हरियाणा की राजनीति को मिलेगा नया मोड़ : तजिंदरपाल सिंह लाडवा
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र।शिरोमणि अकाली दल बादल में शिरोमणि अकाली दल दिल्ली का विलय होना एसजीपीसी मैंबर बड़ा शुभ संकेत मान रहे हैं। इस विलय को शिरोमणि अकाली दल बादल के हरियाणा से वरिष्ठ नेता पंथ हित वाला निर्णय बता रहे हैं। अपनी प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए शिरोमणि अकाली दल बादल हरियाणा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं एसजीपीसी मैंबर जत्थेदार हरभजन सिंह मसाना ने इससे बंदी सिखों की रिहाई के संघर्ष को भी बल मिलेगा। पंथ विरोधी ताकतों पर नकेल कसने में यह एकजुटता निश्चित रूप से अहम योगदान देगी।
उन्होंने कहा कि पंथ को दोफाड़ करने के लिए कानून का सहारा लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर से हरियाणा राज्य के गुरुद्वारा साहिबान को अलग करके संगत को श्री अकाल तखत साहिब से तोडऩे का षड्यंत्र रचा गया है। इसलिए पंथ हित में यह निर्णय काफी महत्वपूर्ण होगा। एसजीपीसी धर्म प्रचार कमेटी के हरियाणा से मैंबर तजिंदरपाल सिंह लाडवा ने भी शिअद राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के सुप्रीमो परमजीत सिंह सरना के इस फैसले को महत्वपूर्ण करार दिया।
उन्होंने कहा कि दोनों दलों का विलय पंथक और पंजाब की राजनीति के साथ-साथ हरियाणा की राजनीति को भी नया मोड़ देगा। उन्होंने कहा कि इससे हरियाणा में भी शिरोमणि अकाली दल का जनाधार बढ़ेगा। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर के पूर्व मैंबर अमरजीत सिंह मंगी ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दोनों दलों का एक साथ मिलना पंथ की एकजुटता को भी प्रबल बनाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा ने शुरु से ही सिखों के साथ अन्याय किया है, जिसका एक प्रत्यक्ष प्रमाण अपनी सजा भुगत चुके सिख कैदियों को रिहा नहीं करना भी है।
उन्होंने कहा कि यह एकता बंदी सिखों की रिहाई की लड़ाई को ओर भी तेज करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र पर अब बंदी सिखों की रिहाई के लिए ओर भी दबाव बनाया जाएगा। उधर शिरोमणि अकाली दल बादल हरियाणा के प्रदेश प्रचार सचिव जसवंत सिंह दुनियामाजरा, कुरुक्षेत्र के जिला प्रधान जरनैल सिंह बोढ़ी ने भी इस विलय की सराहना की। इस मौके पर जिला शहरी प्रधान एवं ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पातशाही छठी के पूर्व हैड ग्रंथी बाबा अमरीक सिंह, जोगा सिंह रोहटी, राजिंदर सिंह कंग सहित अन्य मौजूद रहे।