शोभायात्रा में मां भद्रकाली ज्योति रथ ,1100 झंडे ,52 शक्तिपीठों के 52 चांदी त्रिशूल , हजारों कलश
शोभायात्रा मे 11 धर्म ध्वज पताका , 21 ढोल, राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय बैंड, पाइप बैंड बाजा, ब्राह्मणों द्वारा शंखनाद , 21 रथ हुए शामिल
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। माँ की महाशक्ति का महापर्व ” कुरुक्षेत्र नवरात्रि महोत्सव” की भव्य शुरूआत हरियाणा के एकमात्र शक्तिपीठ श्री देवीकूप भद्रकाली मंदिर में आज से प्रारंभ हुई । पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा ने बताया कि नवरात्र दो ऋतुओं के संधिकाल में स्वयं को तराशने व निखारने वाला बेहद विलक्षण और अदभुत नौ दिवसीय महापर्व है। अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक का यह महापर्व मनुष्य की आंतरिक ऊर्जाओं के भिन्न-भिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करती है। मां भद्रकाली शक्तिपीठ में पहले दिन की शुरुआत प्रातः कालीन 6:00 बजे की महाआरती मुख्य पुजारिन शिमला देवी ने मंगला आरती के साथ की जिसमें मुख्य अतिथि दीपक बहल (बहल एण्ड सन्स, कुरूक्षेत्र) रहे । माँ भद्रकाली जी के कपाट खुलते ही “जय माँ , जय माँ ” के जयघोष मां भद्रकाली जी के दरबार में गूंजने लगे ।
सर्वप्रथम मां भद्रकाली जी को मां शैलपुत्री स्वरूप मानकर उनकी पूजा और श्रृंगार किया । पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा ने बताया कि मां शैलपुत्री हिमालय की पुत्री है। हिमालय पर्वतों के राजा है। वह अडिग है, उन्हें कोई हिला नहीं सकता। जब हम भक्ति का रास्ता चुनते हैं तो हमारे मन में भी भगवान के लिए इसी तरह का अडिग विश्वास होना चाहिए, तभी हम अपने लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं। इसी कारण नवरात्र के पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है । मां के एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल का पुष्प है तथा माथे पर चंद्रमा सुशोभित है यह नंदी नामक बैल पर सवार संपूर्ण हिमालय पर विराजमान हैं। इसलिए इनको वृषोरूढ़ा और उमा के नाम से भी जाना जाता है। मां भद्रकाली जी को दीप, फल, फूल, माला, रोली, अक्षत चढ़ा कर पूजन किया गया। उन्होंने बताया कि मां शैलपुत्री को सफेद रंग प्रिय है, इसलिए पूजन में सफेद वस्त्र धारण कर, माँ को सफेद वस्त्र, फूल, फल और मिठाई अर्पित की गई। मां भद्रकाली जी के शैलपुत्री रूप को गाय के घी और दूध से बनी चीजों का भोग लगाया गया। तत्पश्चात “ॐ शं शैलपुत्री देव्यै: नम:” मंत्र का 108 बार जाप किया गया । दुर्गा सप्शती और दुर्गा चालीसा का पाठ भी किया गया।
पीठाध्यक्ष ने बताया कि नवरात्र के पहले दिन यानि प्रतिपदा को जो भी भक्त मां भद्रकाली के शैलपुत्री रूप के दर्शन करता है उसके सारे वैवाहिक जीवन के कष्ट दूर हो जाते हैं। नवरात्रि महोत्सव का विशेष छप्पन भोग प्रसाद भी मां भद्रकाली जी को गोविंद सिंगला, श्याम सिंगला (कुरुक्षेत्र) द्वारा अर्पित किया गया । प्रातः 8:00 बजे सुनील शर्मा द्वारा शक्ति कलश पूजन किया गया । पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा के सान्निध्य में प्रातः 9:00 बजे अध्यक्ष नरेन्द्र वालिया द्वारा गणेश द्वार और 108 फुट ऊंचे भवन में ध्वजारोहण किया गया और फिर माँ भद्रकाली जी की विधिवत पूजा कर उनका आवाहन कर सुखद कार्यक्रमों की मनोकामना की गई । इसके पश्चात प्रातः 9:00 बजे अन्नपूर्णा भंडारा डॉ. पवन के. दीवान जी द्वारा दिया गया । गौरतलब है कि शक्तिपीठ में पूरे वर्ष ही भंडारा होता है और नवरात्रों में यहाँ प्रतिदिन व्रतधारियों के लिए भी अलग से इंतजाम किया जाता है । प्रातः 9:00 बजे ही नवरात्रि व्रत भंडारा शिवानी खुल्लर सुपुत्री एम के कौशल द्वारा दिया गया ।