हिमाचल प्रदेश की नारायणगढ स्थिल कालाअंब की कम्पनियों से एक करोड़ 49 लाख रुपए लेने और उधार में करोड़ों का माल लेने का मामला
इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की कमेटी बनाकर प्रकरण की जांच कर एक माह मे रिपोर्ट सौंपने के भी निर्देश- विज
न्यूज डेक्स हरियाणा
चंडीगढ़। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने हिमाचल प्रदेश की नारायणगढ स्थिल काला अम्ब की अलग अलग कम्पनियों से एक करोड़ 49 लाख रुपए लेने और उधार में करोड़ों का माल लेने वाले नकली आईजी (आईबी एमएचए) विनय अग्रवाल व अन्य के खिलाफ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की कमेटी बनाने के निर्देश दिए है और इस पूरे प्रकरण की जांच कर एक माह में कर रिपोर्ट सौंपने के भी निर्देश दिए है।
गृह मंत्री ने बताया कि इस मामले में शायद राज्य सरकार के अधिकारी भी शामिल हो सकते है जिसके तहत इसकी गहनता से जांच की जाएगी।इस प्रकरण में गृहमत्रीं के समक्ष पंचकूला निवासी जगबीर सिंह ने शिकायत दी है कि विनय अग्रवाल, निशांत सरीन, व कोमल खन्ना ने अनुचित दबाव बनाकर वित्त्यि धोखाधड़ी करने व झूठी पुलिस कार्यवाही करने की शिकायत की है। शिकायतकर्ता का कहना है कि वर्ष 2019 में महिन्द्रपाल खन्ना नारायणगढ स्थित उनके घर पर विनय अग्रवाल नामक व्यक्ति को लाया जिसने अपना परिचय आईबी एमएचए में आईपीएस रैंक के वरिष्ठ अधिकारी के रूप में दिया। उसके बाद विनय अग्रवाल ने उनके घर और काला अम्ब स्थित कंपनियों में आना जाना शुरू कर दिया और फर्म व्यवसायों से संबंधित जानकारी एकत्र करना शुरू कर दिया। विनय अग्रवाल अपने साथ पुलिस प्रोटेक्शन व पुलिस अफसर के रूप में रविन्द्र कुमार को बॉडी गार्ड, राजसिंह सांगवान, व जसबीर सिंह डाईवर को लेकर चलता था और अपने झूठे पद का प्रयोग करते हुए फैक्टी में आकर अनुचित दबाव बनाते और परेशान करते थे।
शिकायतकर्ता का कहना है कि सबसे पहले सिमबोयोसिस और उसकी समूह कम्पनियों को अपनी अधिकारिक स्थिति और पद का रौब दिखाते हुए दवाईयों के सैम्पल उठवाने और बड़े व्यक्त्यिं के साथ संबंध होने का हवाला देते हुए कम्पनी बंद करने की धमकी देकर पैसे लेना शुरू कर दिया। इस प्रकार, नकली आईजी बने विनय अग्रवाल ने सिम्बोसिस फार्मास्यिटीकल प्राईवेट लि0 से 42 लाख, साई टैक मेडिकेयर प्राईवेट लि0 14 लाख, ओवेशन रेमेडिज 23 लाख, साईनेर्जी केयर 54 लाख रुपए, तेजस मेडीपेक व एन के इण्डस्टीज से 8-8 लाख रुपए ले लिए।
उसके बाद वह मेरे निवास पर दो पुलिस की गाड़ियां लेकर आया और निशांत सरीन के खिलाफ दायर मामलें में पुलिस की मदद न करने कोमल खन्ना से भी समझौता करने का दबाव बनाने और डराने लगा। मेरे मना करने के बाद विनय अग्रवाल कहने लगा कि आप सरकार से दुश्मनी मोल ले रहे हैं इस प्रकार, विनय अग्रवाल ने निशांत व कोमल खन्ना के साथ मिलकर मेरे साथ बड़ा धोखा किया है और उसने मुझ पर झूठा अपराधिक केस करने और जान से मारने की धमकी भी दी है।
शिकायतकर्ता का यह भी कहना है कि निशांत सरीन (ड्रग आफिसर) ने वर्ष 2016 में सरकार की शक्ति का अनुचित उपयोग कर व दबाव बनाकर डा. कोमल खन्ना के साथ मुझे पार्टनरशिप के लिए मजबूर किया। इस फर्म में मेरा 50 प्रतिशत शेयर व 45 लाख रुपए का निवेश करवाया गया। इसके अलावा, जेनिया फार्मस्यूटिकलस पार्टनरशिप में 100 प्रतिशत शेयर मेरा लगा है लेकिन मुझे पार्टनरशिप 50 प्रतिशत ही मिली। इसके बाद दोनों ने दबाव बनाकर जेनिया फार्मस्यूटिकलस को मेरा माल उधार लेना शुरू कर दिया और करोड़ों का माल खरीदा परंतु पेमेंट देने में आना कानी करने लगे। प्रार्थी ने उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही अमल में लाने और पैसा वसूल करवाने का अनुरोध किया है।