इस प्रकार के समागम समाज के लिए आवश्यक, समाज में एक नई ऊर्जा, ताकत और सामाजिक सुरक्षा की भावना का संचार होता है – मनोहर लाल
भावी पीढ़ी को गुरू की शिक्षा मिले, इसलिए गुरबाणी, गुरु ग्रंथ साहिब की शिक्षाओं का करें प्रचार – मुख्यमंत्री
न्यूज डेक्स हरियाणा
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज हिसार जिले के हांसी में बाबा बंदा सिंह बहादुर की स्मृति में आयोजित 76वें वार्षिक दीवान के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और माथा टेका। दिवान में प्रदेशभर से बड़ी संख्या में आए श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार के समागम निरंतर होते रहने चाहिए, जिससे न केवल आने वाली पीढ़ी को महापुरुषों की जीवनी से प्रेरणा मिलती है, बल्कि इससे समाज में एक नई ऊर्जा, ताकत और सामाजिक सुरक्षा की भावना का संचार भी होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी उन्हें मौका मिलता है, वे इस प्रकार के समागम में अवश्य पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादुर की जीवनी को हम पढ़ते हैं या कलाकारों के माध्यम से उनकी जीवनी को नाटक द्वारा दर्शाया जाता है उसे देखते हैं और उनके जीवन पर तैयार भजन सुनते हैं तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं कि किस प्रकार का उनका जीवन रहा। बाबा बंदा सिंह बहादुर ने अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए मुगलों के खिलाफ लड़ाईयां लड़ कर देश में गुलामी को खत्म करके आजादी का परचम लहराने में योगदान दिया। बाबा बंदा सिंह बहादुर ने गुरु पुत्रों की शहादत का बदला भी लिया और अपनी शहादत भी दी। यहां तक की अपने पुत्र का भी उन्होंने बलिदान दिया। यह वास्तव में प्रेरणादायक है।
बाबा बंदा सिंह बहादुर समाज के लिए संत थे, समाज के दुश्मनों के लिए एक सिपाही थे
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें बाबा बंदा सिंह बहादुर जी के बलिदान से प्रेरणा लेनी चाहिए।
बाबा बंदा सिंह बहादुर समाज के लिए तो संत थे, लेकिन समाज के दुश्मनों के लिए एक सिपाही थे। उन्होंने हथियार उठाए, देश की रक्षा की और सबसे पहले सिख राज्य की स्थापना करके लोहगढ़ में राजधानी बनाई। समाज की भलाई के लिए उन्होंने अनेक काम किए।
हांसी में भी कोई ऐतिहासिक स्थल बनाया जाए, जिससे हांसी का नाम उज्जवल हो
मनोहर लाल ने हांसी का जिक्र करते हुए कहा कि हांसी का अपना एक प्रेरणादायी इतिहास है। महाराज पृथ्वीराज चौहान की राजधानी हांसी थी, उन्होंने सारी लड़ाई हांसी से ही लड़ी। हांसी की लाल सडक़ की कहानी हम सुनते हैं कि कैसे यहां के नागरिकों द्वार शहादत दी गई। इसके साथ लगते रोहनात गांव की शहादत की कहानियां भी सबने सुनी हैं। उन्होंने कहा कि हांसी का ऐतिहासिक महत्व है। हांसी का देश दुनिया की संस्कृति में नाम हो, जिससे लोगों को प्रेरणा मिले, इसलिए जिस प्रकार लोहागढ़ में स्मारक बनाया जा रहा है और मार्शल आट्र्स स्कूल स्थापित किया जा रहा है, उसी प्रकार हांसी में भी कोई स्थल बनाया जाए, जिससे हांसी का नाम उज्जवल होगा।
भावी पीढ़ी को गुरु की शिक्षा मिले, इसलिए गुरबाणी, गुरु ग्रंथ साहिब की शिक्षाओं का प्रचार करें
मनोहर लाल ने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादुर की स्मृति में सोसायटी बनी हुई है, यह लगातार अपना कार्य कर रही है। आने वाली पीढ़ी को गुरू की शिक्षा मिले, इसलिए गुरबाणी, गुरु ग्रंथ साहिब की शिक्षाओं का अधिक से अधिक प्रचार करें। इसके लिए जहां गुरुद्वारे नहीं है, वहां गुरुद्वारे बनवाने का प्रयास करें और इस कार्य में राज्य सरकार की ओर से भी पूरी मदद की जाएगी। इसके साथ ही, बाबा बंदा सिंह बहादुर की जीवनी के बारे में भी नई पीढ़ी को सिखाने के लिए उनके जीवन पर किताबें तैयार करने, कला, गीत, भजन व सेमिनार का भी आयोजन किया जाए।
इस प्रकार के समागमों से समाज में सद्भावना व भाईचारा बढ़ता है
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार का समागम वार्षिक तौर पर किया जाता है, इसकी बजाय वर्ष में एक से अधिक बार ऐसे समागम किए जाएं। अलग-अलग कमेटियां बनाई जाएं और उनको जिम्मेदारी दी जाए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के समागम बाबा बंदा सिंह बहादुर की राजधानी लोहगढ़ में भी करना चाहिए, क्योंकि ऐसे समागमों से समाज में सद्भावना व भाईचारा बढ़ता है और इस कार्य में सरकार की ओर से भी हर संभव सहायता की जाएगी।
इस अवसर पर शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता, लोकसभा सांसद संजय भाटिया, बृजेंद्र सिंह, राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा, हांसी के विधायक विनोद भ्याना, बाबा बंदा सिंह बहादुर के वंशज जितेंद्र पाल सिंह सोढी सहित अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।