दोपहर 12:00 बजे सुभाष सुधा(विधायक, थानेसर) द्वारा ज्योति पूजन किया गया, तथा मंदिर गर्भगृह से माँ भद्रकाली जी की पीतल की प्रतिमा को ज्योति रथ पर स्थापित कर ज्योति प्रज्ज्वलित की तथा लाला राम सिंगला ( डायमंड स्वीट) द्वारा नवरात्र अन्नपूर्णा भंडारा व नवरात्रि व्रत भंडारा दोपहर 12:00 बजे दिया गया ।
नगर की सबसे बड़ी शोभा यात्रा को मुख्य अतिथि कमलेश ढांडा ( महिला एवं बाल विकास मंत्री, हरियाणा) व मुख्य यजमान रेणु बाला गुप्ता (मेयर, करनाल) ने नारियल फोड़ कर व हरी झंडी दिखाकर रवाना किया । सर्वप्रथम मंत्री कमलेश ढांडा, मेयर रेनू बाला, विधायक सुभाष सुधा ने श्लोका पंडित कुहू का कन्या पूजन किया ततपश्चात माँ भद्रकाली जी से कुरुक्षेत्र शहर पर आशीर्वाद बनाए रखने की कामना की । उसके बाद तिरंगा रूपी गुब्बारों के तीन गुच्छों को आसमान में छोड़ा गया । श्लोका पंडित ( कुहू ) का कन्यापूजन हल्दी, चन्दन, दूध, दही, मखन, गंगाजल, शहद, कुमकुम, गुलाब जल से पूजा व मां शैलपुत्री को प्रसन्न करने हेतु कन्या श्लोका को सफेद पुष्प तथा श्रृंगार सामग्री भेंट कर किया । मंत्री ने कहा कि यह यात्रा सिर्फ धार्मिक महत्व से ही नहीं बल्कि सामाजिक समरसता , राष्ट्रप्रेम ,देश प्रेम और नारी शक्ति के सम्मान का अद्भुत उधारण है । इस यात्रा में नारी शक्ति की सहभागिता देख मन बहुत प्रसन्न हुआ। मेयर रेणु बाला गुप्ता ने कहा की ऐसी अद्भुत व अविसमरणीय शोभायात्रा का हिस्सा बनकर मुझे तेज की अनुभूति हुई है । उन्होंने कहा कि मैने अपने जीवनकाल में इतनी विशाल शोभायात्रा नहीं देखी है और इसके लिए उन्होंने पीठाध्यक्ष को बधाई दी । विधायक सुभाष सुधा ने भी अपनी माँ के प्रति श्रद्धा को अंकित किया और कहा कि ये सौभाग्य का विषय है कि हरियाणा में सबसे बड़ी यात्रा कुरुक्षेत्र शक्तिपीठ से निकलती है।
शोभायात्रा में मां भद्रकाली ज्योति रथ ,1100 झंडे ,52 शक्तिपीठों के 52 चांदी त्रिशूल , हजारों कलश , 11 धर्म ध्वज पताका , 21 ढोल, राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय बैंड, पाइप बैंड बाजा, ब्राह्मणों द्वारा शंखनाद , 21 रथों पर शंकर काली , विष्णु लक्ष्मी, भारत माता, श्री गणेश , हनुमान नवदुर्गा ,लक्ष्मी जी ,महाकाली जी ,सरस्वती जी ,महिषासुर मर्दिनी , राम दरबार, सुभद्रा अर्जुन जी , राधा कृष्ण, यशोदा कृष्ण, मीरा बाई, कमल बैंड, राज बैंड, महिषासुर मर्दिनी व लक्ष्मी जी, दुर्गा जी, सरस्वती जी जीप रथ इत्यादि झांकिया सम्मिलित थे । इस बार शोभायात्रा में पंजाब, यूपी, दिल्ली, हरियाणा और अन्य क्षेत्रों से भी कलाकारों को आमंत्रित कर उनकी भागीदारी सुनिश्चित की गई । शोभायात्रा के बीच बीच में माँ भद्रकाली महिला मंडल मां के उद्घोषों के साथ कुरुक्षेत्र नगर का वातावरण धार्मिक बना रहा था । लाल पटका पहने, माँ भद्रकाली जी के रंग में रंगे हुए मंदिर के सभी कार्यकर्ताओं का दृश्य उस प्रातः कालीन सूर्य की किरण के समान लग रहा था जो सभी के लिए मनमोहक होती है ।
