किसानों के जीटी रोड जाम करने पर सरकार पहुंची हाईकोर्ट
प्रशासन कर सकता था बल का प्रयोग
किसानों से डरती है सरकार तभी हाईकोर्ट गयी : गुरनाम सिंह चढूनी
डॉ.प्रदीप गोयल/न्यूज़ डेक्स संवाददाता
शाहाबाद। धान खरीद की मांग को लेकर शाहाबाद में नेशनल हाईवे जाम किये बैठे किसानों की दोनों मांगे सरकार द्वारा मान लिये जाने के बाद किसानों ने 21 घंटे के बाद शनिवार को करीब 10 बजे धरना समाप्त किया और जीटी रोड से जाम हटाया। हालांकि सरकार ने जीटी रोड से जाम हटवाने के लिए किसानों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर थी और न्यायालय ने किसानों को सड़क से हटाने के निर्देश प्रशासन को दिये थे। ऐसे में किसी भी समय प्रशासन किसानों पर बल का प्रयोग कर सड़क खाली करवा सकता था लेकिन इसी बीच सरकार का संदेश लेकर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वार्तालाप में किसानों व प्रशासन की बीच सहमति हुई जिस पर किसानों ने जाम खोल दिया।
किसानों के प्रतिनिधि मंडल से बातचीत करने के लिए पहुंचे उपायुक्त शांतनु शर्मा ने अपने फोन से फूड एंड सप्लाई विभाग के सचिव के साथ भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी की बातचीत करवाई। जिस पर किसानों के समक्ष यह प्रस्ताव रखा गया कि हरियाणा की मंडियों में अब तक पहुंच चुकी धान और एक अक्तूबर तक आने वाली धान की तुलवाई व भरवाई करवाना और उसे सुरक्षित स्थान पर रखना सरकार की जि मेवारी होगी और लेकिन इस फसल के जे-फार्म धान की खरीद शुरू होने के बाद काटे जाएंगे। वहीं पांच जिलों में प्रति एकड़ 30 क्विंटल और अन्य स्थानों पर प्रति एकड़ 28 क्विंटल धान की खरीद सरकार द्वारा की जाएगी। उपायुक्त शांतनु शर्मा ने सरकार के इस प्रस्ताव को किसानों के मंच पर आकर रखा । जिसे किसानों ने सहर्ष स्वीकार किया और नेशनल हाईवे से जाम हटाने की घोषणा कर दी। वहीं किसानों को स बोधित करते हुए भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार किसानों से डरती है इसलिए जीटी रोड से जाम खुलवाने के लिए सरकार रात को ही हाईकोर्ट जा पहुंची। जबकि सरकार को हाईकोर्ट न जाकर बातचीत के लिए किसानों की बीच सड़क पर आना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट को किसानों को सड़क से हटाने के निर्देश देने से पहले इस बात को जानना चाहिए था कि आखिर किसान सड़क पर बैठे क्यों हैं और उनकी समस्या क्या है। चढूनी ने कहा कि सरकार की जि मेवारी जनता की समस्याओं को हल करने की होती है न कि मुकाबला करने की। उल्ले ानीय है कि धान खरीद की मांग को लेकर किसानों ने शुक्रवार को दोपहर एक बजे जीटी रोड जाम किया था और 21 घंटे के बाद श्निवार को दस बजे सड़क खाली की। जाम के दौरान किसानों के लिए लंगर की व्यवस्था डेरा बाबा बीर सिंह और जलपान की व्यवस्था प्रेम हिंगाखेड़ी की ओर से की गई। इस अवसर पर भाकियू के प्रेस प्रवक्ता राकेश बैंस, जसबीर सिंह मामूमाजरा, हरकेश खानपुर, संजू गुदियाना, महावीर चहल, कर्म सिंह मथाना, प्रेम हिंगाखेड़ी, पंकज हबाना, मलकीयत सिंह, प्रिंस, अजय राणा, संदीप सिंगरौरा मौजूद रहे।
खुले आसमान में बरसात व तूफान में सोये किसान
