न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 7 अक्टूबर। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला (एन.जेड.सी.सी.) की कार्यक्रम समिति के सदस्य के रूप में सन् 2020-21 और 2021-22 दो वर्षों के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक व हिन्दी विभागाध्यक्ष आई.आई.एच.एस. डॉ. महासिंह पूनिया एमिनेंट कल्चर हेरिटेज पर्सनेलिटी के रूप में हरियाणा का प्रतिनिधित्व करेंगे।
इस आशय का पत्र डॉ. महासिंह पूनिया को उत्तर सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला की ओर से प्राप्त हुआ। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देर्शों के अनुसार प्रत्येक राज्य से कला संस्कृति विशेषज्ञ के रूप में एक प्रतिनिधि को भारत के सभी सांस्कृतिक केन्द्रों में प्रतिनिधित्व दिए जाने की योजना है।
इसी योजना के अंतर्गत हरियाणा सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से डॉ. महासिंह पूनिया को लोक कला एवं संस्कृति विशेषज्ञ के रूप में हरियाणा की ओर से प्रतिनिधित्व प्रदान करते हुए एन.जेड.सी.सी. की सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन समिति के सदस्य के रूप में नामित किया है।
उल्लेखनीय है कि डॉ. महासिंह पूनिया ने हरियाणवी संस्कृति के क्षेत्र में 10 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। इसके अतिरिक्त उनके सांस्कृतिक विषयों पर 50 से अधिक शोधपत्र अंतर्राष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय रिसर्च जनरल में प्रकाशित हो चुके हैं। डॉ. महासिंह पूनिया ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में स्थापित धरोहर हरियाणा संग्रहालय के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वर्तमान में डॉ. पूनिया युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक व हिन्दी विभागाध्यक्ष आई.आई.एच.एस. के रूप में विश्वविद्यालय को अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने 22 से अधिक देशों में हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत को प्रचारित एवं प्रसारित किया है।
इस विषय में डॉ. महासिंह पूनिया ने हरियाणा सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग का हार्दिक धन्यवाद करतेे हुए कहा कि मेरा प्रयास होगा हरियाणा के ज्यादा से ज्यादा कलाकारों को नार्थ जोन कल्चर सेंटर में प्रतिनिधित्व प्रदान हो और इसके साथ-साथ लोक संस्कृति की डॉक्यूमेंटेशन को बढ़ावा मिले। इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. नीता खन्ना ने एन.जेड.सी.सी. में हरियाणा के कला संस्कृति विशेषज्ञ प्रतिनिधि के रूप में शामिल होने पर डॉ. महासिंह पूनिया को बधाई दी।