महंत बंसीपुरी, आचार्य शुकदेव तथा आचार्य राजेश वत्स ने कहा वामन द्वादशी पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा किया जाए अवकाश
कुलपति को अपनाना चाहिए सकारात्मक रवैया : प्रोफेसर हिम्मत सिंह सिन्हा
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र के संत महात्मा भी अब नगर की संस्थाओं के समर्थन में एकजुट हो गए हैं। धर्मनगरी के संत महात्माओं ने एक स्वर से मांग की है कि गीता जयंती, वामन द्वादशी मेला और सोमवती अमावस्या पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में छुट्टी की जाए। उल्लेखनीय है कि सबसे पहले यह मांग श्री ब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा ने उठाई थी और उसके पश्चात 11 सितंबर को नगर की 40 से अधिक धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करके सभा की इस मांग का समर्थन किया था।
यहां यह भी काबिले जिक्र है कि सभा ने लिखित में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति के नाम पत्र लिखकर कहा था कि पहले विश्वविद्यालय में वामन द्वादशी मेला और सोमवती अमावस्या पर आधा दिन का अवकाश किए जाने की व्यवस्था थी। इस व्यवस्था को दोबारा से फिर लागू करने की मांग सभा ने की थी, लेकिन कुलपति ने इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया था। अब श्रीस्थाणवीश्वर महादेव मंदिर के महंत बंसीपुरी महाराज ने कहा है कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति को गीता जयंती, वामन द्वादशी मिला तथा सोमवती अमावस्या पर अवकाश किए जाने की व्यवस्था करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र एक धर्मनगरी है और यहां पर समय-समय पर धार्मिक आयोजन होते हैं। वामन द्वादशी मेला और सोमवती अमावस्या तथा गीता जयंती पर विश्वविद्यालय के कर्मचारी इन में भाग ले सकें इसलिए यह जरूरी है कि विश्वविद्यालय में कम से कम आधा दिन का अवकाश अवश्य किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुलपति को सभा की मांग पर सकारात्मक रवैया अपनाना चाहिए था कुलपति को चाहिए था कि वे जन भावना को देखते हुए वामन द्वादशी मेले पर आधा दिन का अवकाश अवश्य घोषित करते।
प्रसिद्ध कथा वाचक उत्तरी भारत के प्रसिद्ध कथा वाचक श्री शुकदेव आचार्य ने भी नगर की धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं मांग का समर्थन करते हुए कहा कि यह त्योहार हमारी सनातन परंपरा है। इसलिए इन त्योहारों में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो ऐसा प्रयास प्रशासनिक अधिकारियों को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति को चाहिए कि वह जन भावनाओं को देखते हुए दिसंबर में आयोजित होने वाली गीता जयंती भविष्य में आने वाली सोमवती अमावस्या तथा वामन द्वादशी मेले पर आधा दिन के अवकाश की व्यवस्था दोबारा से शुरू करें शुकदेव आचार्य ने कहा कि श्री ब्राह्मण एवं तो दार सभा ने यह मांग उठाकर बड़ा ही सराहनीय कार्य किया है और नगर की 40 से अधिक संस्थाओं ने सभा की समान का समर्थन किया है इसलिए कुलपति को जन भावनाओं का आदर करना चाहिए।
सिद्ध पीठ मां श्री बगलामुखी मंदिर के आचार्य राजेश वत्स का कहना है कि हमारी सनातन परंपरा में धार्मिक आयोजनों का बड़ा महत्व है यह धार्मिक आयोजन सनातन परंपरा को जीवित रखे हुए हैं श्री ब्राह्मण एवं तीर्थ उदार सभा ने जिस उल्लास के साथ और श्रद्धा के साथ मेले का आयोजन किया संस्थाओं के साथ मिलकर किया वह सराहनीय है कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पहले बामन द्वादशी मिला और सोमवती अमावस्या पर आधा दिन का अवकाश के जाने की परंपरा थी उन्होंने कहा कि कुलपति को चाहिए था कि वे सभा की मांग का सम्मान करते हुए वामन द्वादशी मेला पर आधा दिन का अवकाश किए जाने की व्यवस्था को लागू करते ऐसा ना कर के कुलपति ने सकारात्मक रवैया नहीं अपनाया उन्होंने मांग की कि भविष्य में आने वाली गीता जयंती सोमवती अमावस्या तथा बामन द्वादशी मिला पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के लिए आधा दिन का अवकाश सुनिश्चित करें।
इसी प्रकार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय भारतीय दर्शन एवं संस्कृति विभाग के पूर्व प्रोफेसर एवं केडीबी के पूर्व सदस्य डा हिम्मत सिंह सिन्हा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कि पहले कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में जो कुलपति नियुक्त होते थे। वह धार्मिक प्रवृत्ति के होते थे लेकिन पिछले कुछ समय से ऐसे लोग कुलपति नियुक्त हो रहे हैं जो धार्मिक होने का केवल दिखावा करते हैं उन्हें भारतीय संस्कृति और परंपराओं का कोई ज्ञान नहीं है। प्रोफेसर ने कहा कि वह 1963 में इस विश्वविद्यालय में आए थे और उस समय से विश्वविद्यालय में सोमवती अमावस्या और वामन द्वादशी मेला पर आधा दिन का अवकाश किए जाने की व्यवस्था थी। अब वर्तमान कुलपति ने श्री ब्राह्मण सभा की मांग की अनदेखी करके अच्छा कार्य नहीं किया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में जन भावनाओं को देखते हुए वामन द्वादशी मिला सोमवती अमावस्या और गीता जयंती पर विश्वविद्यालय में अवकाश के जाने की परंपरा लागू होनी चाहिए। इसी के साथ साथ कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दो पूर्व कुलसचिव पद्मश्री राघवेंद्र तोमर तथा रमेश शर्मा ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में वामन द्वादशी मिला और सोमवती अमावस्या पर आधा दिन का अवकाश किए जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि स्थानीय आयोजनों के लिए अवकाश करना कुलपति के अधिकार क्षेत्र में है।