बड़े खिलाडिय़ों की प्रतिभा कागजों में नहीं, बल्कि स्टेडियम में नए खिलाडिय़ों को तैयार करने में होगी प्रयोग
खेल प्रशिक्षकों की कमी को जल्द किया जाएगा पूरा
खेलो इंडिया की तैयारियां में जुट गया है खेल विभाग
कृषि कानूनों पर विपक्ष कर रहा है केवल वोट बैंक की राजनीति
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 12 अक्टूबर। हरियाणा के खेल एवं युवा मामले मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि हरियाणा में स्टेडियम खड़े करने की बजाय खेल मैदान बनाकर खिलाडिय़ों को आगे बढ़ाने का लक्ष्य है। इससे खिलाडिय़ों की प्रतिभा में निखार आएगा, जो उसे अपने मुकाम तक पहुंचाने में मददगार साबित होगा। बहरहाल, खेल विभाग प्रतिभावान खिलाडिय़ों को तराशने का काम कर रहा है। ये खिलाड़ी न केवल राष्ट्रीय व बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा का सम्मान बढ़ा रहे हैं। खिलाडिय़ों की इसी प्रतिभा को देखते हुए वर्ष 2021 में हरियाणा को खेलो इंडिया की मेजबानी का मौका मिला है।
खेलमंत्री संदीप सिंह ने बातचीत करते हुए कहा कि हरियाणा में खेल प्रशिक्षकों की कमी जल्द दूर होगी और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके खिलाडिय़ों की प्रतिभा को कागजों में नहीं फंसाया जाएगा बल्कि वे स्टेडियम में नए खिलाडिय़ों को तैयार करने में अपना योगदान देंगे। हरियाणा को खेलो इंडिया की मेजबानी का मौका मिला है, खेल विभाग इसके लिए तैयारियां करने में अभी से जुट गया है।
हरियाणा में 1966 से लेकर अब तक किसी भी बड़े खेल आयोजन नहीं हुआ है। यह पहली बार है कि हरियाणा को वर्ष 2021 में खेलो इंडिया की मेजबानी का मौका मिला है। खेल विभाग की ओर से तैयारियां शुरू कर दी हैं। पंचकूला में खेलो इंडिया का मुख्य आयोजन होगा। इस मेजबानी के लिए वे केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू का आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने यह मौका दिया और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इसका स्वागत किया।
हरियाणा में यह आयोजन होने से खेलों के प्रति खिलाडिय़ों की रूचि ज्यादा बढ़ेगी और दूसरे प्रदेशों से जो खिलाड़ी आयोजन में हिस्सा लेंगे वे एक सुनहरी यादगार यहां लेकर आएंगे। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना का हर जगह असर देखने को मिल रहा है। चाहे वह खेल का मैदान को या फिर बाजार व उद्योग-धंधे। कोरोना के प्रति खिलाडिय़ों को जागरूक करने के लिए वे खुद प्रदेशभर में कोच व खिलाडिय़ों से वर्चुअल संवाद कर रहे हैं और केंद्र सरकार की ओर से जारी हिदायतों की पालना करने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
ग्रामीणों की फिटनेस के लिए व्यायामशालाओं का निर्माण किया गया है। व्यायामशाला में यदि विकल्प दिखाई देता है कि यहां कबड्डी, खो-खो या कुश्ती का मैदान तैयार करना है, तो उसे जरूर तैयार किया जाएगा। आसपास के गांवों के युवाओं की खेल प्रति रूचि भी देखी जाएगी, जिस खेल के प्रति रूचि होगी, उसका मैदान तैयार होगा ताकि युवा आसानी से खेल का अभ्यास कर सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल का एक सपना है कि हर गांव में यूथ क्लब हो, इस उद्देश्य को पूरा करने व युवाओं की भागेदारी को सुनिश्चित करने के लिए यूथ क्लब का गठन किया जा रहा है।
यूथ क्लब का उद्देश्य युवाओं के उनके मुकाम तक पहुंचाने के साथ सपनों को सही दिशा देना है। क्योंकि नए युवाओं को हमेशा एक दिशा देने की जरूरत होगी। अगर सरकार उन्हें इसके लिए मदद करेगी तो युवा आसानी से अपने लक्ष्य को हासिल कर सकेंगे। खेलमंत्री ने कहा कि हरियाणा में खेल प्रशिक्षकों के साथ राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाडिय़ों को स्टेडियम में उतारा जाएगा ताकि वे खिलाडिय़ों की प्रतिभा को तराशने में सहयोग करें। जो नेशनल इंस्टीट्यूट आफ स्पोट्र्स से डिग्री लेकर आता है, उसे ही कोच के रूप में रखा जाएगा। प्रदेश की सभी खेल नर्सरियों से लेकर स्टेडियम तथा खेल मैदानों पर खेल प्रशिक्षकों की कमी को जल्द पूरा किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों का किसान कहीं भी विरोध नहीं कर रहा है। केवल विपक्ष द्वारा किसानों को गुमराह किया जा रहा है। मगर अब किसान विपक्ष की सच्चाई जान चुके है और समझ गए है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय दोगुना करने का वर्ष 2022 में जो लक्ष्य निर्धारित किया है, कृषि कानून उसे पूरा करने में अहम भूमिका निभाएंगे, इन कानूनों से एमएसपी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ट्रैक्टर यात्रा हरियाणा व पंजाब दोनों सूबों में पूरी तरह विफल रही। महज 10 किलोमीटर की यात्रा में राहुल की ट्रैक्टर यात्रा का कई लोगों ने स्टेयिरंग पकड़ा। राहुल गांधी किसानों के नाम पर यात्रा कर रहे, लेकिन उन्होंने किसानों को लेकर कोई बातचीत नहीं की। इससे स्पष्ट है कि राहुल गांधी की किसान यात्रा महज ड्रामा थी, जिसे हरियाणा के किसानों ने पूरी तरह नकार दिया।
विपक्ष की इस किसान यात्रा में किसानों की भीड़ एकत्रित नहीं हो पाई, यही कारण रहा कि किसान यात्रा करनाल की बजाय कुरुक्षेत्र में ही खत्म हो गई। क्योंकि किसान विपक्ष की सच्चाई जान चुके हैं कि विपक्ष ने हमेशा किसानों को बरगलाने का काम किया है।