न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। बीते सोमवार नवीन जयहिन्द प्रेसमीट करने जिला कुरुक्षेत्र पहुंचे, जहां उन्होंने सबको नवरात्रि की शुभकामनाएं दी व पत्रकारों से बातचीत में बताया कि जिस तरह गांधरा गांव निवासी 102 वर्षीय किंग दादा दुलीचंद को सरकार द्वारा मृत घोषित करके उनकी पेंशन काट दी गयी थी। जब हमने इस मामले को उठाया तो हमे पता चला कि प्रदेश में लगभग 5 लाख बुजुर्ग ऐसे है, जिनकी सरकार द्वारा नाजायज तरीके से पेंशन काटी गयी है। जिसमे विकलांग ओर विधवा महिलाएं भी शामिल है।
जयहिन्द ने कहा इन सबके बाद हमने रोहतक में दादा दुलीचंद की बारात निकाली फिर चंडीगढ़ भी गए। जहां मुख्यमंत्री ने अपनी गलती मानी और विभाग को आदेश दिया कि 15 दिनों के अंदर-अंदर 30 सितम्बर तक पूरे प्रदेश में जहां – जहां ये समस्या है उनका समाधान होना चाहिए। साथ ही जयहिन्द ने कहा अगर सरकार ऐसा नही करती है तो एक बड़ा आंदोलन होगा।
पेंशन सम्बंधित समस्या को लेकर सरकार द्वारा हर जिले में में एक-एक नम्बर जारी किया है। सरकार द्वारा करनाल जिले के लिए (9896-042-142) नम्बर जारी किया गया। जयहिन्द ने कहा कि अगर आपको कोई पेंशन संबंधित समस्या है तो सरकार द्वारा जारी नंबर पर कॉल करें या डीसी ऑफिस में पेंशन विभाग में जाए ओर अपनी पेंशन चालू करवाएं। अगर यहां भी आपकी किसी प्रकार की सुनवाई नही होती है तो आप हमारे पास 7027-811-811 पर कॉल करके आप अपनी शिकायत बता सकते है। हम आपकी पेंशन बनवाएंगे।
सरकार भी यह मान चुकी है 2 लाख ऐसे व्यक्ति है जिनके साथ इस तरह की नाइंसाफी हुई है। लेकिन अब किंग दादा दुलीचंद के आदेशानुसार हम प्रदेश के हर जिले में जाएंगे।ताकि ज्यादा से ज्यादा बुजुर्ग, विकलांग ओर विधवा महिलाए अपनी कटी हुई पेंशन दोबारा चालू करवा सके।
जयहिन्द ने बताया सरकार के अनुसार 1 लाख 75 हजार 298 लोगो की पेंशन टेक्निकल गड़बड़ी के कारण रोकी गयी है। फैमिली आईडी में गड़बड़ी के कारण 1 लाख 4 हजार 655 लोगों की पेंशन रोकी गयी है। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के डेटा अनुसार 70 हजार 643 लोगो की पेंशन कतई गयी। 14 हजार 691 लोग तो ऐसे है जो जिंदा है लेकिन मरे हुए दिखा रखा है। 18 हजार 581 विधवा महिलाओ के पति जिंदा दिखा रखे है। 34 हजार 703 लोग ऐसे है जिनकी आय शून्य है लेकिन 2 लाख रुपए आय दिखा रखी है। 33 हजार 616 लोगो को एक्ससर्विसमैन दिखा रखा है। 4500 विकलांग ऐसे है जिन्हें बिल्कुल फिट दिखा कर उनकी पेंशन काट दी। 2404 लोगो को सरकारी कर्मचारी दिखाकर उनको सरकारी पेंशन देते है जबकि वे सरकारी कर्मचारी नही है। 2044 लोगो की लाडली पेंशन को रोक दिया गया। जबकि 2 लाख ऐसे व्यक्ति है जो 60 वर्ष से ऊपर है और उनकी पेंशन नही बना रहे।
जयहिन्द ने बताया कि चौधरी देवीलाल ने यह बुढापा पेंशन बुजुर्गो का सम्मान करने के लिए शुरू की थी। ले आज देवीलाल के नाम से वोट लेने वाले बुजुर्गो के साथ हो रहे इस अन्याय के खिलाफ चुप्पी साधे बैठे हुए है।
सरकार व सरकार के ही लोग जो जिंदा लोगो को मुर्दा बता रहे है और जो मुर्दा है उन्हें जिंदा दिखाकर जनता की पेंशन खाने का काम कर रहे है। जयहिन्द ने कहा सरकार के मुख़्यमंत्री , मंत्री, व विधायको को अपनी तनख्वाह बन्द करनी चाहिए जब तक बुजुर्गो, विकलांगो व विधवा महिलाओं की पेंशन चालू नही हो जाती।
नवीन जयहिन्द की प्रेसवार्ता में पहुंचे फरियादी, लगी लंबी कतार
कुरुक्षेत्र प्रेसवार्ता कर रहे नवीन जयहिन्द के पास बहुत से फरियादी अपनी फरियाद लेकर पहुंचे। जिनमे बुजुर्ग, विकलांग व विधवा महिलाएं शामिल थी, जिनको सरकार द्वारा कागजो में मृत दिखाकर या किसी न किसी अन्य नाजायज तरीके से उनकी पेंशन काट दी। उन्होंने जयहिन्द से अपनी पेंशन बहाल कराने की गुहार लगाई।
जनता इन विधायको, सांसदों व मंत्रियों से रावण का पुतला न जलवाए
