुनाव में भी कृष्ण बेदी ने कांग्रेस के प्रत्याशी हरीश क्वात्रा की पुत्रवधू भाविका क्वात्रा का समर्थन कर जजपा के शहरी प्रधान और विधायक रामकरण काला के खासम खास प्रवीण शर्मा को हराया था। लगता है कि इस बार भी इतिहास अपने आपको दोहराएगा।