शुक्रवार रात को जीटी रोड जाम कर बैठे किसानों के लिए रात काफी भारी रही। पूरी किसानों को बरसात व तूफान में गुजारनी पड़ी। किसानों द्वारा रात को ठहरने के लिए लगाये गये अस्थायी तंबू बरसात व आंधी से ध्वस्त हो गये है। उस कारण किसानों को बरसात में ही रहना पड़ा। कुछ किसान ट्रेक्टर-ट्रालियों में तो कुछ किसान आस-पास बनी दुकानों के शैडों का सहारा लिया। भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी, राकेश बैंस और जसबीर सिंह मामूमाजरा भी पूरी रात प्रदर्शन स्थल पर रहे।
किसानों को सड़क से उठाने के लिए बल का प्रयोग कर सकता था प्रशासन
सरकार की याचिका के बाद हाईकोर्ट ने जीटी रोड खुलवाने के निर्देश प्रशासन को दे दिये थे। ऐसे में शाहाबाद जीटी रोड पर स्थिति गंभीर बनी हुई थी और किसी भी समय प्रशासन किसानों को उठाने के लिए बल का प्रयोग कर सकता था। शनिवार सुबह बड़ी सं या में पुलिस फोर्स पूरी तैयार के साथ सड़क पर आकर डट गयी थी। लेकिन प्रशासन का रवैया साकारात्मक था जिसके फलस्वरूप किसानों पर बल का प्रयोग करने की नौबत नहीं आई और सरकार द्वारा मांगे मान लिये जाने के बाद गतिरोध समाप्त हो गया।
चौथे दौर की वार्ता हुई सफल
शनिवार को सुबह आठ बजे से ही किसानों व प्रशासन के बीच वार्तालाप का दौर शुरू हो गया था। उपायुक्त शांतनु शर्मा, एसपी सुरेन्द्र भौरिया और एसडीएम कपिल शर्मा के साथ चौथे दौर की वार्ता सफल हुई। हालांकि इससे पहले तीन बार करीब दस-दस मिनट की बातचीत हुई जोकि बेनतीजा ही। चौथी दौर की वार्ता में सरकार के आए प्रस्ताव को किसानों ने स्वीकार कर लिया।
घोषणा के बाद किसानों ने चंद मिंटों में सड़क की खाली
गतिरोध खत्म होने के बाद किसानों ने चंद मिंटों सड़क खाली कर दी। जैसे ही भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने प्रशासन का प्रस्ताव मानते हुए सड़क को खाली करने के निर्देश दिये तो सभी किसानों ने तत्काल प्रभाव से अपना बोरिया-बिस्तर, अस्थायी तंबू व ट्रेक्टर सड़क से हटा दिये और यातयात को सुचारू करने मेंं सहयोग किया।
प्रशासान की प्रशंसा की, मीडिया व सहयोगियों का आभार जताया
भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने प्रशासन के साकारात्मक रवैये की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जितनी बार भी प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत हुई तो इस दौरान अधिकारियों ने शांतिपूर्वक व स मान के साथ मामले को सुलझाने की पेशकश की और इसी रवैये से प्रशासन किसानों को मनाने में कामयबा रहा है। गुरनाम सिंह ने सोशल व प्रिंट मीडिया का आभार जताने के साथ-साथ लंगर आदि की व्यवस्था करने के लिए सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।
पंजाबी गीतों पर झूमते गये किसान
दिल्ली के बाद शाहाबाद आंदोलन की जीत के बाद किसान झूमते नजर आए। ट्रेक्टर-ट्रालियों पर लगे स्पीकरों से पंजाबी गीत गूंजने लगे और किसानों ने इस जीत की खुशी में जमकर भंगड़़ा डाला।
प्रशासन ने ली राहत की सांस
किसानों के साथ गतिरोध समाप्त होने तक प्रशासन की सांसे फुली रही। क्योंकि होईकोर्ट के निर्देश सड़क खाली करवाने के आ चुके थे लेकिन किसान धान खरीद की मांग पर अड़े थे। ऐसे में प्रशासन व पुलिस प्रशासन की सांसे अटकी थीं कि किसी भी समय कोई भी कार्रवाई करनी पड़ सकती है। लेकिन जब किसान सहमत हुए थे तो प्रशासन ने राहत की सांस ली।