Friday, November 22, 2024
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मधुमेह पीड़ितों में 3 में से 1 होती है रेटिनोपैथी: डॉ. ममगाईं

by Newz Dex
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30000 लोगों में अंधेपन के लिए जिम्मेदार है कॉर्निया

प्रदेश में सबसे ज्यादा सफेद मोतिया के ऑपरेशन एलएनजेपी अस्पताल कुरुक्षेत्र में: डॉ.शैली

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र,8 अक्तूबर। वर्ष 2010 में दुनिया की आबादी का केवल 28 फ़ीसदी हिस्सा लघु -दृष्टि से प्रभावित था, 2020 में यह संख्या 34 फीसदी और 2050 तक 50 फ़ीसदी तक बढ़ जाएगी। यह जानकारी लोकनायक जयप्रकाश जिला नागरिक अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक और फिजिशियन डॉ. शैलेंद्र ममगाईं शैली ने आज विश्व सृष्टि दिवस के अवसर पर स्थानीय राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित एक गोष्ठी में दी । गोष्ठी की अध्यक्षता जिला शिक्षा अधिकारी अरुणा आश्री ने की और मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी और नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. मेजपाल मौजूद थे।         

इस अवसर पर डॉ. ममगाईं ने कहा कि हरियाणा में कुरुक्षेत्र जिला के अस्पतालों में सफेद मोतिया के ऑपरेशन करने में लोकनायक जयप्रकाश जिला  नागरिक अस्पताल का पहला स्थान है ।मधुमेह से पीड़ित लोगों की संख्या 49 मिलियन थी जो 2014 में बढ़कर 108 मिलियन हो गई ।मधुमेह से पीड़ित हर 3 लोगों में एक व्यक्ति को मधुमेह से होने वाली रेटिनोपैथी नामक बीमारी थी। इसके अलावा 10 में से एक व्यक्ति में एक व्यक्ति को इसरो का खतरनाक पहलू विकसित हो सकता है।

अनैतिकता की रोकथाम के लिए 1 जनवरी 1953 को सर जान विल्सन ने अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ‘इंटरनेशनल एजेंसी फॉर प्रीवेंशन आफ ब्लाइंडनेस’ की स्थापना की जो लोगों उन लोगों की वृद्धि के लिए समर्पित है जो दृष्टि की समस्याओं से पीड़ित हैं।वर्ष 2020 में विश्व सृष्टि दिवस का थीम है -दृष्टि का अधिकार।डॉ. शैली ने बताया कि दुनिया में हर तीन अंधे लोगों में से एक भारत से है। पूरे विश्व में 15 मिलियन लोग अंधेपन से पीड़ित हैं जिनमें से 3.5 मिलियन लोगों में इसका मुख्य कारण कॉर्निया अंधापन है जो हर साल 30000 लोगों में अंधेपन को फैलाने के लिए जिम्मेदार है।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी और नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ.मेज पाल ने इस अवसर पर कहा कि 80% अंधापन रोके जाने योग्य या उपचार योग होता है और पांच में से चार लोग बचने योग्य दृष्टि नुकसान से पीड़ित होते हैं। विजन -2020 की शुरुआत इंटरनेशनल एजेंसी फॉर प्रीवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस द्वारा विश्व स्वास्थ संगठन के सहयोग से 18 फरवरी 1999 को शुरू की गई थी जिसके तहत सत्र 2017 में जारी रिपोर्ट में बताया गया कि नेत्रहीन लोगों में 55 फ़ीसदी महिलाएं अंधी है और केंद्र सरकार द्वारा अंधता नियंत्रण कार्यक्रम ऐसी योजना है जिसमें 100 फ़ीसदी वित्तीय सहायता भारत सरकार द्वारा दी जाती है। जो वर्षों से क्षेत्र से काम कर रही है ।अंधेपन के मुख्य कारणों में मोतियाबिंद, अपवर्तक त्रुटि ,कॉर्निया अंधापन और काला मोतिया मुख्य रूप से शामिल हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला शिक्षा अधिकारी अरुण आश्री ने इस अवसर पर कहा की कोरोना कि इस महामारी के समय पॉजिटिव ऊर्जा से लबरेज होने की जरूरत है और सिर्फ एक परिस्थिति में पॉजिटिव रिपोर्ट से बचना है वह है कोरोना वायरस की पॉजिटिव रिपोर्ट।उन्हें इस अवसर पर लोक नायक जयप्रकाश जगन नागरिक अस्पताल के प्रशासन का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा शिक्षा विभाग के साथ स्वास्थ्य कार्यक्रमों को लागू करने में बढ़-चढ़कर अपनी भूमिका अदा की है और विश्वास जताया कि स्कूल खुलने पर वह जागरूकता कार्यक्रम में अपना योगदान पूर्वक देते रहेंगे।

सामाजिक दूरी का पालन करते हुए इस गोष्ठी में  शामिल लोगों में खंड चिकित्सा शिक्षा अधिकारी संतोष, स्कूल के प्रिंसिपल, मंच संचालक शिवकुमार, स्वास्थ्य अधिकारी अतुल शर्मा, चिकित्सक डॉ. उर्वशी सैनी, डॉ. गुरविंदर कौर , डॉ.ध्रुव आशीष शर्मा ,डॉ. रितु धनखड़ और और करीबन 50 अध्यापकों ने भाग लिया।

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