न्यूज डेक्स संवाददाता
बीकानेर, मुकाम। मुक्ति धाम मुकाम में आज उपराष्ट्रपति जयदीप धनखड़ ने भारत सरकार में केन्द्रीय मंत्री रहे एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजनलाल की प्रतिमा का अनावरण किया। मुकाम मेले में आयोजित खुले अधिवेशन में उपस्थित भारी भीड़ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि चौ. भजनलाल जैसे महापुरूष की प्रतिमा का अनावरण करना उनके लिए सौभाग्य एवं गर्व की बात है, क्योंकि भजनलाल जी के उन पर बहुत अहसान हैं। हमेशा उनका आशीर्वाद मुझ पर रहा। उन्होंने कहा कि कुलदीप बिश्नोई बहुत ही नेक दिल इंसान और ईमानदार व्यक्ति हैं। राजनीति में उन जैसे व्यक्ति विरले ही मिलते हैं। उन्होंने सदैव ईमानदारी से राजनीति की और चौ. भजनलाल के आदर्शों पर चलते हुए वे अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक के रूप में बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। भव्य बिश्नोई से जब उन्होंने पूछा कि विदेश से पढ़ाई करने के बाद अब आगे क्या योजना है तो उन्होंने कहा कि भजनलाल जी के पद्चिन्हों पर चलकर समाजसेवा की दिशा में कार्य करना चाहता हूँ। यह बेहतरीन सोच है वे बहुत आगे जाएंगे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण व जीव रक्षा की दिशा में बिश्नोई समाज का काम महान है। इस दौरान केन्द्रीय अधिवेशन को महासभा के संरक्षक कुलदीप बिश्नोई, अध्यक्ष देवेन्द्र बुडिया, केन्द्रीमंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, केन्द्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, विधायक दुडाराम, विधायक पब्बाराम, विधायक बिहारीलाल ने भी संबोधित किया।
कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि आज आसोज मेला के अवसर पर मुक्ति धाम मुकाम की पावन धरा पर पहुंचे हमारे उपराष्ट्रपति का समस्त बिश्नोई समाज की ओर से दिल की गहराईयों से हार्दिक अभिनंदन, स्वागत करता हूँ। उपराष्ट्रपति ने हमारा निमंत्रण सहर्ष स्वीकार करके और अपने कीमती समय में से आज यहां पहुंचकर जो हमें कृतज्ञ किया है, उसके लिए अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा आपकी आभारी है। जैसा की आप सबको को मालूम है उपराष्ट्रपति आपकी वीरभूमि राजस्थान से संबंध रखते हैं, जो कि गर्व की बात है। आपने गांव देहात से निकालकर एक किसान पुत्र के रूप में राजस्थान विधानसभा, देश की लोकसभा की शान बढ़ाई और समाज के किसान सहित हर वर्ग के हितों को लेकर एक कुशल कानूनविद् व प्रशासनिक रूप में हर संभव सहयोग किया। आपने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में भी अपने सेवाएं देकर इस वीर भूमि का नाम रोशन किया और आज आप भारत के उपराष्ट्रपति पद पर सुशोभित हैं। हम सभी आशा व उम्मीद करते हैं कि अब बखूबी से भारत के लोकतंत्र की परंपराओं व मूल्यों का निर्वहन सदैव जनहित में करेंगे। यह हमारे लिए गौरव की बात है कि खुले अधिवेशन के इस मंच से सामाजिक एकता की बुनियाद को मजबूत करने के लिए आप पहुंचे हैं। जैसा की विश्वभर में मनुष्य जीवन के लिए पर्यावरण संरक्षण एक अहम कार्य बिंदू है, उसी प्रकार आशा और उम्मीद करते हैं कि आप राज्यसभा के सभापति के रूप में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आने वाले प्रस्तावों पर विशेष गौर करेंगे और बिश्नोई समाज व समस्त मानव जाति के हितों को देखते हुए उन प्रस्तावों को जल्द से जल्द पारित करवाने में अहम भूमिका निभाएंगे। मैं विशेष तौर पर धन्यवादी हूं भारत सरकार में केन्द्रीय मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे और मारवाड़ की शान गजेन्द्र सिंह शेखावत का जो आज हमारे इस खुले अधिवेशन की शोभा बढ़ा रहे हैं। मेरे नए राजनीतिक सफर के लिए जो सहयोग व साथ शेखावत ने मुझे दिया, उसके लिए भी मैं आपका आभारी हूँ। इनके साथ मेरी बहुत पुरानी मित्रता रही है। अनेकों बार मारवाड़ में आयोजित कई सामाजिक कार्यक्रमों में इनके साथ मंच सांझा किया है और अब तो हमारा राजनीतिक मंच भी एक हो चुका है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल व कैलाश चौधरी का भी यहां पहुंचने पर स्वागत किया। कुलदीप बिश्नोई ने समाज की ओर दो मांगें रखी। जोधपुर हवाई अड्डे का नाम अमृता देवी के नाम पर रखा जाए तथा बिश्नोई समाज को ओबीसी के नाम से रखा जाए।
कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि मेले में लाखों की संख्या में मेले में साथियों को यही कहना चाहता हूँ कि गुरू जंभेश्वर भगवान के दिखाए आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करेंगे तो आपके जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी। जब-जब प्राणी मात्र, चाहे उसमें मनुष्य हो या अन्य जीव पर कोई विपत्ती आती है तो गुरू जंभेश्वर भगवान बताए गए नियमों पर चलकर ही हम मुश्किल दौर से सफलतापूर्वक बाहर आ सकते हैं। जैसे की पिछले वर्षों कोरोना महामारी आई तो मैं बधाई देना चाहता हूँ समस्त अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा, सेवक दल व संपूर्ण भारत वर्ष की सामाजिक संस्थाएं जिन्होंने अपने विशेष प्रयासों से न केवल मानव जाति के लिए मदद के हाथ बढ़ाए, बल्कि जीव जंतुओं तक की रक्षा के लिए सामाजिक संस्थाओं ने काम किया। संगठित समाज ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण करता है। मंदिर, गुरूघर, मेले हमारी गौरवशाली संस्कृति के परिचायक हैं। इस दौरान उपराष्ट्रपति की धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़, पूर्व विधायक रेनुका बिश्नोई, पतराम बिश्नोई, सोमप्रकाश बिश्नोई, सुभाष देहडू आदि उपस्थित थे।