आस्था का व्यापक माहौल बनाने का प्रयास है श्री राम कथा : स्वामी ज्ञानानंद
गीता ज्ञान संस्थानम् में जिले की धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं की बैठक
कुरुक्षेत्र में 31 वर्षों बाद मोरारी बापू करेंगे सराबोर
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज की अध्यक्षता में गीता ज्ञान संस्थानम् में जिले की धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं की बैठक का आयोजन किया गया। विश्व विख्यात मानस मर्मज्ञ संत मुरारी बापू के सानिध्य में गीता ज्ञान संस्थानम् द्वारा 19 से 27 नवंबर को मेला ग्राउंड में श्री राम कथा मानस गीता के आयोजन पर विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों से सुझाव एवं आपसी सद्भावना के उद्देश्य से बुलाई गई इस बैठक में कुरुक्षेत्र के साथ-साथ शाहाबाद, लाडवा, इस्माईलाबाद एवं पिहोवा की धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक को संबोधित करते हुए गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि कुरुक्षेत्र की धरा पर 31 वर्षों बाद संत मोरारी बापू के सानिध्य एवं गीता ज्ञान संस्थानम् के तत्वाधान में श्री राम कथा मानस गीता का आयोजन नगर में आस्था का व्यापक माहौल बनाने का प्रयास है। उन्होंने बताया कि कुरुक्षेत्र की पावन भूमि से 9 दिवसीय श्रीराम कथा में संत मोरारी बापू कुरुक्षेत्र के साथ-साथ पूरे विश्व के श्रद्धालुओं को सराबोर करेंगे। उन्होंने बताया कि श्रीराम कथा में विश्व के अनेक देशों से श्रद्धालु सम्मिलित होंगे।
19 नवंबर से 6 दिसंबर तक कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के प्रारंभ के दिनों में ही श्रीराम कथा का आयोजन वास्तव में कुरुक्षेत्र के लोगों के साथ पूरे देश ही नहीं बल्कि विश्व भर के श्रद्धालुओं को लाभान्वित करेगा। गीता मनीषी ने कहा कि श्रीराम कथा का लाभ लेने हेतु देश के अलावा विदेशों से भी श्रद्धालुओं ने व्यवस्था के लिए गीता ज्ञान संस्थानम् में लगातार संपर्क करना शुरू कर दिया है। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए गीता ज्ञान संस्थानम् द्वारा व्यवस्था पक्ष के दृष्टिकोण से सभी तरह के इंतजाम कर लिए गए हैं। स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों को श्रीराम कथा में अपने-अपने नगरों से ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालुओं को कथा का लाभ लेने हेतु व्यवस्थाएं करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र की सभी धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं के साथ साथ प्रत्येक जन की श्री राम कथा में किसी न किसी रूप में सहभागिता बने, इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए आज की बैठक का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर संदीप गर्ग लाडवा, जगमोहन मनचंदा, हंसराज सिंगला, राज ऋषि गंभीर, सुरेंद्र जैन, आर.डी. गोयल, सूरज भान, भूषण अरोड़ा, महेश भगत, विजय नरूला, जगदीश तनेजा, यशपाल शर्मा, अनुज गर्ग, ओम प्रकाश राठी, कृष्ण चंद रंगा, नरेंद्र शर्मा, गुलशन माटा, डा. बलवंत वत्स, सतप्रकाश शर्मा, सतीश बंसल, नरेश शर्मा, सुभाष गुप्ता, राजेश बजाज, फतेह चंद गांधी, रजनीश गुप्ता, विनोद शर्मा, डा. वीना गुप्ता एवं रजनीश गुप्ता सहित कुरुक्षेत्र, शाहाबाद, लाडवा, इस्माइलाबाद एवं पिहोवा की धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
राष्ट्र के प्रमुख संतों का होगा आगमन:
जीओ गीता के महामंत्री प्रदीप मित्तल, गीता ज्ञान संस्थानम् के व्यवस्थापक राजेंद्र चोपड़ा एवं श्रीराम कथा मानस गीता के प्रकल्प प्रमुख वासुदेव शरण ने बताया कि श्री राम कथा में देश-विदेश से पधारने वाले हजारों श्रद्धालुओं के साथ राष्ट्र के प्रमुख संतों का भी आगमन होगा। उन्होंने कहा कि कथा के शुभारंभ अवसर पर ब्रज धाम रमणरेती से कार्षणी स्वामी गुरुशरणानंद महाराज स्वयं उपस्थित रहकर मंच को शोभायमान करेंगे। मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज, स्वामी परमात्मानंद महाराज के आशिर्वाचनो का लाभ भी श्रद्धालुओं को मिलेगा। उन्होंने बताया कि श्री राम कथा में दिन योग ऋषि स्वामी रामदेव, दीदी मां साध्वी रितंभरा के साथ काशी, हरिद्वार, वृंदावन एवं विशेष कर अयोध्या के सभी प्रमुख संतो के दर्शन का अवसर भी मिलेगा। राजेंद्र चोपड़ा ने कहा कि बाहर से पधारने वाले संत जनों के साथ-साथ गीता ज्ञान संस्थानम् द्वारा स्थानीय संतों को भी श्री राम कथा में सादर आमंत्रित किया जाएगा।
कुरुक्षेत्र की महिमा जितनी बताई जाए उतनी कम : मदन मोहन छाबड़ा
गीता ज्ञान संस्थानम् में धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने कहा कि कुरुक्षेत्र के महत्व और महिमा को जितना बताया जाए उतना ही उतना कम है। उन्होंने कहा कि मुगल काल में कुरुक्षेत्र का नाम तक मिटाने की कोशिश की गई लेकिन हमारी सनातन संस्कृति इतनी बड़ी थी कि कोई इसे खत्म नहीं कर पाया। छाबड़ा ने कहा कि जितने भी मुगल शासक आए, वह कुरुक्षेत्र के रास्ते से ही आए। मुगलों के आतंक की वजह से ही बनारस, हरिद्वार आदि तीर्थों की तर्ज पर कुरुक्षेत्र अपना स्थान नहीं बना पाया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के मार्गदर्शन में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के माध्यम से कुरुक्षेत्र ने पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने मारीशस, इंग्लैंड, कनाडा आदि देशों में सरकार द्वारा गीता महोत्सव का के आयोजन का जिक्र करने के साथ-साथ कुरुक्षेत्र में प्रतिवर्ष विशाल सर पर गीता महोत्सव मनाने के पीछे स्वामी ज्ञानानंद महाराज की प्रेरणा एवं श्रीमद्भगवद्गीता के प्रति उनके समर्पण की बात कही। मदन मोहन छाबड़ा ने गीता महोत्सव के दौरान संत मोरारी बापू के सानिध्य में श्रीराम कथा का आयोजन करवाने पर गीता ज्ञान संस्थानम् एवं जीओ गीता को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि 1991 के बाद एक बार पुनः मुरारी बापू का कुरुक्षेत्र आगमन कुरुक्षेत्र के साथ पूरे विश्व को गीता स्थली कुरुक्षेत्र और यहां की महिमा से अवगत करवाएगा।