Friday, November 22, 2024
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पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने डीसी को सौंपा ज्ञापन

by Newz Dex
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नगर परिषद थानेसर की मतदाता की सूचि और वार्ड़बंदी में गड़बड़ी का लगाया आरोप 

सारे मामले की जांच करवाकर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई करने की डीसी से की मांग 


न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र।हरियाणा के पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक अरोड़ा के नेतृत्व में पूर्व पार्षदों ने उपायुक्त शांतनु शर्मा को ज्ञापन देकर मांग की कि है कि नप थानेसर की तैयार की जा रही वोटर सूचि में धांधली और वाडऱ्बंदी की निष्पक्ष जांच करवाई जाए व मतदाता सूचियों और वार्ड़बंदी को ठीक किया जाए। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि मतदाता सूचियों और वार्ड़बंदी में अधिकारियों की मिलीभग्त से गड़बड़ी की गई है। उपायुक्त से मांग की गई कि गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। उपायुक्त ने शिष्टमंडल को निष्पक्ष जांच करवाने का आश्वासन दिया। पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा के नेतृत्व में उपायुक्त से मिलने वाले शिष्टमंडल में इंप्रुवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन जलेश शर्मा, पूर्व पार्षद नरेंद्र शर्मा निंदी, पूर्व पार्षद मन्नू जैन, पूर्व पार्षद विवेक मैहता विक्की, पूर्व पार्षद गौरव शर्मा गौरी, पूर्व पार्षद ओमप्रकाश ओपी, पूर्व पार्षद प्रतिनिधि व कांग्रेसी नेता पवन चौधरी, सुनील अमरनाथ, विवेक भारद्वाज डब्बू, पूर्व पार्षद निश्चल ढींगरा सहित चुनाव लडऩे के इच्छुक कई नेता शामिल थे। 

ज्ञापन देने के पश्चात अशोक अरोड़ा ने बताया कि उपायुक्त को अवगत करवाया गया है कि नगर परिषद की मतदाता सूचि में राजनीतिक दबाव के चलते अनेक धांधलियां बरती जा रही हैं और इसी प्रकार वाडऱ्बंदी में भी गड़बड़ी की गई है। जहां 10 और 14 वाडऱ् में आबादी कम है लेकिन मतदाता आबादी से भी अधिक बना दिए गए हैं। वार्ड 10 की आबादी 5738 है जबकि वोटर सूचि में 7482 मतदाता हैं। इसी प्रकार वाडऱ् 14 में आबादी 4702 और वोटर 4968 दिखाए गए हैं। इतना ही नही वार्ड़ 21 में तो 1939 वोटर हैं इसी प्रकार वार्ड 22 में 2295 व वार्ड़ 11 में 2368 वोटर हैं जबकि अनेक वाडऱ्ों में 5 व 7 हजार से अधिक मतदाता रखे गए हैं। इस प्रकार वोटर सूचि में धांधली बरती गई है।  अशोक अरोड़ा ने कहा कि निर्वाचन आयोग के कानून के अनुसार अधिकतम 10 प्रतिशत का अंतर वोटर सूचि में हो सकता है जबकि यहां तो कई गुणा अंतर रखा गया है। इसी प्रकार वाडऱ्बंदी भी गलत तरीके से की गई है। सरकार द्वारा वाडऱ्बंदी की जो सूचना जारी की गई है उसमें और वार्ड़बंदी के नक्शे में काफी अंतर है। सत्तारूढ दल के दबाव में अनेक वोटर एक दूसरे वार्ड़ में डाले जा रहे हैं। उन्होने उपायुक्त से मांग की कि सारे मामले की जांच करवाकर मतदाता सूचियों को ठीक किया जाए और दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। 

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