श्री जयराम विद्यापीठ भारतीय संस्कृति, संस्कारों के संरक्षण एवं बेटियों को शिक्षित करने में संकल्पबद्ध
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। देशभर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष एवं श्री जयराम विद्यापीठ के संचालक ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों के संरक्षण के साथ साथ विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र की बेटियों को अधिक से अधिक शिक्षित करने व उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए संकल्पबद्ध हैं। अपने पूज्य गुरु ब्रह्मलीन देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज की प्रेरणा से संस्कृत भाषा व वेद की शिक्षा का प्रचार-प्रसार, बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ ही गरीब बेटियों के सामूहिक विवाह जैसे कल्याणकारी कार्य करवाकर ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी मानव कल्याण व लोकसेवा में अहम भूमिका अदा कर रहे हैं।
जयराम संस्थाओं के मीडिया प्रभारी राजेश सिंगला ने कहा कि गीता जयंती के अवसर पर हर वर्ष सामूहिक विवाह समारोह का अवसर अद्भुत होता है। उन्होंने कहा कि विद्यापीठ में संत महापुरुषों के आशीर्वाद से सामूहिक विवाह समारोह का अवसर एक तरह से अलौकिक क्षण होता है। सिंगला ने बताया कि गीता जयंती महोत्सव 2022 के अवसर पर इस बार करीब तीन साल बाद भव्य सामूहिक विवाह समारोह आयोजित होगा। विद्यापीठ में जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से हर वर्ष गीता जयंती के अवसर आयोजित होने वाले अन्य कार्यक्रमों के साथ गरीब परिवारों की कन्याओं का सामूहिक विवाह समारोह महत्वपूर्ण होता है। कोरोना महामारी के कारण विद्यापीठ में अन्य कार्यक्रमों के साथ सामूहिक विवाह समारोह आयोजित नहीं हो सके थे लेकिन गीता जयंती महोत्सव 2022 के अवसर पर आयोजित होने वाले भव्य सामूहिक विवाह समारोह को लेकर तैयारियां जोरों शोरों से चल रही हैं। संत महापुरुषों के आशीर्वाद से सामूहिक विवाह के इच्छुक लोग विद्यापीठ से आवेदन ले रहे हैं।
सिंगला ने बताया कि विद्यापीठ में पिछले तीन दशकों में अभी तक 12 सौ से अधिक गरीब परिवारों की कन्याओं के हाथ पीले हो चुके हैं और सभी सफल वैवाहिक जीवन यापन कर रहे हैं। विद्यापीठ में हर वर्ष भव्य सामूहिक विवाह समारोह के अवसर विभिन्न धर्मों के वर वधुओं का विवाह उनकी परम्पराओं के अनुसार पूरे विधि विधान से सम्पन्न होता है। सिंगला ने बताया कि यह सामूहिक विवाह समारोह पिछले करीब तीन दशकों से दिल्ली के सारादेवी चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष राम लाल गोयल, प्रयाग चंद गोयल, परुषोत्तम गोयल तथा उनके परिवार के सदस्यों द्वारा आयोजित किया जाता रहा है। सामूहिक विवाह उपरांत हर वर्ष विद्यापीठ नव विवाहित जोड़ों को वैवाहिक जीवन यापन के लिए बर्तन, टी.वी., अलमारी, डबल बैड गद्दे सहित चादर, कंबल, साईकिल, ट्रंक, लड़का – लड़की के कपड़े व साड़ियां टेबल – कुर्सियां, सिलाई मशीन जेवर, श्रृंगारदान, भाजी व नकद कन्यादान इत्यादि दिए जाते हैं।