डॉ. प्रदीप गोयल/न्यूज डेक्स संवाददाता
शाहाबाद। सरकार ने किसानों की 2 मांगे मान कर एक तीर से दो निशाने करने में सफलता हासिल की है। जहां किसानों की सरकारी खरीद शुरू करने की मांग को स्वीकार किया वही इसी के आधार पर प्रदेश में चल रही आढ़तियों की हड़ताल को कमजोर करने का प्रयास भी किया है। अभी तक तो आढ़तियों की हड़ताल को किसानों व अन्य लोगों का समर्थन मिल रहा था। लेकिन अब सरकारी खरीद शुरू होने पर आढ़तियों पर भी हड़ताल को समाप्त करने का दबाव बनेगा। वही आढ़तियों की हड़ताल को समर्थन कर रहे शेलर मालिकों पर भी जीरी को उठाने का दबाव बनेगा। वर्षा के कारण चार-पांच दिन तो अभी खेतों में मिट्टी गीली होने के कारण कंबाइन ही नहीं चल पाएगी और कटाई भी लगभग एक हफ्ता बाद होगी। ऐसे में एक अक्टूबर से पहले तो धान की नई आवक आने संभव ही नहीं होगी। इसलिए सरकार ने बड़ा सोच समझकर यह फैसला लिया की अभी जो मंडियों में धान हैं केवल वही खरीदनी होगी।
इसके बाद तो लगभग 1 अक्टूबर के पास ही नई धाम आ पाएगी। बता दें कि पिछले कई दिनों से आढ़ती हड़ताल पर हैं और 23 सितंबर से प्रदेश के 10 मंडी प्रधान करनाल में आमरण अनशन पर बैठे हैं। ऐसे में सरकार की दोनों तरफ से किरकिरी हो रही थी। जहां किसानों ने अपना मोर्चा जीटी रोड जाम कर लगा दिया था वही आढ़ती भी दूसरे मोर्चे पर सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन कर रहे थे। ऐसे में सरकार ने किसानों की मांग को मान कर आढ़तियों की हड़ताल को कमजोर करने का प्रयास किया है। वहीं जैसे ही मंडियों में धान की सरकारी खरीद शुरू करने का आदेश मंडियों में मिला तो स्थानीय नई अनाज मंडी में दोनों एसोसिएशन की संयुक्त बैठक प्रधान धनपत राय अग्रवाल की अध्यक्षता में किसान रेस्ट हाउस में हुई। जिसमें शेलर एसोसिएशन के प्रतिनिधि ने भी हिस्सा लिया।
बैठक में एकमत से फैसला लिया गया कि जो हड़ताल चल रही है उसे उसी तरह से चालू रखा जाएगा। धनपत राय अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश स्तर पर मंडियों के प्रधान आमरण अनशन पर बैठे हैं । ऐसे में सबका दायित्व बनता है कि वह उस हड़ताल को समर्थन दें और जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मानती तब तक हड़ताल को जारी रखा जाए। बैठक में कुछ शेलरो में जीरी उतरवाने और तुलने की बात भी सामने आई। जिस पर वहां पर मौजूद शेलर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को भी इस बारे कहां गया कि वह अपने एसोसिएशन में फैसला लेकर शेलर के अंदर भी धान की उतरवाई बन करें। इस के एकदम बाद शेलर एसोसिएशन ने भी अपनी बैठक कर आढ़तियों के समर्थन में फैसला लिया। राइस शेलर एसोसिएशन के प्रधान रोहित वधवा ने कहा कि सभी शेलर मालिक अपने शेलर के गेट पर ताला लगा देंगे और कोई भी ट्राली किसी भी शेलर के अंदर नहीं उतरेगी। इस अवसर पर अशोक अग्रवाल, अजय गर्ग ,अनूप अग्रवाल, मोहन गुप्ता, प्रवीण गर्ग, विनोद सचदेवा सहित अनेक आड़ती उपस्थित थे।
नहीं तुली कोई भी धान । सरकार द्वारा धान की सरकारी खरीद शुरू किए जाने की घोषणा के बावजूद मंडी में धान की ढेरियां पहले की तरह त्रिपाल से ढकी नजर आई और कोई भी ढेरी भरी नहीं गई। अभी तक शांत रहे किसान ही अब आढ़तियों पर उनकी जीरी को भरने के लिए दबाव बनाएंगे। ऐसे में सरकार और किसानों के दबाव में आढ़तियों की हड़ताल भी तारपीडो हो सकती है।
शाहबाद। मंडी के अंदर तिरपाल से ढकी धान की ढेरियां