Friday, November 22, 2024
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राम कथा स्वयं से स्वयं का बोध करवाती है : मुरारी बापू

by Newz Dex
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श्री राम कथा मानस गीता में उमड़ा जनसैलाब

दूसरे दिन कथा श्रवण करने पहुंचे राज्यपाल

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के सान्निध्य एवं गीता ज्ञान संस्थानम् के तत्वाधान में मेला ग्राउंड में आयोजित की जा रही श्री राम कथा मानस गीता में  श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। विश्वविख्यात मानस मर्मज्ञ संत मुरारी बापू के मुखारविंद से सराबोर श्री राम कथा मानस गीता के दूसरे दिन राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के साथ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़, खेल मंत्री संदीप सिंह, सांसद नायब सैनी, विधायक सुभाष सुधा एवं करनाल की मेयर रेनू बाला गुप्ता ने विशिष्ट अतिथियों के रूप में सम्मिलित होकर कथा श्रवण की।

श्री राम कथा मानस गीता के मुख्य संयोजक प्रदीप मित्तल, संरक्षक अशोक चावला, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, विजय नरूला तथा मंचेस्टर इंग्लैंड से पधारे जीओ गीता इंग्लैंड के महासचिव अनीत कपूर ने जीओ गीता एवं गीता ज्ञान संस्थानम् की ओर से सभी अतिथियों का स्वागत किया। श्री राम कथा के शुभारंभ अवसर पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, वृंदावन रमन रेती से कार्षणी स्वामी गुरुशरणानंद महाराज एवं राजकोट गुजरात से स्वामी परमात्मानंद महाराज ने व्यासपीठ पर विराजमान संत मुरारी बापू को पुष्प भेंट कर व्यासपीठ को नमन किया।

श्री राम कथा मानस गीता के दूसरे दिन श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए मुरारी बापू ने कहा कि मानस स्वयं गीता है और मानस स्वयं कर्म योग एवं भक्ति योग है। उन्होंने कहा कि जहां भक्ति होती है, वहां कोई प्रश्न नहीं होता। जीवन और मरण के रहस्य पर प्रकाश डालते हुए मुरारी बापू ने कहा कि मौत कभी किसी को मारने नहीं आती, लेकिन जब समय आता है तो मौत को अपना काम करना ही होता है। उन्होंने कहा कि रामायण भगवान शिव के मुख से निकली और गीता योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण के मुख से। गीता पर संवाद करते हुए मुरारी बापू ने कहा कि गीता में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि गीता मेरे होंठ, जीभ, कान अथवा शरीर का कोई अंग नहीं है, बल्कि गीता केवल और केवल मेरा हृदय है।

गीता और मानस की चर्चा करते हुए बापू बोले कि गुरु की चरण रज से दिव्य दृष्टि मिलती है, जो रामायण में विभीषण को तथा महाभारत में अर्जुन को मिली। रामायण में विभीषण तथा महाभारत में अर्जुन विषाद ग्रस्त थे, लेकिन दोनों ने अपना सर्वस्व जब भगवान को सौंप दिया तभी उन्हें वह दिव्य दृष्टि प्राप्त हुई।  उसी दिव्यदृष्टि के माध्यम से दोनो का भगवान से संवाद हुआ तथा विषाद से मुक्ति मिली। उन्होंने कहा कि जहां संवाद है वही बोध है। कथा से पूर्व कार्षणी स्वामी गुरुशरणानंद महाराज, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज एवं स्वामी परमात्मानंद महाराज ने भी अपने प्रवचनों से श्रद्धालुओं को सराबोर किया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने अपने संबोधन में मुरारी बापू का हरियाणा की धरती पर राम कथा करने के लिए आभार जताया। श्री राम कथा मानस गीता के समापन अवसर पर पंडाल में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने खड़े होकर रामायण जी की आरती की। इस अवसर पर श्री राम कथा मानस गीता के मुख्य यजमान राज सिंगला, बृज गुप्ता, हैप्पी चावला, जगदीश तनेजा, सुनील वत्स, भारत भूषण बंसल, नरेश छाबड़ा, गिरधारी लाल भट्ठे वाले, योगेश चावला, नवदीप लूथरा, हैप्पी कालड़ा एवं पवन भारद्वाज सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

मुरारी बापू का हर घर गीता जयंती मनाने का आह्वान :

 श्री राम कथा मानस गीता में प्रवचनों की अमृत वर्षा के दौरान मुरारी बापू ने देशवासियों से 4 दिसंबर को हर घर में गीता जयंती मनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश ही नहीं विदेशों में भी गीता जयंती मनाई जानी चाहिए। मुरारी बापू ने कहा कि इस समय टी.वी. के माध्यम से 170 देशों में श्री राम कथा मानस गीता का श्रवण किया जा रहा है। उन्होंने उन सभी देशों में रह रहे भारतीयों एवं अन्य लोगों से अपने घर में गीता जयंती पर्व मनाने का आह्वान किया। मुरारी बापू ने गीता जयंती को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए हरियाणा सरकार के साथ गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के योगदान एवं सफल प्रयासों की सराहना की।

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