विभिन्न प्रदेशों के लोक कलाकारों ने किया पर्यटकों का मनोरंजन, विभिन्न राज्यों की संस्कृति बनी पर्यटकों के आकर्षण
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। ब्रह्मसरोवर के पावन तटों पर भारतीय संस्कृति की महक को दूर-दूर तक महसुस किया जा रहा है। इस संस्कृति की महक का एहसास करने के बाद एकाएक शहर और प्रदेश के लोग अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की ओर खिंचे चले आ रहे है। इस महोत्सव में जहां शिल्पकार अपनी शिल्पकला से पर्यटकों को मोहित कर रहे है, वहीं विभिन्न प्रदेशों के लोक कलाकार पर्यटकों का खूब मनोरंजन कर रहे है।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव शिल्प और सरस मेले के 7वें दिन सुबह और शाम के समय दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों का विभिन्न प्रदेशों के लोक कलाकार मनोरंजन करने का काम कर रहे है। उत्तरी तट पर जहां राजस्थानी लोक कलाकार कच्ची घोड़ी नृत्य की प्रस्तुति देकर पर्यटकों को नृत्य करने के लिए उत्साहित कर रहे थे, उत्तर पश्चिमी तट पर बीन-बांसुरी की धुन पर लोक कलाकार भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे। इस पावन तट के चारों तरफ किसी न किसी प्रदेश के कलाकार, बाजीगर, बहरुपिए भी पर्यटकों को लुभा रहे थे। शुक्रवार को इस शिल्प मेले की रौनक को बढ़ाने का काम विभिन्न राज्यों से आए पर्यटकों व विद्यार्थियों ने किया।
आसमान में खिली धूप ने महोत्सव के माहौल को और भी मनमोहक कर दिया, महोत्सव में आए विद्यार्थियों व पर्यटकों ने विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का जमकर लुत्फ उठाया। बच्चे, जवान और बुजुर्गों ने महोत्सव में जमकर खरीदारी की और विभिन्न प्रदेशों से आए कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रमों खूब मस्ती से नृत्य किया। उपायुक्त शांतनु शर्मा ने कहा कि प्रशासन की तरफ से महोत्सव में पर्यटकों, शिल्पकारों, कलाकारों के लिए अच्छे प्रबंध किए गए है और यह सरस और शिल्प मेला पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।
विभिन्न राज्यों की संस्कृति बनी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के पावन पर्व पर ब्रह्मसरोवर का तट विभिन्न राज्यों की संस्कृति को अपने आगोश में समेट रहा है। इस तट पर विभिन्न राज्यों की संस्कृति पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इस तट पर भारत के विभिन्न राज्यों की संस्कृति को एक साथ देखने का मौका मिल रहा है। शिल्प और सरस मेले में ब्रह्मसरोवर के तट पर चारों तरफ लगे स्टॉलों पर पर्यटक जमकर खरीदारी कर रहे है। यह दुकाने भारतीय शिल्पकला के सौंदर्य को भी चरितार्थ कर रही है।