अनाधिकृत रूप से विकसित कॉलोनियों को मिल सकेगी मूलभूत सुविधाएं
नियमों व मानदंडों को पूरा करने वाली एक जुलाई 2022 से पहले विकसित अवैध कॉलोनियों हो सकेंगी नियमित
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। जिला नगर योजनाकार सविता जिंदल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने आमजन को आवश्यक सेवाएं और सुविधाएं प्रदान करने के लिए नगर पालिका व परिषद सीमा से बाहर व जिला नगर योजनाकार कार्यालय के नियंत्रित क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की नीति की अधिसूचना जारी की है। यह नीति निकाय की सीमा से बाहर, निजी भूमि पर विकसित उन अवैध कॉलोनियों पर लागू होगी, जो एक जुलाई 2022 से पहले बनी हो।
डीटीपी सविता जिंदल ने बताया कि जारी अधिसूचना के तहत इस नीति का लाभ उठाने के लिए कॉलोनी काटने वाला व्यक्ति, पंजीकृत आरडब्ल्यूए व कोआपरेटिव सोसायटी आवेदन कर सकते हैं। जिन कॉलोनियों के आवेदन प्राप्त होंगे, उनकी छंटनी के लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए मलकियत संबंधित सभी राजस्व दस्तावेज (जमाबंदी, इंतकाल, नकल रजिस्ट्री व सजरा), स्वामित्व के प्रमाण के साथ प्लॉट धारक की सूची, कॉलोनी का ले-आउट व सर्वे प्लान व ले-आउट प्लान सैटेलाइट इमेज पर भी तैयार कराए, कॉलोनियों में गलियों की चौड़ाई तथा अन्य सुविधाओं का विवरण दर्शाना होगा। इन सभी दस्तावेजों की तीन प्रतियां व एक सॉफ्ट कॉपी में डीटीपी कुरुक्षेत्र के कार्यालय में आवेदन किया जा सकता है। अधिसूचना संबंधी किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त करने के लिए जिला नगर योजनाकार कार्यालय कुरुक्षेत्र में संपर्क किया जा सकता है तथा उक्त नीति की प्रति विभाग की वेबसाइट टीसीपीहरियाणा.जीओवी.इन से प्राप्त की जा सकती है।
कॉलोनियों के वर्गीकरण एवं मानदंडों के बारे में जानकारी देते हुए डीटीपी ने बताया कि अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के लिए बिल्ट अप एरिया आधार पर चार श्रेणी बनाई गई है। वर्ग ए में न्यूनतम निर्मित क्षेत्र 25 प्रतिशत तक निर्धारित किया गया है, जिसमें न्यूनतम आंतरिक सडक़ की चौड़ाई 9 मीटर, न्यूनतम पार्क/खुला क्षेत्र 5 प्रतिशत, अधिकतम वाणिज्यिक क्षेत्र 4 प्रतिशत होनी चाहिए। इसी प्रकार बी वर्ग में न्यूनतम निर्मित क्षेत्र 25-50 प्रतिशत तक, न्यूनतम आंतरिक सडक़ की चौड़ाई 6 मीटर, न्यूनतम पार्क एवं खुला क्षेत्र 3 प्रतिशत, अधिकतम वाणिज्यिक क्षेत्र 4 प्रतिशत होनी चाहिए। वहीं सी वर्ग में न्यूनतम निर्मित क्षेत्र 50-75 प्रतिशत तक, न्यूनतम आंतरिक सडक़ की चौड़ाई 6 मीटर तथा अधिकतम वाणिज्यिक क्षेत्र 4 प्रतिशत होनी अनिवार्य है। इसी प्रकार डी वर्ग में न्यूनतम निर्मित क्षेत्र 75-100 प्रतिशत तक वाले एरिया में रोड की चौड़ाई 6 मीटर व वाणिज्यिक एरिया चार प्रतिशत होना चाहिए।