Sunday, November 24, 2024
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देश में पहली बार हिंदी में MBBS के पाठ्यक्रम का शुभारंभ, नई शिक्षा नीति में प्राथमिक, टेक्निकल, मेडिकल शिक्षा में मातृभाषा को महत्व देने का निर्णय

by Newz Dex
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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज मध्य प्रदेश के

आज का दिन देश के शिक्षा क्षेत्र के पुनर्जागरण और पुनर्निर्माण का दिन है

प्रधानमंत्री ने नई शिक्षा नीति में प्राथमिक, टेक्निकल और मेडिकल शिक्षा में मातृभाषा को महत्व देकर बहुत बड़ा ऐतिहासिक निर्णय लिया

प्रधानमंत्री ने सभी क्षेत्रीय भाषाओं में मेडिकल और इंजीनियरिंग की शिक्षा उपलब्ध कराने का आह्वान किया था और मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने सबसे पहले मोदी जी की इस इच्छा की पूर्ति की है

आज मोदी के नेतृत्व में नई शिक्षा नीति के माध्यम से हमारी भाषाओं को महत्व देने की शुरूआत हुई है, जेईई, नीट और यूजीसी परीक्षाओं को देश की 12 भाषाओं में आयोजित किया जा रहा है

आज से हमारे बच्चों को अपनी मातृभाषा में टेक्निकल और मेडिकल शिक्षा तो मिलेगी ही इसके साथ ही वे आगे अनुसंधान भी अपनी भाषा में कर सकेंगे

21वीं सदी में कुछ ताकतों ने ब्रेन ड्रेन की थ्योरी अपनाई और आज प्रधानमंत्री ने ब्रेन ड्रेन की थ्योरी को ब्रेन गेन थ्योरी में बदल रहे हैं

विद्यार्थियों को भाषाई हीनभावना से बाहर आना चाहिए क्योंकि आज देश में नरेन्द्र मोदी की सरकार है और आप अपनी भाषा में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर सकते हैं

प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक मंचों पर अपना भाषण राजभाषा हिंदी में देकर पूरी दुनिया को एक संदेश दिया है, जब मोदी वैश्विक मंच पर हिंदी में बोलते हैं तो देशभर के युवाओं के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है

केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने टेक्निकल और मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में कई परिवर्तन किए हैं

2014 में मेडिकल कॉलेज 387 थे जो बढ़कर 596 हो गए हैं, एमबीबीएस सीटें 51 हज़ार से बढ़ाकर 79 हज़ार की गईं, आईआईटी 16 से बढ़कर 23 हुए, आईआईएम 13 थे जो अब 20 हैं और आईआईआईटी 9 से बढ़कर 25 हो गए

2014 में देश में 723 विश्वविद्यालय थे जिन्हें बढ़ाकर 1043 करने का काम केन्द्र की मोदी सरकार ने किया है

मोदी द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति के माध्यम से हमारी भाषाओं के गौरव को प्रस्थापित करने और इनमें ही टेक्निकल, मेडिकल और कानून की पढ़ाई की व्यवस्था पूरे देश में करने से देश में क्षमता की क्रांति आने वाली है

भाषा और बौद्धिक क्षमता का आपस में कोई संबंध नहीं है, भाषा केवल अभिव्यक्ति का माध्यम है जबकि बौद्धिक क्षमता बच्चे को ईश्वर ने दी है जिसे शिक्षा से निखारा जा सकता है 

आज की इस शुरूआत से अनुसंधान के क्षेत्र में भारत विश्व में बहुत आगे जाएगा और हमारे बच्चों की बौद्धिक क्षमता का भी विश्व को परिचय होगा

न्यूज डेक्स मध्यप्रदेश

भोपाल। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज मध्य प्रदेश के भोपाल में देश में पहली बार हिंदी में MBBS के पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज का दिन आज़ादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में भारत के चिकित्सा क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जिसे आने वाले समय में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि आज का दिन देश के शिक्षा क्षेत्र के पुनर्जागरण और पुनर्निर्माण का दिन है। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने नई शिक्षा नीति में प्राथमिक, टेक्निकल और मेडिकल शिक्षा में बच्चे की मातृभाषा को महत्व देकर एक बहुत बड़ा ऐतिहासिक निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम, गुजराती, बंगाली आदि सभी क्षेत्रीय भाषाओं में मेडिकल और इंजीनियरिंग की शिक्षा उपलब्ध कराने का आह्वान किया था और मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने सबसे पहले मोदी की इस इच्छा की पूर्ति की है।

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