धान की फसल बर्बाद होने की एवज में प्रति एकड़ 50 हजार रुपये मुआवजा दिया जाए- कुंडू
बीमा कंपनियां किसानों को मुआवजा देने की बजाय खुद के घर भरने में जुटी – कुंडू
न्यूज डेक्स संवाददाता
महम। जन सेवक मंच संयोजक एवं महम विधायक बलराज कुंडू ने बेमौसम बरसात से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई की मांग करते हुए कहा है कि सरकार तुरन्त स्पेशल गिरदावरी करवाकर किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा दे।
बलराज कुंडू ने कहा कि कई दिन से लगातार बरसात हो रही है जिससे प्रदेश भर में किसानों की धान की तैयार फसल बर्बाद होने से उनको भारी नुकसान हुआ है। सिर्फ धान ही नहीं बल्कि अन्य फसलें भी पानी में डूब गई हैं इसलिए सरकार को किसानों की मदद के लिए तुरन्त आगे आना चाहिए और फौरन स्पेशल गिरदावरी करवाकर किसानों को प्रति एकड़ कम से कम 50 हजार रुपये मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान इससे पहले ही कई सीजन से मौसम की मार झेल रहे हैं और उनको बड़े स्तर पर आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। बीमा कम्पनियां किसानों की मददगार साबित होने की बजाय खुद की जेबें भरने में लगी हैं। अधिक प्रीमियम का भुगतान करने के बावजूद किसानों को फसलें खराब होने पर बीमा कंपनियों का कोई सहारा नहीं मिलता। हालात यह है कि पिछले वक्त हुई ओलावृष्टि एवं जलभराव के चलते हुए नुकसान का मुआवजा भी अभी तक नहीं मिल पाया है। आलम यह है कि करीब 40 हजार करोड़ का मुनाफा कमाने वाली बीमा कम्पनियां भूमिपुत्र के साथ नियम-कायदों का खेल करके किसानों का साथ छोड़ गई और संकट के समय सरकार ने भी अन्नदाता से किनारा कर लिया।
बलराज कुंडू ने कहा कि किसानों द्वारा बार-बार मांग करने के बावजूद सरकार ने अब तक मंडियों में धान की खरीद शुरू नहीं की है जबकि कई दिन पहले से मंडियों में धान पहुंचने लगा था। खरीद ना होने से बारिश में भीगकर मंडियों में पड़ा धान खराब होने लगा है। ऐसे हालात के बीच डरे सहमे किसानों को धान की फसल फिर से पिटती नजर आ रही है और बाजरा उत्पादक किसानों की भी ऐसे ही दुर्गति हो रही है। सरकार द्वारा ना तो बाजरा की एमएसपी दी जा रही और ना ही भावांतर भरपाई योजना के माध्यम से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई की जा रही है।
दूसरी ओर, प्रदेश भर में आढ़तियों की हड़ताल चल रही है लेकिन सरकार बातचीत करके उसका कोई हल निकालने के लिए गंभीर नजर नहीं आती जिसका सीधा खामियाजा किसानों को उठाना पड़ रहा है।