जयहिन्द ने बताया कि आज से नवरात्रे शुरू हो चुके है। और अब आगे दशहरा आने वाला है। तो जयहिन्द ने जनता से अपील करते हुए कहा कि जनता इन विधायकों, सांसदों व मंत्रियों से रावण का पुतला न जलवाए। इन नेताओं को बिल्कुल अधिकार नही है रावण का पुतला जलाने का, क्योंकि रावण ने अपनी प्रजा को स्वर्ण की लंका दी थी, ओर ये भृष्टाचरी नेता अपनी प्रजा को न तो पेंशन दिलवा सकते, न ही बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलवा सकते ओर न ही बेसहारा लोगो को रहने के लिए घर दे सकते। साथ ही जयहिन्द ने कहा कि रावण तो बहुत ही चरित्रवान व्यक्ति था लेकिन ये सब नेता तो चरित्रहीन है। रावण को जलाने का हक सिर्फ उसी व्यक्ति को होना चाहिए जिसके चरित्र राम जैसा हो। क्योंकि रावण बहुत बुद्धिमान था, भोलेनाथ का सबसे बड़ा भगत था ओर सबसे बड़ा तपस्वी था। जयहिन्द ने कहा अगर ये नेता रावण को जलाना चाहते है तो हाथ मे गंगाजल लेकर कसम खाए की हम भृष्टाचरी नही है और न ही कभी जिंदगी में बेईमानी की है।
जयहिन्द ने कहा कि हरियाणा में कंस का राज चल रहा है। हरियाणा में पुलिसकर्मी ही बहुत परेशान है। इस बात का अंदाजा इससे लगा सकते है कि जिस प्रकार पानीपत में एक पुलिसकर्मी ने भ्र्ष्टाचार का विरोध किया लेकिन उसकी कोई सुनवाई नही हुई, जिसके चलते उसे अपनी नौकरी से इस्तीफा देना पड़ा। ओर मधुबन में तो एक पुलिसकर्मी ने आत्महत्या ही कर ली क्योंकि उसके पिता की मृतु पर उसे छुट्टी नही दी। जयहिन्द ने बताया इस सरकार ने चुनाव के समय ये कहा था की हरियाणा में पुलिसकर्मियों को पंजाब पुलिस के समान वेतन दिया जाएगा,जो आज तक यह सरकार पुलिसकर्मियों को नही दे पाई। हरियाणा पुलिस में तीस हजार वेकैंसी खाली है उन्हें नही भर रहे।
जयहिन्द ने बताया कि प्रदेश में सरकारी काम बहुत ढीले चलते है या कभी -कभी तो सरकार जनता के लिए काम करना बिल्कुल ही भूल जाती है। इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है कि प्रदेश में 2 साल से एक भी नया राशनकार्ड नही बना है। जिससे गरीब लोग बहुत परेशान है। सरकार व अधिकारियों को आलसीपन छोड़ कर जनता के काम करने चाहिए। जिससे गरीब लोगो को कुछ सुविधाएं मिल सके।
देश में गायो की जगह चीतों को अहमियत दी जा रही है। चीता जिसका भी चाचा हो पर गाय भी हमारी माता है। हमे सबसे पहले हमारी गाय माता की तरफ ध्यान देना चाहिए। जयहिन्द ने कहा कि सब गाय का दूध पीते है, गाय का गौमूत्र व गोबर भी लोगो के लिए काफी लाभदायक है। लेकिन चीते का न तो मूत्र किसी काम का ओर न ही गोबर।
चौधरी देवीलाल के नाम पर उनके वंशज सिर्फ वोट लेने तक सीमित – जयहिंद
नवीन जयहिंद ने चौधरी देवीलाल को सदी का महानायक की संज्ञा दी वही चौधरी देवीलाल के नाम पर वोट बटोरने वाले उनके वंशजो पर कटाक्ष किया। जयहिंद ने कटाक्ष करते हुए कहा कि आज स्वर्ग में ताऊ देवीलाल की आत्मा रो रही हैं, क्योकि प्रदेश की जनता पेंशन के नाम पर दुखी हैं। पेंशन के लिए बड़े बुजर्गो को फैमिली आईडी के नाम पर जिंदा बुजर्गो को मृत दिखाया जा रहा हैं और विधवा महिलाओं के पति को जिंदा दिखा कर उनकी पेंशन काटी जा रही हैं। इसके साथ ही विकलांग व्यक्तियो को बिल्कुल फिट दिखाकर उनकी पेंशन काटी जा रही है।
नवीन जयहिन्द ने बताया कि चौधरी देवीलाल के वंशज देवीलाल के नाम पर जनता से वोट तो ले ही रहे हैं साथ ही गठबन्धन में शामिल होकर नोट भी लूट रहे हैं जबकि बुजर्ग पेंशन के लिए धक्के खा रहे हैं
जयहिंद ने अभय चौटाला द्वारा उनकी जयंती पर की जा रही रैली पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि ताऊ देवीलाल ने जनता को हकों के लिए सरकार के खिलाफ संघर्ष करना सिखाया था और जनता को सरकार की तानाशाही नीतियों के खिलाफ लड़ना सिखाया था लेकिन अब ताऊ देवीलाल की जयंती मनाने वाले लोग सँघर्ष की बजाए सरकार की शरण मे रहकर काम कर रहे हैं जबकि चौधरी देवीलाल कहते थे मुझे सत्ता नही सँघर्ष चाहिए इन्ही बातो के कारण चौधरी देवीलाल जनता के मन मे बसे हुए हैं जबकि उनके वंशज सरकार के खिलाफ संघर्ष करने की बजाए चौधरी देवीलाल के नाम पर वोट ओर नोट लूटने तक सीमित हैं