कहा : शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सिखों की मिनी पार्लियामेंट
श्री अकाल तख्त साहिब हम सभी के सुप्रीमो
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। ‘शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर सिखों की मिनी पार्लियामेंट है, जबकि दिल्ली, श्री हेमकुंड साहिब और श्री नांदेड़ साहिब की तरह हरियाणा गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी एक स्टेट बाडी है। इतना ही नहीं, श्री अकाल तखत साहिब हम सभी के सुप्रीमो हैं।’ यह विचार हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के संस्थापक अध्यक्ष जत्थेदार जगदीश सिंह झिंडा ने आज यहां एतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पातशाही छठी कुरुक्षेत्र में पत्रकारों से बातचीत करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि एसजीपीसी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी और सभी 5 तख्त साहिबान के जत्थेदारो को चाहिए कि वे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना करते हुए हरियाणा के सभी गुरुद्वारा साहिबान की सेवा संभाल हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी को सम्मानजनक तरीके से सौंप दें। ऐसा करने से संगत की नजर में उन सभी का मान सम्मान भी बढ़ेगा और हरियाणा की संगत उनसे जुड़ी भी रहेगी। उन्होंने बताया कि राजनैतिक तौर पर हरियाणा के सिख भले ही विभिन्न पार्टियों से जुड़े हुए हैं, मगर धार्मिक स्तर पर सभी एकजुट हैं। प्रदेश की संगत को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए संस्थापक अध्यक्ष ने बताया कि गुरुद्वारा साहिबान की सेवा संभाल मिलते ही उनकी प्राथमिकता कुरुक्षेत्र और सिरसा में डायलिसिस सेंटर और लैबोरेट्री स्थापित करने की होगी, ताकि जरूरतमंद मरीजों को न्यूनतम दाम पर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई जा सके।
इसके साथ ही प्रदेश के सिख युवाओं के चहुंमुखी विकास के लिए जींद अथवा धमतान साहिब में सिख यूनिवर्सिटी भी स्थापित की जाएगी। हरियाणा में पंजाबी को सही अर्थों में दूसरी भाषा का दर्जा दिलवाया जाएगा। इतना ही नहीं, हरियाणा के सभी जिला के लोक संपर्क विभाग कार्यालयों में पंजाबी भाषी ज्ञान वाला न्यूनतम एक एआईपीआरओ नियुक्त करवाया जाएगा, ताकि सरकार की सभी सूचनाओ और योजनाओं की जानकारी पंजाबी भाषा समाचार पत्रों के माध्यम से सिख और पंजाबी पाठकों को नियमित रूप से मिले। इस अवसर पर हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य हरप्रीत सिंह नरूला, अपार सिंह, मनजीत सिंह डाचर व हाकम सिंह केसरी के अलावा स्वर्ण सिंह पिहोवा, सुखदेव सिंह, जगीर सिंह फौजी, सुखा सिंह लोहारा, गुरबाज सिंह मीरापुर, शिंगारा सिंह हरमनप्रीत सिंह सलपानी, हरमेश सिंह, गुरमुख सिंह असंध, सोहन सिंह, मदन सिंह, अजायब सिंह, सिंदर सिंह सरपंच, जरनैल सिंह सोढी, दविंदर सिंह चम्मू, हरमन सिंह किशनगढ़ और गुर्जर सिंह कोटिया सहित कार्यकर्ता मौजूद रहे।