इंदिरा रसोइयों की संख्या बढ़कर हुई 870
रसोइयों की संख्या बढ़ने से बढ़ेगा योजना का दायरा
गरीब व्यक्ति को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना सरकार का ध्येय
जीतेंद्र जीतू/न्यूज डेक्स राजस्थान
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ‘कोई भूखा ना सोए’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में इंदिरा रसोई एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्य सरकार की इस योजना के माध्यम से गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को आरामदेह वातावरण में मात्र 8 रूपए में भरपेट भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ विद्यार्थियों एवं श्रमिकों सहित सभी वर्ग के लोगों को मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में स्व. इंदिरा गांधी ने सबसे पहले गरीबों, पिछड़ों एवं वंचितों के कल्याण के लिए ‘गरीबी हटाओ’ का नारा दिया। इसी भाव के साथ आमजन को पूरे सम्मान एवं सेवा भाव के साथ पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा इंदिरा रसोई योजना का संचालन किया जा रहा है।
गहलोत रविवार को प्रदेश में 512 नई इंदिरा रसोइयों के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। इन नवीन रसोईयों के संचालन के बाद प्रदेश में इंदिरा रसोइयों की संख्या बढ़कर 870 हो जाएगी। इस अवसर पर इंदिरा रसोई योजना पर लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। उन्होंने उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रदेश के विभिन्न जिलों के इंदिरा रसोई संचालकों को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने इंदिरा रसोई संचालकों से कहा कि वे इंदिरा रसोई में भोजन ग्रहण करने वाले लाभार्थियों के प्रति अच्छा व्यवहार करें एवं उन्हें पूरे सम्मान के साथ भोजन परोसें। गहलोत ने उत्कृष्ट कार्य कर रहीं सहयोगी संस्थाओं, पैंथर एजुकेशन सोसायटी जोधपुर, विद्या जन जागरण संस्थान धौलपुर, श्रीनाथ शिक्षण प्रशिक्षण व स्वास्थ्य एवं सोशल वेलफेयर सोसायटी रावतसर के प्रतिनिधियों को प्रोत्साहन राशि, मोमेन्टो तथा साफा पहनाकर सम्मानित किया। उन्होंने श्री मानव सेवा समिति भीलवाड़ा, टच स्टोन फाउण्डेशन जयपुर तथा मेवाड़ विकलांग सेवा संस्थान चित्तौड़गढ़ के प्रतिनिधियों को प्रशस्ति पत्र एवं मोमेन्टो देकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा रसोई योजना राज्य सरकार की संवेदनशील सोच का द्योतक है। उन्होंने कहा कि ‘कोई भूखा ना सोए’ के संकल्प के साथ शुरू की गई इस योजना के माध्यम से कोरोना काल में 72 लाख लोगों को सरकार द्वारा पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया गया। कोरोना काल में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए निःशुल्क भोजन की भी व्यवस्था की गई। कोरोना के दौर में राज्य सरकार के प्रयासों के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाओं ने सेवा की भावना के साथ जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध करवाने में आगे बढ़कर सहयोग किया, वह सराहनीय है। प्रदेश में वंचित तबके के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से संचालित की जा रही इस योजना के लिए आर्थिक रूप से किसी भी तरह की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
इंदिरा रसोई में 8 रूपए में पौष्टिक एवं भरपेट भोजन
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी जिलों में प्रारम्भ हुई नई इंदिरा रसोइयों के संचालकों, सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों एवं लाभार्थियों से बात की तथा आमजन के साथ नवीन इंदिरा रसोई में भोजन भी ग्रहण किया। लाभार्थियों ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि इस योजना के माध्यम से आमजन को मात्र 8 रूपए में पौष्टिक एवं भरपेट भोजन उपलब्ध हो रहा है। राज्य सरकार की इस संवेदनशील योजना से आमजन को बड़ी राहत मिली है। गहलोत ने कहा कि महंगाई के इस दौर में न्यूनतम दर पर अच्छा भोजन उपलब्ध होने से आमजन की जेब पर भार कम हुआ है। सरकार इस योजना में 17 रूपए प्रति थाली अनुदान दे रही है। उन्होंने कहा कि अब तक 358 इंदिरा रसोइयों से 7 करोड़ से ज्यादा पौष्टिक एवं स्वादिष्ट भोजन की थालियां आमजन को परोसी जा चुकी हैं। 512 नई रसोइयों की स्थापना से इस संख्या को लगभग 14 करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जल्द ही और रसोइयां शुरू कर बजट घोषणा के अनुसार इंदिरा रसोइयों की संख्या 1000 की जाएगी।
सामाजिक सुरक्षा सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन को अधिकतम राहत देने के लिए शुरू की गई लोक हितैषी योजनाएं रेवड़ियां न होकर सामाजिक सुरक्षा का एक भाग है। पूरे विश्व के लोकतंत्रों में इसका प्रचलन है। वंचित वर्ग को अधिक से अधिक राहत देना एक लोकतांत्रिक व संवेदनशील सरकार का कर्तव्य है। भारत के संविधान में भी नीति निदेशक तत्वों में राज्य सरकार को जनकल्याण के मार्ग पर चलते हुए सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक न्याय देने तथा असमानता को समाप्त करने की बात कही गई है। राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क उपचार, गरीब विद्यार्थियों हेतु अंग्रेजी माध्यम में निःशुल्क शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु निःशुल्क कोचिंग, वृद्धजनों, दिव्यांगजनों, महिलाओं सहित 1 करोड़ लोगों को पेंशन, प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को विदेश में निःशुल्क शिक्षा, बिजली बिलों पर घरेलू उपभोक्ताओं को छूट आदि के माध्यम से आमजन को सामाजिक सुरक्षा दी जा रही है। देश में समाज के वंचित तबके को जनकेन्द्रित एवं संवेदनशील नीतियों के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने में राजस्थान अग्रणी राज्य बनकर उभरा है।
ग्रामीण ओलंपिक से खेलों के प्रति प्रदेश में बना सकारात्मक माहौल
गहलोत ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों से ग्रामीण क्षेत्र के खिलाड़ियों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने का एक मंच मिला है। भविष्य में इन खिलाड़ियों की प्रतिभा को तराशने के लिए उच्च स्तरीय प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धाओं में मेडल लेकर आ सकें। सभी धर्मों, वर्गों तथा राजनीतिक पृष्ठभूमि के लोगों ने इन खेलों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। इससे प्रदेश में खेलों के साथ-साथ सद्भावना का भी वातावरण तैयार हुआ है। इन खेलों का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाएगा। जल्द ही शहरी ओलंपिक खेलों की भी शुरूआत की जाएगी। प्रदेश सरकार उत्कृष्ट खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर विशेष ध्यान दे रही है। जयपुर में जल्द ही 70 हजार दर्शकों की क्षमता वाला स्टेडियम तैयार होने जा रहा है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि इंदिरा रसोई योजना में लोगों को सम्मानपूर्वक बैठाकर ताजा एवं पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भोजन की गुणवत्ता के साथ-साथ स्थानीय स्वाद का भी इस योजना में विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि राजस्थान में जनकल्याण हेतु चल रही योजनाएं अपने आप में अनूठी हैं। राज्य सरकार ने संवेदनशीलता दिखाते हुए कोरोना काल में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से समाज के वंचित तबके की सहायता की। पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि स्व. इंदिरा गांधी के नाम पर गरीबों एवं जरूरतमंद लोगों के लिए ऐसी योजना की शुरूआत करना एक बेहतरीन पहल है।