भारत की स्वतंत्रता के लिए तिब्बत की स्वतंत्रता जरूरी है
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। भारत तिब्बत समन्वय संघ की क्षेत्रीय महामंत्री महिला विभाग डा. रुकमेश चौहान की टीम के नेतृत्व में भारत तिब्बत समन्वय संघ का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। उल्लेखनीय है कि संघ द्वारा 1 से 7 मार्च, 2022 तक भारत तिब्बत अंतर्संबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। हरियाणा की तीन छात्राओं ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया तो वहीं दूसरी ओर 15 छात्राओं ने टॉप 15 की सूची में नाम दर्ज करवाया। जिसमें हरियाणा के प्रथम अट्ठारह छात्रों को सम्मानित किया गया। डा. रुकमेश चौहान ने बताया कि भारत की स्वतंत्रता के लिए तिब्बत की स्वतंत्रता जरूरी है। उन्होंने कहा कि चीन हमारा कभी पड़ोसी नहीं रहा और यदि आज तिब्बत मुक्त हो जाता है, तब चीन हमसे बहुत दूर हो जाएगा और भारत के सुरक्षा पर जो अतिरिक्त व्यय हो रहा है, वह भी बहुत कम रह जाएगा।
उत्तर क्षेत्रीय महामंत्री डा. रुकमेश चौहान ने कहा कि अगर अभी से चीन की बढ़ती हुई मनमानी पर कंट्रोल नहीं किया गया तो भविष्य में भारत को इसके दुष्परिणाम देखने को मिलेंगे। संगठन के राष्ट्रीय मंत्री व उत्तर क्षेत्र प्रभारी प्रो बीआर कुकरेती ने भी कहा कि प्रतियोगिता के माध्यम से तिब्बत का विषय हमने घर-घर पहुंचाया। आज तिब्बत विषय पर लोग चर्चा करना प्रारंभ कर रहे हैं। राष्ट्रीय महामंत्री विजय मान ने कहा कि तिब्बतियों के प्रति भारत का दायित्व केवल शरण देना ही नही अपितु तिब्बत को दोबारा आजाद राष्ट्र के रूप में स्थापित करना भी है। चीन के कब्जे में तिब्बत के जाने से भारतीयों के आराध्य देवों के देव भगवान भोलेनाथ के मूल स्थान कैलाश-मानसरोवर भी चीन के नियंत्रण में चला गया, उसे वापस पाना हर भारतीय की जिम्मेदारी है।
भारत तिब्बत समन्वय संघ के राष्ट्रीय महामंत्री विजय मान ने कहा है कि भारत की संसद ने 14 नवम्बर 1962 को एक प्रस्ताव पास कर के संकल्प लिया था कि चीन द्वारा अनाधिकृत तरीके से हथियाई भूमि को हर सूरत में वापिस लिया जाएगा । लेकिन आज तक वह संकल्प अधूरा है, जिसे भारत सरकार को पूरा करना चाहिए । ऐसा करने से तिब्बत की आजादी का मार्ग प्रशस्त होगा व चीन की विस्तारवादी नीति पर भी लगाम लगेगी। उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि जब तक चीन तिब्बत को अपने चंगुल से मुक्त नहीं कर देता, तब तक उसके देश में होने वाले किसी भी खेल में भारतीय खिलाड़ी को न भेजें।
डा. अनुपम अरोड़ा ने कहा कि भगवान भोलेनाथ के मूल स्थान को चीन के कब्जे से वापस पाना, यह हर भारतीय की जिम्मेदारी है। तिब्बत की आजादी से ही कैलाश मानसरोवर की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होगा। इसलिए हर भारतीय को तिब्बत की आजादी के काम में प्राण प्रण से जुड़ना चाहिए, संगठन के उत्तर क्षेत्र के मुख्य संयोजक फकीर चंद चौहान ने कहा कि चीन के चंगुल से तिब्बत को मुक्त कराना इतना भी सरल नहीं है लेकिन जन शक्ति के आगे विश्वज्योत आया है और हमें ऐसे ही जन जागरण के माध्यम से वैश्विक स्तर पर जन शक्ति को खड़ा करना है। उत्तर क्षेत्र महिला अध्यक्ष संध्या सिंह ने कहा कि आज जन-जन के बीच भगवान भोलेनाथ के मूल गांव को मुक्त कराने का संकल्प दिलाने और उसे पूरा करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में संगठन के राष्ट्रीय मंत्री नरेंद्र चौहान ने बच्चों का आह्वान किया कि वह राष्ट्रीयता के मुद्दे पर अपने माता-पिता को भी जागरूक करें, उन्होंने कहा कि अब जमाना बदल रहा है पहले बच्चे को माता-पिता राष्ट्रीयता की भावना में लगाते थे लेकिन अब बच्चों को अपने माता-पिता को राष्ट्रीयता के भाव में लाना होगा। जयपुर राजस्थान से आए हुए प्रोफेसर प्रिंसिपल राजकीय महाविद्यालय डा. सीताराम चौधरी ने कहा कि चीन अपनी सत्ता का दुरुपयोग कर रहा है और जब तक उसका सामना करने के लिए भारतीय एकजुट नहीं होंगे तब तक वह हमें चैन से जीने नहीं देगा। कार्यक्रम में विद्वानों ने भाग लिया तो वहीं दूसरी हरियाणा प्रांत के सभी जिलों से प्रतिभागियों ने शिरकत की।