कुवि में नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों के लिए इंडक्शन प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ समापन
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा ने कहा कि जीवन में कामयाबी के लिए निरंतर कठोर परिश्रम की जरूरत होती है। समय प्रबंधन एवं कार्य में सकारात्मकता द्वारा चुनौतियों का सामना सरलता से किया जा सकता है। वे शनिवार को विश्वविद्यालय के मानव संसाधन विकास केन्द्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ट्रैनिंग, प्लानिंग एवं मॉनिटरिंग सेल द्वारा विश्वविद्यालय के नवनियुक्त असिस्टैंट प्रोफेसरों के लिए आयोजित साप्ताहिक इंड़क्शन कार्यक्रम के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा ने प्रतिभागी शिक्षकों को प्रशिक्षण सर्टिफिकेट वितरित किए।
कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा ने कहा कि 140 करोड़ जनसंख्या में से केवल 20 प्रतिशत लोग ही उच्च शिक्षा प्राप्त कर पाते हैं और यह गौरव की बात है कि आप हरियाणा प्रदेश की ए-प्लस ग्रेड विश्वविद्यालय में कठिन परीक्षा देकर संकाय सदस्य के रूप चयनित हुए हैं। उन्होंने एकेडमिक, रिसर्च व कॉर्पोरेट (एआरसी) की बात करते हुए कहा एक शिक्षक अपनी एकेडमिक(ए) गतिविधियों के द्वारा विश्वविद्यालय की उन्नति में योगदान देता है और यह हमें अनुभव प्रदान करता है। उन्होंने रिसर्च (आर) के बारे में कहा कि विश्वविद्यालय में शोध की विस्तृत परम्परा है इसलिए गुणवत्तापूर्ण शोध करना बहुत जरूरी है। उन्होंने शिक्षकों को अपने शोध स्कोपस, एससीआई इंडेक्स जर्नल में प्रकाशित करवाने के लिए आह्वान किया। कार्पोरेट(सी) जीवन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाली गतिविधियों में प्रत्येक शिक्षक की भागीदारी बहुत जरूरी है। उन्होंने शिक्षकों से आपस में एक दूसरे के सम्पर्क व अनुभव सांझा करने के लिए भी आग्रह किया। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वे अपने विभाग के शिक्षकों के साथ आपसी तालमेल बिठाएं। कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा ने कहा कि शिक्षक अपनी क्षमताओं के अनुरूप विश्वविद्यालय के हित में कार्य करें व अपनी शिक्षण गतिविधियों का उचित प्रकार से डाक्यूमेंटेशन करें।
इससे पहले सुबह के सत्र में केयू की डीन एकेडमिक अफेयर्स व मानव संसाधन विकास केन्द्र की डायरेक्टर प्रो. मंजूला चौधरी ने कहा कि इस इंडक्शन कार्यक्रम का उद्देश्य विश्वविद्यालय के इको सिस्टम, उपलब्धियों तथा शोध आदि के बारे में नव-नियुक्त शिक्षकों को जानकारी प्रदान करना है। उन्होंने सभी शिक्षकों से आह्वान किया कि वो अपना शिक्षण का ध्येय लक्षित करके विश्वविद्यालय के हित में कार्य करें। प्रो. मंजूला चौधरी ने नई शिक्षा नीति के बारे में भी चर्चा की और बताया कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य विद्यार्थियों में मानवीय मूल्यों का विकास, नवाचार विकसित करने के साथ उसका सर्वांगीण विकास करना है।
केयू के ट्रेनिंग, प्लानिंग एवं मॉनिटरिंग सेल के नोडल ऑफिसर डॉ. अंकेश्वर प्रकाश ने मुख्यातिथि का धन्यवाद करते हुए कि कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ के मार्गदर्शन में इस सेल के द्वारा 1600 गैर-शिक्षक कर्मचारियों व अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि शिक्षक के लिए सीखने का समय एवं सीमा नहीं होती बल्कि सीखने की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है। वहीं पहली बार इस सेल द्वारा नव-नियुक्त शिक्षकों के यह इंडक्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि एनईपी 2020 लागू करने के बाद जो चुनौतियां आएंगी उसके लिए शिक्षकों को मानसिक रूप से तैयार रहना जरूरी है तथा यह इंडक्शन उसी का एक हिस्सा है। उन्होंने बताया कि इस साप्ताहिक इंडक्शन कार्यक्रम में इस कार्यक्रम में 32 नवनियुक्त सहायक प्रोफेसरों ने भाग लिया। एचआरडीसी के उप-निदेशक डॉ. सुनील ढुल ने इंडक्शन कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रस्तुत की। मंच का संचालन वर्षा ने किया। इस अवसर पर रवि थापा, मंदीप शर्मा व सुनील कुमार मौजूद रहे।