ज्योति रथ की अलौकिक ज्योत से ऐसा प्रतीत होता था कि मानो पूरा शहर ही मां के इस पावन प्रकाश से प्रकाशित हो उठा है । माँ भद्रकाली जी की पीतल प्रतिमा ज्योति रथ में सवार हो धूम धाम से धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र को प्रकाशमान कर रही थी । ज्योति रथ में मुख्य पुजारिन शिमला देवी मुख्य रूप से मौजूद थी और भक्तों को किशमिश- मिश्री का प्रसाद आशीर्वाद स्वरूप दे रही थी । कुरुक्षेत्र नवरात्रि महोत्सव से पहले लांच किए गए “महोत्सव ब्रोशर” को भी मां भद्रकाली जी के ज्योतिराज से भक्तों में वितरित किया गया । ज्योति रथ के रूट में जगह जगह भक्तों के द्वारा प्रसाद वितरित किया गया । जैसे फल का प्रसाद, हलवा चने का प्रसाद, दूध, लस्सी, मिठाई, केला, जूस, कोड ड्रिंक्स इत्यादि । सेवादारों द्वारा भी शोभायात्रा में शामिल भक्तों के लिए जगह जगह पंडाल लगाए गए जिसमें शीतल जल व खाने पीने की वस्तुएं वितरित की गई । नगरदेवी माँ भद्रकाली जी की ज्योति धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र को प्रकाशमान करते हुए मंदिर से निकलकर रोटरी चौक, पुराने बस स्टैंड, अम्बेडकर चौक,आर्य समाज मार्किट,LIC बिल्डिंग, श्रद्धानंद चौक ( कंडा ), गोल बैंक चौक, न्यू कॉलोनी, सुभाष मंडी गली,सुभाष मंडी गली से गोल बैंक चौक, छटी पातशाही गुरुद्वारा, पालिका बाजार, सीकरी चौक, छोटा बाजार, पानी टँकी से होते हुए वापिस माँ भद्रकाली शक्तिपीठ में सांय 6 बजे प्रतिस्थापित हुई।
शाम 5:00 बजे जसबीर सिंह द्वारा नवरात्रि व्रत भंडारा दिया गया और साथ ही रमित वोहरा द्वारा मंदिर में अन्नपूर्णा भंडारा दिया गया । शाम 5:00 बजे चाय प्रसाद का भंडारा राममेहर कौशिक द्वारा आयोजित किया गया। सांध्यकालीन महाआरती एवं ज्योति प्रतिस्थापना मे मुख्य अतिथि सुरेंद्र सिंह भौरिया ( एस पी ,कुरुक्षेत्र ), विशेष अतिथि कुरुक्षेत्र के उपायुक्त शान्तनु शर्मा सपरिवार तथा मुख्य यजमान शबनम वालिया और प्रमोद वालिया मौजूद रहे ।
वर्ष में सिर्फ 2 बार ही होने वाली इस विशेष महाआरती की विशेषता शोभायात्रा में शामिल देवरूप और शक्तिरूप सजे बच्चे होते है, जो श्री देवीकूप पर आरती में सम्मिलित होते है । मंगला आरती , कलश पूजन, ध्वजारोहण, शोभा यात्रा, संध्या आरती सभी कार्यक्रमों का लाइव प्रसारण मां भद्रकाली शक्तिपीठ के फेसबुक पेज पर किया गया जिसे लाखों की संख्या में लोगों ने देखा । आरती में भगवती गान के पश्चात, भोग आरती, मंत्रोचारण, दुर्गा स्तुति, दुर्गा चालीसा, दुर्गा स्त्रोतम व शांति पाठ किया गया । पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा ने सभी अतिथियों को माँ का प्रसाद आशीर्वाद स्वरूप दिया और सभी सेवक मंडल के सदस्यों का धन्यवाद दिया ।
सभी भक्तजन माँ का आशीर्वाद पाकर आनंदित हुए । पीठाध्यक्ष ने सभी भक्तों की मंगल मनोकामनाओं की पूर्ति का आशीर्वाद दिया। इस मौके पर शिमला देवी, प्रो.हेमराज शर्मा, शकुंतला देवी, धर्मपाल गोयल, मीना रानी, डॉ अन्नू पॉल शर्मा, निकुंज शर्मा, देवेंद्र गर्ग हाबड़ी, संजीव मित्तल, अनिल माटा, आशीष दीक्षित, राहुल गर्ग , सतपाल पीपली, इत्यादि हजारों कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।