फसल अवशेषों को जलाने की बजाए खेतों में मिलाएं किसान : डा. शैलेंद्र
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 13 अक्टूबर। गांव बारना में फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर किसान प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन व कृषि यंत्रों के बारे में जानकारी दी गई। कृषि विकास अधिकारी डा. शैलेंद्र ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि वे अपने खेतों में धान की अवशेषों को जलाने की बजाए उन्हे खेतों में ही मिलाएं। फसल अवशेषों को खेतों में मिलाने से खेतों की उर्वरा शक्ति में इजाफा होता है। इससे जहां पर्यावरण प्रदूषित होने से बचता है वहीं खेतों में खाद की मात्रा भी कम डालनी पड़ती है।
उन्होंने कहा कि अवशेषों को जलाना कानूनी अपराध है और फाने जलाने वाले किसानों के लिए जुर्माने का प्रावधान है। उन्होने कहा कि जो किसान दो एकड़ तक फसल अवशेष जलाएगा उसे 2500 रूपए जुर्माना भरना होगा। 5 एकड़ तक फसल अवशेष जलाने पर 5 हजार रूपए तक व पांच एकड़ से ज्यादा जलाने पर 15 हजार रूपए तक का जुर्माना भरना होगा। इसलिए किसान फसल अवशेषों को न जलाएं। कृषि विभाग के जेई भारत ने कृषि यंत्रों के बारे में किसानों को समझाया।
उन्होने कहा कि सरकार द्वारा कृषि यंत्रों पर सब्सिड़ी दी जा रही है। उन्होने किसानों को सुपर सीडऱ, मल्चर, चोपर, एमवी प्लो व कंबाईन हारवेस्टिंग यंत्रों के बारे में किसानों को बताया। मैस्चिया कंपनी से रजत व एडीओ ज्योतिसर दिनेश शर्मा ने भी किसानों को संबोधित किया। इस अवसर पर दी बारना को. ऑपरेटिव सोसायटी के प्रबंधक महेंद्र शर्मा, किसान फतेह सिंह, कृष्ण कुमार, मुकेश, लछमन सिंह, रामफल, फूल सिंह व अन्य किसान मौजूद रहे।