अंतर्राष्ट्रीय श्रीमद्भगवद्गीता जयंती समारोह के उपलक्ष्य में मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय श्रीमद्भगवद्गीता जयंती समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में पंहुचे देश-विदेश से संत जन
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। वर्तमान समाज में श्रीमद्भगवद्गीता अत्यंत प्रासंगिक है। श्रीमद्भगवद्गीता दर्शन धर्म के परिप्रेक्ष से ऊपर उठ कर अपने दार्शनिक दृष्टिकोण के स्वरूप को उजागर करते हुये भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में भी लोकप्रिय है। वर्तमान समाज की विकट समस्याओं का सामना करने के लिए मानव जाति को श्रीमद्भगवद्गीता के संदेश को आत्मसात करना आवश्यक प्रतीत होता है। यह विचार अंतर्राष्ट्रीय श्रीमद्भगवद्गीता जयंती समारोह-2022 के उपलक्ष्य में मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा आयोजित अठारह दिवसीय कार्यक्रम के पंचम् दिवस मातृभूमि सेवा मिशन एवं ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ वाइस चांसलरस एण्ड एकमेडिशीयनस के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को मिशन के फतुहपुर स्थित आश्रम परिसर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में अखंड शाश्वत गीता पीठ के परमाधयक्ष, महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी शाश्वतानंद गिरी महाराज ने व्यक्त किए।
अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ अखंड शाश्वत गीता पीठ के परमाधयक्ष, महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी शाश्वतानंद गिरी महाराज, मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र, इंटरनेशनल मेडिटेशन फाउंडेशन अमेरिका के परमाध्यक्ष स्वामी अद्वैतानंद महाराज, जे.एन.वी., विश्वविद्यालय, जोधपुर के पूर्व कुलपति एवं ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ वाइस चांसलरस एण्ड एकमेडिशीयनस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. लोकेश शेखावत, आयुष विभाग गुजरात के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप सिंह, हरियाणा होम्योपैथिक काउंसिल के चैयरमेन डॉ. हरिप्रकाश शर्मा एवं मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार के विशेष कार्य अधिकारी डॉ. संजय बठला ने संयुक्त रूप से योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण एवं भारतमाता के चित्र पर दीपप्रज्जवलन एवं पुष्पार्चन कर किया। मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों ने श्रीमद्भगवद्गीता के कर्मयोग पर आधारित एवं राष्ट्रीयता से ओत प्रोत सांस्कृति कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुति दी।
अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में मातृभूमि सेवा मिशन की ओर से संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने इंटरनेशनल मेडिटेशन फाउंडेशन अमेरिका के परमाध्यक्ष स्वामी अद्वैतानंद महाराज एवं डॉ. आशीष अनेजा को समाज सेवा, भारतीय संस्कृति धर्म एवं दर्शन के वैश्विक प्रचार प्रसार के लिए मातृभूमि गौरव सम्मान से विभूषित किया।
मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि संगोष्ठी में उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता एक कालजयी ग्रंथ सार्वदेशिक, सार्वभौमिक एवं सार्वकालिक ग्रंथ है। गीता न केवल भारत के लिए बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए प्रेरणामूलक एवं प्रासंगिक ग्रंथ है। इंटरनेशनल मेडिटेशन फाउंडेशन अमेरिका के परमाध्यक्ष स्वामी अद्वैतानंद महाराज ने बतौर मुख्य वक्ता अपने उद्बोधन में कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता में बुद्धि की व्याख्या मिलती है। योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता में भी बुद्धि को महत्व दिया है। सनातन वैदिक धर्म में भी श्रीमद्भगवद्गीता को भी महत्व दिया।
जे.एन.वी., विश्वविद्यालय, जोधपुर के पूर्व कुलपति एवं ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ वाइस चांसलरस एण्ड एकमेडिशीयनस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. लोकेश शेखावत ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता का पावन संदेश विश्व मानवता को समर्पित है। श्रीमद्भगवद्गीता का प्रभाव आज पूरे विश्व में व्याप्त है। डॉ. शेखावत ने मातृभूमि सेवा मिशन के सेवाकार्यों की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि मातृभूमि सेवा मिशन श्रीमद्भगवद्गीता के संदेश को आत्मसात कर मानवता की सेवा में समर्पित है।
अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी को स्वामी विप्रदास जी महाराज, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के पूर्व प्रोफेसर एवं अर्थशास्त्री प्रो. मदन मोहन गोयल, हरियाणा होम्योपैथिक काउंसिल के चैयरमेन डॉ. हरिप्रकाश शर्मा, मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार के विशेष कार्य अधिकारी डॉ. संजय बठला, पूर्व प्रधानाचार्य श्रीमती भगवती राजपूत, हरियाणा तकनीकि शिक्षा विभाग के पूर्व निदेशक श्री बी.एल. अरोड़ा एवं वीर चक्र से सम्मानित डॉ. उमेश कांत ने बतौर अति विशिष्ठ अतिथि संबोधित करते हुए श्रीमद्भगवद्गीता की वैश्विक प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।
अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में मंच संचालन आयुष विभाग गुजरात के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप सिंह ने किया। कार्यक्रम में आभार ज्ञापन प्रो. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कुरुक्षेत्र प्रोफेसर डॉ. एस.एम. गुप्ता ने किया और मातृभूमि सेवा मिशन का परिचय मिशन के वरिष्ठ सदस्य डॉ. राजेश चौहान ने करवाया। कार्यक्रम में कर्नल देवेन्द्र सिंह, विवेक गोयल, सत्यवान कौशिक, धर्मपाल सैनी, विनोद भारद्वाज, अशोक वर्मा, डॉ- राजीव कवात्र सहित अनेक धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं गीता के शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन विश्व मंगल के निमित्त शांति पाठ से हुआ। मातृभूमि सेवा मिशन आश्रम परिसर में पहुचंने पर मातृभूमि शिक्षा मंदिर एवं कुरुक्षेत्र संस्कृत वेद विद्यालय के ब्रह्मचारियों ने तिलक, मंत्रोच्चारण एवं शंख ध्वनि से अतिथियों का मुख्य द्वार पर स्वागत किया।